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भारत की डब्लूटीसी फाइनल में जगह बनाने की चुनौती, ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराना अब जरूरी

भारत के लिए इस साल जून में होने वाले डब्लूटीसी फ़ाइनल में स्थान सुनिश्चित करने के लिए अभी भी कई कारक महत्वपूर्ण हैं, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों में मिली हार ने भारत की उम्मीदों को एक बड़ा धक्का दिया है। यदि भारत को फ़ाइनल में जगह बनानी है, तो उसे आगामी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में 4-0 से जीत हासिल करनी होगी। ऐसा करने पर भारत का प्रतिशत 65.79 तक पहुंच जाएगा, जो कि उसे शीर्ष दो में स्थान दिलाने के लिए पर्याप्त हो सकता है।
भारत की डब्लूटीसी फाइनल में जगह बनाने की चुनौती, ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराना अब जरूरी
वर्तमान में, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्लूटीसी) के आगामी फ़ाइनल के लिए 18 टेस्ट मैच बाकी हैं और इस समय पांच टीमें इस फ़ाइनल के लिए दावेदार हैं। इनमें से किसी भी टीम का स्थान अभी तक पक्का नहीं हुआ है। भारत को डब्लूटीसी के फ़ाइनल में पहुंचने के लिए खासे चुनौतीपूर्ण रास्ते का सामना करना पड़ रहा है। आइए समझते हैं कि भारत को इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए क्या करना होगा।

 
भारत को डब्लूटीसी में जाने के लिए करना होगा यह कारनामा।

 
भारत के लिए इस साल जून में होने वाले डब्लूटीसी फ़ाइनल में स्थान सुनिश्चित करने के लिए अभी भी कई कारक महत्वपूर्ण हैं, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों में मिली हार ने भारत की उम्मीदों को एक बड़ा धक्का दिया है। यदि भारत को फ़ाइनल में जगह बनानी है, तो उसे आगामी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में 4-0 से जीत हासिल करनी होगी। ऐसा करने पर भारत का प्रतिशत 65.79 तक पहुंच जाएगा, जो कि उसे शीर्ष दो में स्थान दिलाने के लिए पर्याप्त हो सकता है।
 

न्यूजीलैंड तोड़ सकता है डब्लूटीसी का सपना..

 
इस बीच, यदि न्यूजीलैंड इंग्लैंड को 3-0 से हराता है, तो न्यूजीलैंड का अंक प्रतिशत 64.29 तक पहुंच सकता है, जो भारत के लिए खतरे की घंटी हो सकता है। यही नहीं, दक्षिण अफ्रीका ने अगर श्रीलंका और पाकिस्तान को 2-0 से हराया तो वह 69.44 प्रतिशत अंक के साथ सबसे ऊपर पहुंच सकता है। इस स्थिति में दक्षिण अफ्रीका डब्लूटीसी अंक तालिका में सबसे ऊपर रहेगा और भारत दूसरे स्थान पर रहेगा, लेकिन यह सब इस बात पर निर्भर करेगा कि अन्य टीमों का प्रदर्शन कैसा रहता है।
 
अगर इन संभावनाओं के अनुरूप परिणाम होते हैं, तो भारत को कम अंकों के बावजूद फ़ाइनल में पहुंचने का मौका मिल सकता है। उदाहरण के तौर पर, अगर ऑस्ट्रेलिया से भारत 2-3 से हार जाता है, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच सीरीज़ 1-1 पर खत्म होती है, और दक्षिण अफ्रीका अपने घर में दोनों सीरीज़ को ड्रॉ कर लेता है, तो भारत के पास शीर्ष दो में बने रहने का मौका होगा। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया 58.77 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर रहेगा, जबकि भारत 53.51 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहेगा। दक्षिण अफ्रीका 52.78 प्रतिशत, न्यूजीलैंड 52.38 प्रतिशत और श्रीलंका 51.28 प्रतिशत अंक के साथ उनके पीछे होंगे।
 

भारत का डब्लूटीसी फ़ाइनल में पहुंचना कठिन

 
लेकिन यदि उपरोक्त परिणामों में से कोई एक भी बदलता है या अन्य टीमों के प्रदर्शन में बदलाव आता है, तो भारत की डब्लूटीसी फ़ाइनल में पहुंचने की संभावनाएं घट सकती हैं। यानि कि भारत को अब सिर्फ अपनी जीत पर निर्भर नहीं रहना होगा, बल्कि उसे अन्य टीमों के प्रदर्शन पर भी नजर रखनी होगी।
 
यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत की डब्लूटीसी फ़ाइनल में पहुंचने की राह अब पहले से कहीं अधिक कठिन हो गई है। भारत को फ़ाइनल में जगह पक्की करने के लिए ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराना होगा, जो कि एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। इसके अलावा, भारत को अन्य टीमों के परिणामों पर भी ध्यान देना होगा, ताकि वह दूसरी टीमों के प्रदर्शन का लाभ उठा सके।
 
भारत की डब्लूटीसी फ़ाइनल में जगह बनाने के लिए अब से ज्यादा किसी और की मदद की ज़रूरत नहीं होगी, बल्कि उसे खुद अपनी ओर से मजबूत प्रदर्शन करना होगा। भारत के क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद है कि भारतीय टीम इस चुनौती को पूरा करने में सफल होगी।
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