पाकिस्तान नहीं जाएगी टीम इंडिया, मोदी सरकार ने कड़वे घूंट पी कर लिया फ़ैसला!
पाकिस्तान पर मोदी सरकार का रूख साफ़ रहा है कि Terror And Talks साथ में नहीं चल सकते। दूसरी तर सरकार पाकिस्तान में अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित रहती है।
फ़रवरी 2025 में पाकिस्तान में होने जा रही चैंपियंस ट्रॉफ़ी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। मोदी सरकार ने BCCI को आख़िरकार बता ही दिया है कि वो टीम को पाकिस्तान नहीं भेज सकती। मोदी सरकार ने पाकिस्तान में सुरक्षा के हालात और आतंकवाद पर कोई भी ठोस कार्रवाई तक टीम पाकिस्तान नहीं भेजने का फ़ैसला किया है। बीसीसीआई ने भी ये बात ICC को बता दी है कि टीम इंडिया फ़रवरी में पाकिस्तान का दौरा नहीं कर पाएगी, उसे सरकार से इजाज़त नहीं दी जा रही है।
पाकिस्तान पर मोदी सरकार का रूख साफ़ रहा है कि Terror And Talks साथ में नहीं चल सकते। दूसरी तर सरकार पाकिस्तान में अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित रहती है।
World Cup 2023 से पहले पीसीबी के पूर्व चेयरमैन ज़का अशरफ ने अपने खिलाड़ियों के लिए कॉन्ट्रैक्ट राशि बढ़ाने का ऐलान किया था और कहा था कि पाकिस्तानी शाहीन ‘दुश्मन मुल्क’ खेलने जा रहे हैं तो उनका मनोबल बढ़ाना जरूरी है। जाहिर है PCB ने भारत को दुश्मन देश का दर्जा दिया था।
इससे पहले पाकिस्तान के खिलाड़ियों का व्यवहार भी Sports Spirit के ख़िलाफ़ रहा है। बीते दिनों पाकिस्तान के पूर्व कप्तान Boom Boom अफरीदी ने पाक अधिकृत कश्मीर का दौरा किया था भारत विरोधी तकरीर का हिस्सा बने थे, उन्होंने पीएम मोदी पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
एक और पाकिस्तानी फॉस्ट बॉलर हसन अली ने अटारी-वाघा बॉर्डर का दौरा किया था और बीटिंग रीट्रिट के वक्त भारत की तरफ आपत्तिजनक इशारे किए थे।
आपको बता दें कि पाकिस्तान की तरफ़ से कहा जाता है कि खेल, खिलाड़ियों की कोई सीमा नहीं होती है और उन्हें इससे दूर रहना चाहिए। मोदी सरकार ने इन्हीं सब बातों और अपनी ऑनगोइंग पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए टीम को पाक जाने की हरी झंडी नहीं दी है।
ICC Champions Trophy शेड्यूल-आठ देशों का यह टूर्नामेंट अगले साल 19 फ़रवरी से 9 मार्च के बीच पाकिस्तान में होना निर्धारित है। अब इस टूर्नामेंट के लिए पिछले साल के एशिया कप की तरह हाइब्रिड मॉडल अपनाना पड़ सकता है।
अब देखने वाली बात होगी कि पाकिस्तान, भारत के इस फ़ैसले के बाद क्या करता है। आपका मोदी सरकार के इस फ़ैसले पर क्या मानना है,