न्यूज़ीलैंड से मिली हार तो कप्तान रोहित शर्मा का छलका दर्द, हारने की बताई असली वजह !
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने न्यूज़ीलैंड से दूसरा टेस्ट 113 रन से हारने और मैच में 0-2 से पिछड़ने के बाद हताश होकर शनिवार को कहा कि टीम की बल्लेबाजी संतोषजनक नहीं रही और यह टीम की हार का सबसे बड़ा कारण रहा।
बाएं हाथ के स्पिनर मिचेल सैंटनर (106 रन पर 6 विकेट) की घातक गेंदबाजी की बदौलत न्यूज़ीलैंड ने भारत को दूसरे टेस्ट में शनिवार को तीसरे दिन 113 रन से हराकर तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अपराजेय बढ़त बनाने के साथ भारतीय जमीन पर अपनी पहली सीरीज जीत हासिल कर ली। भारत को 359 रनों का लक्ष्य मिला था लेकिन भारतीय टीम 60.2 ओवर में 245 रन पर सिमट गयी।
भारत को 359 रनों का लक्ष्य मिला था। न्यूज़ीलैंड के पांच विकेट चटकाने के बाद भारत पहले सत्र में एक विकेट के नुक़सान पर 81 रन बना चुका था और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भारत इस मैच में जीत दर्ज करने की ओर बढ़ सकता है। भारत को सिर्फ़ एक अच्छे सत्र की ज़रूरत थी लेकिन दूसरे सत्र में पूरा मैच न्यूज़ीलैंड के पक्ष में झुक गया। न्यूज़ीलैंड ने बेंगलुरु में जीत हासिल कर 36 वर्षों बाद टेस्ट में जीत हासिल की थी और अब पहली सीरीज़ जीत भी उनके नाम है।
वहीँ भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने न्यूज़ीलैंड से दूसरा टेस्ट 113 रन से हारने और मैच में 0-2 से पिछड़ने के बाद हताश होकर शनिवार को कहा कि टीम की बल्लेबाजी संतोषजनक नहीं रही और यह टीम की हार का सबसे बड़ा कारण रहा।
रोहित ने मैच के बाद प्रेजेंटेशन में कहा, ''यह हार निराशाजनक है, हमें इसकी उम्मीद नहीं थी। हमें न्यूज़ीलैंड को श्रेय देना होगा क्योंकि उन्होंने हमसे बेहतर क्रिकेट खेली। जबकि हम मौक़ों को भुना नहीं पाए। हमारी बल्लेबाज़ी संतोषजनक नहीं रही, टेस्ट मैच जीतने के लिए 20 विकेट लेने ज़रूरी होते हैं लेकिन स्कोरबोर्ड पर रन बनाना उतना ही ज़रूरी होता है।''
कप्तान ने कहा,''हमने न्यूज़ीलैंड को ठीक-ठाक स्कोर पर रोक दिया था लेकिन हम अंतिम पारी में उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। पहली पारी में न्यूज़ीलैंड को 259 पर रोकना अच्छा था। हालांकि पिच उतनी भी मुश्किल नहीं थी, अगर हमने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाज़ी की होती तो शायद हम बेहतर स्थिति में होते। यह एक सामूहिक असफलता है।''
आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए रोहित ने कहा,'' हम आगे की नहीं सोच रहे और हमारा ध्यान अगला टेस्ट मैच जीतने पर होगा।''
आपको बता दें न्यूज़ीलैंड की इन दो जीत में केन विलियमसन भी टीम का हिस्सा नहीं थे, श्रीलंका में यह टीम हारकर आई थी। साउदी ने कप्तानी से इस्तीफ़ा दे दिया था लेकिन टॉम लैथम ने बढ़िया कप्तानी की। पहले मैच में कीवी तेज़ गेंदबाज़ों ने बागडोर संभाली और दूसरे मैच में सैंटनर ने अगुवाई की। जबकि बल्लेबाज़ी में कॉन्वे और रचिन रवींद्र के साथ कप्तान टॉम लैथम ने भी योगदान दिया और न्यूज़ीलैंड ने टेस्ट क्रिकेट की सबसे मुश्किल सीरीज़ में से एक सीरीज़ जीत दिला दी।
जब भारत पिछली बार घर पर टेस्ट सीरीज़ हारा था तब गंभीर उस टीम का हिस्सा थे और आज गंभीर टीम के मुख्य कोच हैं। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मिली उस सीरीज़ हार में अश्विन और कोहली भी भारतीय टीम का हिस्सा थे।
सैंटनर ने दूसरे टेस्ट में कुल 13 विकेट हासिल किये। उन्होंने पहली पारी में 53 रन पर सात और दूसरी पारी में 104 रन पर छह विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। उन्होंने मैच में कुल 13 विकेट हासिल किये।
Input - IANS