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Maharashtra Assembly Election: उद्धव ठाकरे के लिए बड़ी खुशखबरी! चुनाव से पहले बदल गया चुनाव चिन्ह

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे गुट वाले शिवसेना का चुनाव चिन्ह बदल गया है। बता दें कि बदले हुए चुनाव चिन्ह में उद्धव गुट को "टॉर्च" का चुनाव चिन्ह मिला है। इस चुनाव चिन्ह को ईवीएम मशीन में अपडेट किया जाएगा और पार्टी विधानसभा चुनाव इसी निशान पर लड़ेगी।
Maharashtra Assembly Election: उद्धव ठाकरे के लिए बड़ी खुशखबरी! चुनाव से पहले बदल गया चुनाव चिन्ह

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही चुनावी प्रचार- प्रसार का दौर शुरू हो चुका है। लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में बीते 2 साल से चल रहे एक बड़े विवाद को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि जून 2022 में शिवसेना पार्टी दो गुटों में बंट गई थी। इनमें एक गुट उद्धव ठाकरे और दूसरा शिंदे गुट में बंट गया था। दो गुटों में बंटने की वजह से  महाविकास अघाड़ी की महाराष्ट्र सरकार गिर गई थी। इसके बाद पार्टी विभाजन के दौरान शिंदे की नेतृत्व वाली शिवसेना को "दो तलवार और एक ढाल" का चुनाव चिन्ह मिला था। वही उद्धव ठाकरे को "मशाल" चुनाव चिन्ह मिला था। ऐसे में चुनाव से पहले इस चुनाव चिन्ह में एक बड़ा बदलाव किया गया है। 

कैसा है उद्धव ठाकरे गुट का नया चुनाव चिन्ह? 

बता दें कि बीते लोकसभा चुनाव में शिवसेना पार्टी के उद्धव ठाकरे ग्रुप को आइसक्रीम के कोन की तरह दिखने वाला "मशाल" चुनाव चिन्ह मिला था। जिसके कारण विरोधियों ने इसका खूब मजाक उड़ाया था। लेकिन बदले हुए नए चुनाव चिन्ह में अब एक "टॉर्च" नजर आ रहा है। ऐसे में उद्धव ठाकरे ग्रुप के लिए यह एक सबसे बड़ी खुशखबरी है। ऐसे में चुनाव से पहले इस चुनाव चिन्ह को ईवीएम मशीन में अपडेट किया जाएगा और पार्टी इसी निशान पर चुनाव लड़ेगी। 

शिवसेना पार्टी के अब तक कौन-कौन से रहे निशान?

बता दें कि शिवसेना पार्टी की स्थापना साल 1985 में स्वर्गीय बालासाहब ठाकरे की तरफ से हुआ था। उस दौरान जलती हुई मशाल चुनाव चिन्ह के साथ उन्होंने चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी। वहीं साल 1989 में 4 सांसदों धनुष-बाण चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े थे। स्थापना के बाद से ही पार्टी कई चुनाव चिन्ह पर लड़ाई लड़ती आई है। इनमें एक रेल, ताड़ के पेड़ों का एक जोड़ा,एक तलवार और एक ढाल जैसे निशान शामिल हैं। 

महाराष्ट्र चुनाव में कैसी चल रही लड़ाई? 

जून 2022 में शिवसेना के दो गुट में बंटने की वजह से सरकार गिर गई थी। इसके बाद शिंदे ग्रुप के विधायकों ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर पूर्ण बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाई थी। तब से लेकर अब तक यह सरकार चलती आ रही है। हाल ही में कई महीनों पहले एनसीपी नेता शरद पवार के भतीजे अजीत पवार भी बीजेपी और शिंदे गठबंधन में शामिल हो गए। ऐसे में इस चुनाव में बीजेपी,शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी का महायुति गठबंधन अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए चुनावी मैदान में है। वहीं सत्ता पाने के सपने बुनते हुए उद्धव की शिवसेना,एनसीपी (शरद चंद्र पावर) और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी एक साथ चुनाव लड़ रही हैं। बता दें कि महाविकास अघाड़ी का बीते लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है। 

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होगा मतदान 

बता दें कि महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा का चुनाव एक साथ हो रहा है। जहां झारखंड में दो चरण में मतदान होगा। तो वहीं महाराष्ट्र की सभी सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा। चुनावी नतीजें 23 नवंबर को आएंगे। 

इस बार का चुनाव काफी रोमांचक होने वाला है। महाविकास अघाड़ी सरकार को इस बात की उम्मीद है कि जिस तरीके से लोकसभा चुनाव में उनका प्रदर्शन रहा है। वैसा ही कुछ इस चुनाव में भी होगा।

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