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रजत पाटीदार ने रणजी ट्रॉफी में 68 गेंदों में ठोका तूफानी शतक

रजत पाटीदार के शतक ने न केवल उन्हें रिकॉर्ड बुक में स्थान दिलाया, बल्कि इंदौर के होलकर स्टेडियम में चल रहे तीसरे दौर के मुकाबले में मध्य प्रदेश की संभावनाओं को भी बढ़ा दिया।
रजत पाटीदार ने रणजी ट्रॉफी में 68 गेंदों में ठोका तूफानी शतक
इंदौर, 24 अक्टूबर । मध्य प्रदेश के बल्लेबाज रजत पाटीदार ने शानदार अंदाज में अपने घरेलू सत्र में वापसी करते हुए मंगलवार को हरियाणा के खिलाफ मात्र 68 गेंदों में रणजी ट्रॉफी इतिहास का पांचवां सबसे तेज शतक जड़ दिया। उन्होंने पहली पारी में 102 गेंदों में 159 रन बनाए। 

रजत पाटीदार के शतक ने न केवल उन्हें रिकॉर्ड बुक में स्थान दिलाया, बल्कि इंदौर के होलकर स्टेडियम में चल रहे तीसरे दौर के मुकाबले में मध्य प्रदेश की संभावनाओं को भी बढ़ा दिया।

खेल के अंतिम दिन तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए पाटीदार ने एक धमाकेदार पारी खेलकर मैच का रोमांच बढ़ा दिया और रणजी ट्रॉफी में सबसे तेज शतक का मध्य प्रदेश का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया।

उन्होंने नमन ओझा के 2015 में कर्नाटक के खिलाफ बनाए गए 69 गेंदों में बनाए गए शतक को पीछे छोड़ दिया। सर्वकालिक रिकॉर्ड ऋषभ पंत के नाम है, जिन्होंने 2016 में झारखंड के खिलाफ 48 गेंदों में शतक बनाया था।

हरियाणा ने पहली पारी में 132 रन की बड़ी बढ़त हासिल कर ली थी, क्योंकि हरियाणा ने एमपी के 308 रन के जवाब में 440 रन बनाए थे। मैच के लिए सिर्फ दो सत्र बचे थे, उन्हें लक्ष्य निर्धारित करने के लिए तेजी से रन बनाने की जरूरत थी, और पाटीदार ने मोर्चा संभाला। उनकी धमाकेदार पारी में 11 चौके और तीन गगनचुम्बी सिक्स शामिल थे, जिससे एमपी को अंतिम पारी में 173 रन की अच्छी बढ़त मिल गई।

यह शतक पाटीदार का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 13वां शतक था और यह 31 वर्षीय खिलाड़ी के लिए वापसी थी, जो घरेलू सत्र की शुरुआत में फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहा था।

दलीप ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन के बाद, जिसमें उन्होंने छह पारियों में केवल 146 रन बनाए, पाटीदार शुरुआती रणजी दौर में भी लड़खड़ा गए। हालांकि, पंजाब के खिलाफ पिछले मैच में उन्होंने 90 रन बनाकर लय हासिल कर ली।

इंदौर में जन्मे इस बल्लेबाज ने इस साल इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था, लेकिन अभी तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए हैं।

छह पारियों में सिर्फ 63 रन बनाने के बाद उन्हें टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया और ऑस्ट्रेलिया में होने वाली भारत ए टीम की आगामी सीरीज के लिए भी उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।

Input: IANS

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