दोनों हाथ नहीं हैं फिर भी पेरिस पैरालंपिक 2024 में तीरंदाजी में बिखेरा जलवा, कौन है मात्र 17 साल की शीतल देवी
पेरिस पैरालंपिक 2024 में अपना जलवा बिखेरने वाली शीतल देवी, जिसने दोनों हाथ नहीं हैं लेकिन पैरों से जो कमाल वो करती हैं, उनकी जितनी भी तारीफ करो उतना काम है, आज पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मात्र 17 साल की इस चैंपियन की तारीफ हो रही है।
हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें, वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं और बिलकुल ऐसी ही है भारत की शीतल देवी, जो मात्र 17 साल की है, जिनके दोनों हाथ नहीं हैं लेकिन उनका हौंसलें हमेशा आसमान छूते हैं, पेरिस पैरालंपिक 2024 में शीतल देवी ने कमाल कर दिखाया है, उन्होंने कंपाउंड आर्चरी के रैंकिंग राउंड में 703 अंक हासिल कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, लेकिन उनका ये रिकॉर्ड कुछ ज्यादा देर तक नहीं टिका, क्योंकि कुछ ही समय बाद तुर्की की ओजनुर गिर्डी क्योर ने 704 अंक के साथ नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। जिसके बाद शीतल देवी ने दूसरे स्थान पर रहकर मिक्स्ड टीम इवेंट के लिए क्वालीफाई किया। जिसके बाद हर कोई शीतल देवी के बारे में बात कर रहा है और उन्हें सलाम कर रहा है।
जन्म से ही किया कठिनाइयों का सामना -
शीतल देवी का जन्म 10 जनवरी साल 2007 में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में हुआ, लेकिन वो जन्म से ही फ़ोकोमेलिया नामक बीमारी से पीड़ित थीं, इस बीमारी को आसान भाषा में समझें तो इसमें इंसान के अंग पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं, ऐसा ही हुआ शीतल देवी के साथ उनके दोनों हाथ नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी, उन्होंने तीरंदाजी का फैसला किया और इसे पैरों से खेलकर दुनिया को चौंका दिया। शीतल पैरालंपिक 2024 में अपनी मेहनत और लगन से सबको प्रभावित कर रही हैं और यह साबित कर रही हैं कि इरादे मजबूत हों, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती।
शीतल देवी ने मिक्स्ड टीम इवेंट में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड -
पेरिस पैरालंपिक 2024 में मिक्स्ड टीम इवेंट में शीतल देवी ने राकेश कुमार के साथ मिलकर एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इस इवेंट के लिए पुरुष और महिला खिलाड़ियों के स्कोर को जोड़ा जाता है। शीतल और राकेश का कुल स्कोर 1399 रहा, जो एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना।
किस अंदाज़ में करती हैं शीतल तीरंदाजी -
सोशल मीडिया पर शीतल देवी का तीरंदाजी करते हुए एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि शीतल बिना हाथों के अपने पैरों से तीर उठाती हैं, उसे धनुष में लगाती हैं, और फिर कंधे की मदद से तीर खींचकर निशाना साधती हैं। उनका निशाना बेहद सटीक होता है, जो दिखाता है कि कैसे उन्होंने अपनी शारीरिक चुनौतियों को मात दी है।
शीतल देवी की उपलब्धियां -
शीतल देवी पहली ऐसी अंतरराष्ट्रीय पैरा-तीरंदाजी चैंपियन बनी हैं जिनके दोनों हाथ नहीं हैं, सिर्फ इतना ही नहीं साल 2022 एशियाई पैरा खेलों में शीतल ने शानदार प्रदर्शन किया था जहाँ उनके नाम तीन पदक हुए, दो स्वर्ण पदक और एक रजत पदक शीतल ने जीतकर सबको चौंका दिया था । साथ ही हाल ही में शीतल ने महिला कंपाउंड टीम स्पर्धा में पैरा तीरंदाजी रैंकिंग सीरीज़ 2024 में स्वर्ण पदक जीता था। उन्हें भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार और वर्ष की सर्वश्रेष्ठ युवा एथलीट से सम्मानित भी किया गया।