Advertisement

दिमुथ करुणारत्ने ने लिया क्रिकेट से संन्यास तो क्या बोले ICC चेयरमैन जय शाह !

आईसीसी के चेयरमैन जय शाह ने श्रीलंकाई बल्लेबाज दिमुथ करुणारत्ने को उनके 100वें टेस्ट मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने पर बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
दिमुथ करुणारत्ने ने लिया क्रिकेट से संन्यास तो क्या बोले ICC चेयरमैन जय शाह !
श्रीलंका के दिग्गज सलामी बल्लेबाज और पूर्व कप्तान दिमुथ करुणारत्ने ने अपने 100वें टेस्ट मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। उनके इस ऐतिहासिक अवसर पर, आईसीसी के चेयरमैन जय शाह ने उन्हें उनके शानदार करियर के लिए शुभकामनाएं दीं और भविष्य में उनके योगदान की सराहना की।

कैसा रहा करुणारत्ने का क्रिकेट करियर


दिमुथ करुणारत्ने ने 2012 में गॉल में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। अपने 13 वर्षों के अंतरराष्ट्रीय करियर में उन्होंने 100 टेस्ट मैच खेले और 16 शतकों सहित 7,172 रन बनाए। उन्होंने वनडे क्रिकेट में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने 50 मैचों में 1,316 रन बनाए, जिसमें एक शानदार शतक शामिल है। खास बात यह है कि उनके सभी 16 टेस्ट शतक सलामी बल्लेबाज के रूप में आए, जो श्रीलंका के किसी भी सलामी बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सर्वोच्च रिकॉर्ड है।

आईसीसी चेयरमैन जय शाह ने दी अपनी प्रतिक्रिया


आईसीसी चेयरमैन जय शाह ने करुणारत्ने के योगदान की सराहना करते हुए कहा, - "दिमुथ करुणारत्ने का करियर शानदार रहा है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट के पारंपरिक प्रारूप में अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया है। 100 टेस्ट मैच खेलने वाले वे श्रीलंका के सातवें खिलाड़ी बने हैं, जो उनकी समर्पण भावना को दर्शाता है। उनकी खेल के प्रति प्रतिबद्धता असाधारण रही है और वे क्रिकेट के एक बेहतरीन राजदूत साबित हुए हैं।"

उन्होंने आगे कहा,- "आईसीसी की ओर से मैं करुणारत्ने को उनके शानदार करियर के लिए बधाई देता हूँ और भविष्य में उनके उज्ज्वल अवसरों की कामना करता हूँ। उम्मीद है कि वे अपने अनुभव और ज्ञान से क्रिकेट जगत में योगदान देना जारी रखेंगे।"

जिस मैदान में खेला था पहला टेस्ट उसी मैदान में लिया संन्यास  -


करुणारत्ने ने अपने टेस्ट करियर के समापन के लिए गॉल के ऐतिहासिक मैदान को चुना, जहां उन्होंने साल 2012 में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। उन्होंने इस फैसले को लेकर कहा, - "एक टेस्ट क्रिकेटर के रूप में, जब एक साल में केवल चार टेस्ट खेलने को मिलें, तो खुद को प्रेरित रखना मुश्किल हो जाता है। मैंने सोचा कि जब मैं अपने करियर की बेहतरीन फॉर्म में हूँ और 100 टेस्ट मैच पूरे कर चुका हूँ, तो यह संन्यास लेने का सही समय होगा।"

उन्होंने यह भी बताया कि इस निर्णय से पहले उन्होंने अपने साथी खिलाड़ियों एंजेलो मैथ्यूज और दिनेश चांदीमल से भी सलाह-मशविरा किया था। संन्यास के बाद करुणारत्ने की योजना अपने परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया में बसने की है। उन्होंने कहा, "मेरी कुछ व्यक्तिगत योजनाएं हैं, जिन्हें मैं अब पूरा करना चाहता हूँ। यह निर्णय लेना आसान नहीं था, लेकिन मैंने लंबे समय तक विचार करने के बाद इसे सही समझा।"

दिमुथ करुणारत्ने का संन्यास निश्चित रूप से श्रीलंका क्रिकेट के लिए एक बड़ी क्षति होगी, लेकिन उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में उनके अनुभव और मार्गदर्शन से युवा खिलाड़ियों को फायदा होगा और क्रिकेट जगत में उनकी अहम भूमिका बनी रहेगी।
Advertisement
Advertisement