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भारत की धरती पर न्यूज़ीलैंड ने रचा इतिहास, 12 साल बाद अपने घर में टेस्ट सीरीज हारी टीम इंडिया

भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच खेले जा रहे तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले में भी न्यूज़ीलैंड ने शानदार जीत हांसिल की और इसी के साथ उन्होंने सीरीज पर भी कब्ज़ा कर लिया, ऐसा 12 सालों में पहली बार हुआ जब भारतीय टीम को टेस्ट सीरीज में अपने ही घर पर हारना पड़ा।
भारत की धरती पर न्यूज़ीलैंड ने रचा इतिहास, 12 साल बाद अपने घर में टेस्ट सीरीज हारी टीम इंडिया
बाएं हाथ के स्पिनर मिचेल सैंटनर (106 रन पर 6 विकेट) की घातक गेंदबाजी की बदौलत न्यूज़ीलैंड ने भारत को दूसरे टेस्ट में शनिवार को तीसरे दिन 113 रन से हराकर तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अपराजेय बढ़त बनाने के साथ भारतीय जमीन पर अपनी पहली सीरीज जीत हासिल कर ली।भारत को 359 रनों का लक्ष्य मिला था लेकिन भारतीय टीम 60.2 ओवर में 245 रन पर सिमट गयी।  

भारतीय टीम 12 वर्षों के बाद घर पर टेस्ट सीरीज़ हार गई है। पुणे टेस्ट के तीसरे दिन अच्छी शुरुआत के बावजूद भारतीय बल्लेबाज़ी मिचेल सैंटनर की फिरकी का जवाब नहीं दे पाई और मेजबान टीम को 113 रनों से हार का सामना करना पड़ा। न्‍यूज़ीलैंड की यह भारतीय सरज़मीं पर पहली टेस्‍ट सीरीज़ जीत है। इस जीत के साथ न्‍यूज़ीलैंड ने तीन मैचों की सीरीज़ में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है।

तीसरे दिन रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन की जोड़ी द्वारा न्यूज़ीलैंड को सस्ते में समेटे जाने के बाद भारत को 359 रनों का लक्ष्य मिला था। रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल की सलामी जोड़ी ने आक्रामक अप्रोच के साथ बल्लेबाज़ी शुरू की और शुरुआत में ऐसा प्रतीत हुआ कि भारतीय बल्लेबाज़ों ने पहली पारी में अपनी ग़लतियों से सीख ली है। रोहित और जायसवाल दोनों ने कदमों का इस्तेमाल किया और स्पिन को जवाब देने के लिए स्वीप शॉट भी खेले हालांकि रोहित जल्द ही आउट हो गए लेकिन पहले सत्र की समाप्ति तक भारत एक विकेट के नुक़सान पर 81 रन तक पहुंच चुका था।

जायसवाल अर्धशतक के क़रीब थे और शुभमन गिल के साथ मिलकर भारत की रन गति छह रन प्रति ओवर से अधिक की रन गति की ओर ले गए थे। भारत को मैच में ड्राइविंग सीट पर आने के लिए सिर्फ़ एक अच्छे सत्र की दरकार थी लेकिन दूसरा सत्र नाटकीय तौर पर न्यूज़ीलैंड के पक्ष में चला गया और इसके सूत्रधार सैंटनर बने।

गिल के पवेलियन लौटने के बाद जायसवाल भी अधिक देर तक नहीं टिक पाए। दोनों ही बल्लेबाज़ डिफ़ेंस करने के प्रयास में स्लिप में लपके गए। अब यहां से मैच को आगे ले जाने की ज़िम्मेदारी विराट कोहली और ऋषभ पंत के ऊपर थी। हालांकि पंत हड़बड़ी का शिकार हुए और रन आउट हो गए। यह विकेट भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव डालने के लिए पर्याप्त था। तीन विकेट ले चुके सैंटनर ने ही बैकवर्ड प्वाइंट से एक बढ़िया थ्रो स्ट्राइकर एंड पर फेंक कर पंत के लिए पवेलियन का मार्ग प्रशस्त किया।

इसके बाद भारत की रन गति भी धीमी पड़ने लगी और स्पिन भी काफ़ी हरकत करने लगी थी। कोहली भी ज़्यादा देर टिक नहीं पाए और आगे की गेंद को पीछे खेलने के क्रम में पगबाधा हो गए। उन्होंने रिव्यू लिया लेकिन अंपायर्स कॉल के चलते उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा। हालांकि डीआरएस कीवी टीम के लिए भी आज अधिक मेहरबान नहीं रहा और जायसवाल के ख़िलाफ़ दो बार पगबाधा की अपील पर लिया गया डीआरएस असफल रहा था।

पिछले टेस्ट में शतक लगाने वाले सरफ़राज़ ख़ान इस बार सैंटनर की लूप में फंस गए और डिफ़ेंस से चूकते हुए बोल्‍ड हो गए। यहां से अब भारत पर 12 साल बाद घर में सीरीज़ हारने का ख़तरा मंडराने लगा था, जिसे कुछ देर तक अश्विन और जडेजा की जोड़ी ने बचाए रखा। दोनों ने 75 गेंद में 39 रन जोड़े और जैसे ही अश्विन आउट हुए हार अधिक दूर नहीं दिखी। सैंटनर ने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में छह विकेट समेत पूरे मैच में कुछ 13 विकेट अपने नाम किए।

Input - IANS 
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