Advertisement

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की जगह क्या बीजेपी किसी नए चेहर पर जताने वाली है भरोसा ?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद अब मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चर्चा ज़ोरों पर है। यह तो साफ़ हो चुका है की इस सरकार में मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा लेकिन कौन होगा यह तस्वीर फ़िलहाल साफ़ नहीं है। राजधानी दिल्ली से लेकर मुंबई तक कई ऐसे नाम है जो मुख्यमंत्री रेस की दौड़ में शामिल है। लेकिन जिस तरह से बीजेपी आलाकमान द्वारा मुख्यमंत्री चेहरे को तय किए जाने में समय लगाया जा रहा है।
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की जगह क्या बीजेपी किसी नए चेहर पर जताने वाली है भरोसा ?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद अब मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चर्चा ज़ोरों पर है। यह तो साफ़ हो चुका है की इस सरकार में मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा लेकिन कौन होगा यह तस्वीर फ़िलहाल साफ़ नहीं है। राजधानी दिल्ली से लेकर मुंबई तक कई ऐसे नाम है जो मुख्यमंत्री रेस की दौड़ में शामिल है। लेकिन जिस तरह से बीजेपी आलाकमान द्वारा मुख्यमंत्री चेहरे को तय किए जाने में समय लगाया जा रहा है। उसने एक नए क़यास को जन्म दे दिया है। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है कि साल 2014 में केंद्र की सत्ता में क़ाबिज़ होने के बाद से जिन-जिन राज्यों  के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की और मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने में समय लगाया वहाँ आश्चर्यजनक नाम भी सामने आए है। 


देश की राजनीति से जुड़ी ख़बरों पर ध्यान देने वाले लोगों को पता होगा की बीजेपी द्वारा मुख्यमंत्री के नाम के चयन में जब-जब 72 घंटे से ज़्यादा का समय लगाया गया तब- तब मुख्यमंत्री को कुर्सी पर नए चेहरे की एंट्री हुई जिसकी किसी को भी उम्मीद नहीं रहती है। ऐसे में अब महाराष्ट्र की बात करे तो यहाँ भी नतीजे आने के बाद 72 घंटे से ज़्यादा का वक़्त बीत चुका है।  लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा के सवाल का जवाब सामने नहीं आया है। बीजेपी में सीएम चयन का एक पैटर्न नए चेहरे की एंट्री पर भी ज़ोर दे रहा है। हालाँकि उम्मीद यही है कि देवेंद्र फडनवीस पर ही पार्टी भरोसा कर सकती है। 
 

कब-कब बीजेपी ने समय लेकर नए चेहरे को दी एंट्री 

विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी के कई राज्यों में मुख्यमंत्री के तौर पर नए चेहरे की एंट्री करवाकर हमेशा चौंकाया है। इसी कड़ी में हम आपको कुछ राज्यों के बारे में बताते जहाँ बीजेपी ने सीएम के चयन में समय लगाया। साल 2017 में जब हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुआ तो सीएम चुनने में बीजेपी ने सात दिन से ज़्यादा का समय लिया और जब नाम की घोषणा की तो जयराम ठाकुर को राज्य की कमान सौंपी। इसी साल बीजेपी ने देवभूमि उत्तराखंड में भी कई बड़े नाम को दरकिनार कर राज्य की बागडोर त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी थी। इसी तरह साल 2017 में जब यूपी में विधानसभा का चुनाव हुआ और बीजेपी ने जीत हासिल की तो मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे मनोज सिन्हा का नाम चल रहा था लेकिन अंतिम में योगी आदित्यानाथ के नाम का एलान हुआ। यहाँ पर बीजेपी ने योगी के नाम पर मुहर लगाने में 9 दिन का समय लगाया था। इसके अलावा साल 2023 में भी कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए जिनमे बीजेपी ने जीत हासिल की थी। बात अगर राजस्थान की करे तो यहाँ बीजेपी नेतृत्व को मुख्यमंत्री का नाम फ़ाइनल करने में 9 दिन का वक़्त लगा था। तब भजनलला शर्मा के नाम का एलान हुआ था जो पहली बार विधायक चुने गए थे। इसी तरह मध्य प्रदेश में बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ राज्य में शिवराज सिंह के चेहरे पर चुनाव में जीत हासिल की लेकिन यह चुनाव के बाद उनका पत्ता कटा और राज्य की कमान मोहन यादव को सौंपी गई। जबकि मोहन यादव मुख्यमंत्री पद की रेस में कबी थे ही नहीं। 


ग़ौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की सत्ता में ज़ोरदार वापसी हुई है वही महाविकास अघाड़ी को इस चुनाव में बुरी हार का सामना करना पड़ा है। महायुति ने कुल 235 सीटें जीती हैं, जिनमें अकेले बीजेपी ने 132 सीटों पर जीत हासिल की है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए केवल 145 सीटों की जरूरत है। यही वजह है की इस बार महाराष्ट्र की राजनीति बीजेपी दमदारी से फ़ैसले लेने वाली है क्योंकि उसके अपने दो सहयोगियों में से सिर्फ़ एक की ज़रूरत है। 
Advertisement

Related articles

Advertisement