हार पर टीम इंडिया में रार, गौतम गंभीर के लिए पहले BCCI ने तोड़ा नियम, अब काटेगा पंख
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए तीसरे टेस्ट में हार के बाद टीम इंडिया के फैंस काफ़ी निराश हैं और टीम का प्रदर्शन सवालों के घेरे में है। न्यूजीलैंड से 25 रनों से तीसरे टेस्ट में हार के बाद भारत WTC प्वाइंट टेबल में दूसरे स्थान पर खिसक गया है, जबकि ऑस्ट्रेलिया शीर्ष स्थान पर क़ाबिज़ हो गया है। टीम इंडिया के अब WTC में 58.33 अंक प्रतिशत हैं जबकि ऑस्ट्रेलिया के 62.5 अंक प्रतिशत हैं और वो फ़िलहाल टॉप पर है। वहीं भारतीय सरज़मीं पर पहली बार सीरीज़ क्लीन स्वीप करने के बाद न्यूजीलैंड ने 54.55 अंक प्रतिशत के साथ चौथा स्थान हासिल कर लिया है। इस सीरीज़ में हार के बाद टीम, ड्रेसिंग रूम और कोचिंग स्टाफ़, विशेषकर हेड कोच गौतम गंभीर को लेकर तमाम तरह की ख़बरें सामने आ रही हैं।
गौतम गंभीर पर सख़्त बीसीसीआई
न्यूज़ीलैंड से होम कंडीशन, टर्निंग विकेट और पसंद की टीम मिलने के बाद भी टीम इंडिया का प्रदर्शन काफ़ी निराशाजनक रहा। टीम 3-0 से सीरीज़ हार गई और एक समय WTC में फ़ेवरेट नज़र आ रही टीम इंडिया की फ़ाइनल की राह मुश्किल हो गई है। बोर्ड इस हार के बाद सख़्ती और सर्जरी के मूड में है। समाचार एजेंसी पीटीआई की ख़बर के मुताबिक़ टीम के कोच गौतम गंभीर के लिए आने वाले दिन काफ़ी मुश्किल भरे हो सकते हैं। बोर्ड उनका पर क़तर सकता है। कहा जा रहा है कि उन्हें टीम के चयन प्रकिया से आने वाले समय में बाहर किया जा सकता है।
बीसीसीआई ने गंभीर के लिए बदला नियम?
भारत में क्रिकेट संचालन का काम करने वाली सर्वोच्च संस्था बीसीसीआई ने अपने नए कोच को सीमा से बाहर जाकर अतिरिक्त ताक़त दिया, नियमों को ताक पर रख दिया गया और रूल बुक को ही बदल दिया गया। गंभीर को नियमों में छूट देते हुए बॉर्डर-गवास्कर ट्राफ़ी के लिए बनी चयन समिति में शामिल कर लिया गया।
क्या है चयन का नियम?
बीसीसीआई की रूल बुक के मुताबिक, हेड कोच चयन समिति का हिस्सा नहीं हो सकते, लेकिन गौतम गंभीर इस बैठक में शामिल थे। इससे पहले टीम इंडिया के कोच रहे रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गजों को भी ऐसी छूट नहीं दी गई।
गंभीर के मामले में नियमों का उल्लंघन!
हाल ही में टीम इंडिया ने बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के लिए खिलाड़ियों का चयन किया है, जिसमें बीसीसीआई के नियमों का पालन नहीं किया गया। उनके सुझाव के आधार पर हर्षित राणा को टेस्ट टीम में स्थान मिला, जबकि उनका फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अनुभव काफी कम है। इसके बावजूद, उन्हें ऑस्ट्रेलिया जैसे महत्वपूर्ण दौरे के लिए चुना गया।
गंभीर की नियुक्ति के वक़्त बीसीसीआई ने तोड़ डाली परंपरा!
राहुल द्रविड़ की सफल कोचिंग कैरियर के बाद बीसीसीआई ने बड़ी उम्मीद से गौतम गंभीर को टीम इंडिया का हेड कोच नियुक्त किया और हर शर्त माने। मसलन, टीम इंडिया लंबे समय से घरेलू कोच और कोचिंग स्टाफ़ पर रिलाई करती आई है और इसके लिए उसने कड़ी मेहनत की है और ट्रेनिंग मॉड्यूल एवं ग्रूमिंग मेथड डेवलप किया है।
टीम इंडिया में देशी कोचिंग स्टाफ़ की परंपरा है!
बोर्ड ने दशकों तक कोच. फीजियो, फ़ील्डिंग कोच, सपोर्ट स्टाफ़, बॉलिंग कोच सहित पूरा मैनेजमेंट बाहर के देशों से आयात किया और उनके साथ अपने लोगों को लगाया और उन्हें तैयार किया। जब अपनी कोचिंग बैटरी तैयार हो गई तो हमने विदेशी कोच और अन्य स्टाफ़ रखने बंद कर दिए, लेकिन गंभीर के मामले में ये परंपरा टूट गई। भारत के पूर्व ऑलराउंडर अभिषेक नायर और नीदरलैंड्स के पूर्व क्रिकेटर रियान टेन डोइशे भारतीय टीम के कोचिंग स्टाफ का हिस्सा हैं। गंभीर अपने साथ KKR की कोचिंग टीम लेकर आए, जिसकी इजाज़त दे दी गई। हालाँकि अब यही कोचिंग टीम सवालों के घेरे में है।
गंभीर के खाते में शानदार रिकॉर्ड?
गंभीर के कमान संभालने के ठीक बाद भारत ने 27 साल में पहली बार श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज गंवाई। फिर न्यूजीलैंड ने भारत का 3-0 से सफाया कर दिया। 2000 के बाद ये पहली बार है जब किसी मेहमान टीम ने हमें घर में आकर हराया है वो भी क्लीन स्वीप कर दिया। ये दोनों रिकॉर्ड भी गंभीर के खाते में ही गए हैं।
BGT में जीत काफ़ी ज़रूरी
टीम इंडिया 22 नवंबर से ऑस्ट्रेलिया में 5 मैचों की टेस्ट श्रृंखला खेलने जा रही है। इस सीरीज़ में भारत को कम से कम 4 मैच जीतने ही हैं वहीं 5वां मैच ड्रॉ करानी है, तभी वह फ़ाइनल में पहुँच सकती है। अगर इसमें टीम इंडिया हार जाती है तो सीबीआई कड़े फ़ैसले लेने से पीछे नहीं हटेगा।