महाराष्ट्र में बीजेपी का तगड़ा प्लान, 6 दिन में करीब 12 रैलियों में जीत पक्की करेंगे मोदी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की 8 से 14 नवंबर तक की रैलियां भाजपा के लिए चुनावी प्रचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। भाजपा का उद्देश्य इन रैलियों से विभिन्न मुद्दों पर जनता का विश्वास जीतना है और साथ ही महायुति को बढ़त दिलाना है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापसी की समय सीमा आख़िरकार खत्म हो चुकी है, और अब राज्य में 288 सीटों पर 20 नवंबर 2024 को वोट डाले जाएंगे। जैसे-जैसे चुनाव का दिन नजदीक आ रहा है, सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से प्रचार में जुट गई हैं। भारतीय जनता पार्टी सत्ता में फिर से वापसी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है, और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों पर काफी भरोसा जताया जा रहा है। यही वजह है कि भाजपा ने 8 से 14 नवंबर तक महाराष्ट्र में प्रचार का बड़ा आयोजन किया गया है, जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 12 रैलियों को संबोधित करेंगे।
इस तरह रहेगा प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों का शेड्यूल -
इस मामले पर महाराष्ट्र राज्य के भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के प्रमुख जिलों में जनता को संबोधित करेंगे। 8 नवंबर को उत्तर महाराष्ट्र के धुले और नासिक में उनकी रैली होगी, वहीं 9 नवंबर को अकोला और नांदेड़ में उनका कार्यक्रम होगा। इसके बाद, 12 नवंबर को वे विदर्भ के चंद्रपुर और चिमूर, साथ ही पश्चिमी महाराष्ट्र के सोलापुर और पुणे में सभा करेंगे। इसके अलावा, 14 नवंबर को छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद), नवी मुंबई और मुंबई में मोदी की जनसभाएं प्रस्तावित हैं। पीएम मोदी इन रैलियों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के लिए जन समर्थन जुटाने का प्रयास करेंगे, जो इस बार करीबी मुकाबले में है।
पिछले चुनावों का प्रदर्शन और चुनौतियां -
पिछले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के 18 निर्वाचन क्षेत्रों में रैलियां की थीं, पर भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी। इनमें से केवल सतारा सीट पर भाजपा को जीत हासिल हुई, जबकि महायुति गठबंधन की संख्या घटकर 17 रह गई थी। किसानों की नाराजगी और विपक्ष के मजबूत मुद्दों के चलते भाजपा की चुनौती कई ज्यादा बढ़ गई थी।
क्या है भाजपा का प्लान 2024 -
धुले और नासिक - धुले और नासिक में इस बार भाजपा का जोर आरएसएस नेटवर्क और प्याज किसानों की समस्याओं को हल करने पर है। प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध की वजह से किसानों में रोष है, और मोदी इस विषय पर किसानों से संवाद कर सकते हैं। पिछले चुनावों में धुले में भाजपा की जीत के बावजूद कुछ क्षेत्रों में कांग्रेस ने बढ़त बनाई थी। इस बार भाजपा यहां खासकर ध्यान दे रही है।
विदर्भ - विदर्भ क्षेत्र जहां कपास, सोयाबीन और धान के किसान हैं, भाजपा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में तीन रैलियों के दौरान देश के प्राणमंत्री किसानों की समस्याओं का हल निकालने पर जोर देंगे। विदर्भ की 62 सीटों में से ज्यादातर भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है, और यहां की जीत राज्य में भाजपा की स्थिति को मजबूत कर सकती है।
मराठवाड़ा - सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्र में भाजपा के लिए चुनौती बढ़ गई है। यहां मराठा आरक्षण को लेकर लंबे समय से असंतोष है, और इस बार यह मुद्दा चुनावों में अहम भूमिका निभा सकता है। भाजपा नेता उम्मीद कर रहे हैं कि मराठा समुदाय का समर्थन उन्हें मिलेगा, जिससे वे पिछली बार जितनी सीटें बरकरार रख पाएंगे। प्रधानमंत्री की दो रैलियां इस क्षेत्र में हैं – नांदेड़ और छत्रपति संभाजीनगर में – और यहां का प्रदर्शन चुनावी समीकरणों को प्रभावित करेगा।
पश्चिमी महाराष्ट्र - पश्चिमी महाराष्ट्र, जिसमें पुणे, सोलापुर और अन्य जिले शामिल हैं, एनसीपी-कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। यहां भाजपा की स्थिति को मजबूत करने और विपक्ष के आंतरिक विवादों का लाभ उठाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की रैलियां इस क्षेत्र में भाजपा के लिए जनसमर्थन जुटाने में सहायक हो सकती हैं।
मुंबई और नवी मुंबई - मुंबई और नवी मुंबई में भाजपा प्रधानमंत्री मोदी के माध्यम से व्यापक आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। महाराष्ट्र में बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट्स जैसे वेदांता-फॉक्सकॉन और टाटा-एयरबस के गुजरात जाने से विपक्ष ने मुद्दा बनाया है। भाजपा ने यहां बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए किए गए कामों पर जोर दिया है, ताकि जनता का भरोसा जीत सकें।