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क्या कहता है नियम, कैसे होता है वेट, कहां फंस गई विनेश ? जानिए सबकुछ

कैसे ओवर वेट में फंस गई विनेश फोगाट, जानिए क्या कहता है ओवर वेट का नियम ?
क्या कहता है नियम, कैसे होता है वेट, कहां फंस गई विनेश ? जानिए सबकुछ

पेरिस ओलंपिक में भारत की रेसलर विनेश फोगाट ( Vinesh Phogat) ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए फ़ाइनल तक का सफ़र तय किया। जिसके बाद एक उम्मीद जगी थी कि गोल्ड मेडल आएगा, नहीं तो सिल्वर तो कंफर्म ही था। लेकिन फ़ाइनल मुक़ाबले से ठीक पहले विनेश के साथ खेल हो गया और वो अयोग्य घोषित कर दी गई, क्योंकि 50 क़िलो भारवर्ग ग्राम में विनेश ओवरवेट पाई गई। ऐसे में अब सबके ज़हन में यही सवाल है कि, आख़िर ये वेट कैसे होता है, इसका नियम क्या कहता है और विनेश से चूक कैसे हुई? तो चलिए आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं।

क्या कहता है ओलंपिक का नियम ?

ओलंपिक में कुश्ती के खिलाड़ियों के वजन को लेकर नियम कहता है कि, पहलवानों का मैच से पहले वजन होता है। अगर दो रेसलर दो दिन बाउट लड़ते हैं तो दो दिन उनका वजन किया जाता है। नियमों के अनुसार, जिस दिन बाउट होता है, उसी दिन हर पहलवान का वजन सुबह में होता है। हर भार वर्ग के लिए टूर्नामेंट दो-दिवसीय अवधि में लड़ा जाता है, इसलिए जो भी पहलवान फाइनल पहुंचते हैं।उनका दो दिन वजन होता है, पहले वेट-इन के दौरान पहलवानों के पास वेट बनाने के लिए 30 मिनट का समय होता है। 30 मिनट में कई बार वजन कर सकते हैं, लेकिन दूसरे दिन वेट-इन सिर्फ 15 मिनट का होता है। वजन हो जाने के बाद खिलाड़ियों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है। देखा जाता है कि नाखून कटे हुए हैं या नहीं, इस वजन के दौरान कुश्ती पहलवान को सिर्फ सिंगलेट पहनने की इजाजत होती है ।

बस विनेश से यहीं पर गलती हो गई और उनका वजह बढ़ा, जिसके बाद चाह कर भी अब कुछ नहीं हो सकता। जिसके बाद अब सिल्वर भी हाथ से निकल गया। क्योंकि - United World Wrestling का नियम कहता है कि अगर कोई एथलीट वजन माप में भाग नहीं लेता है या असफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाएगा। ऐसे में अब विनेश के हाथ में सिल्वर मेडल भी नहीं आएगा ।

तो विनेश के बाहर होने के यही कारण रहे जिसके बाद पूरा देश उनके साथ खड़ा है, पीएम मोदी ने लिखा - विनेश, आप चैंपियनों में चैंपियन हैं! आप भारत का गौरव हैं और प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा हैं, आज का झटका दुख देता है, काश शब्द उस निराशा की भावना को व्यक्त कर पाते जो मैं अनुभव कर रहा हूँ, साथ ही, मैं जानता हूं कि आप लड़ने का प्रतीक हैं, चुनौतियों का डटकर मुकाबला करना हमेशा से आपका स्वभाव रहा है, मजबूत होकर वापस आओ! हम सब आपके पक्ष में हैं

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