Maharashtra: संजय राउत ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देवेंद्र फडणवीस पर निकाली भड़ास कहा - 'रश्मि शुक्ला को पुलिस डीजीपी बनाना एक अपराध है'
Maharashtra: राज्यसभा सांसद एवं शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) नेता संजय राउत ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान इन्होंने महाराष्ट्र चुनाव से ठीक पहले डीजीपी रश्मि शुक्ला को हटाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी। संजय राउत ने कहा कि रश्मि शुक्ला को पुलिस डीजीपी बनाना एक अपराध है, देवेंद्र फडणवीस ने गृहमंत्री रहते हुए उनको गैरकानूनी तरीके से नियुक्त किया।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से .....
संजय राउत ने महाराष्ट्र चुनाव से ठीक पहले डीजीपी रश्मि शुक्ला को हटाए जाने पर दी अपनी प्रतिक्रिया
संजय राउत ने कहा - वह निलंबित थीं और उन्होंने अपने पद पर रहते हुए भाजपा विरोधियों के फोन टैप किए। उस वक्त जो विधायक चुनकर आए थे, उनको धमकाया और डराया गया। उनको सस्पेंड किया गया था और वह जेल जाने वाली थीं। संजय राउत ने आगे कहा कि सत्ता परिवर्तन के बाद गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहला काम यह किया कि उन्होंने रश्मि शुक्ला के ऊपर से सभी मुकदमे हटा दिए और फिर उनको पुलिस का महासंचालक बना दिया। यह बहुत बड़ा अपराध है और भारतीय जनता पार्टी का पूरा एजेंडा यह चला रही थीं। पुलिस महासंचालक का कार्यालय, पुलिस कार्यालय बन गया था। विपक्ष के नेताओं की कभी बात नहीं सुनी गई। उन्होंने आगे कहा, "ऐसे व्यक्ति को हटाने के लिए हम बार-बार चुनाव आयोग से शिकायत कर रहे थे। ऐसे में चुनाव आयोग को लगा कि अगर उनका तबादला नहीं किया जाएगा, तो आयोग की थोड़ी बची हुई इज्जत भी चली जाएगी। यही वजह है कि उनका तबादला कर दिया गया।
ये शिंदे की प्रॉपर्टी नहीं है - संजय राउत
'महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना' के प्रमुख राज ठाकरे को लेकर संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र बहुत बड़ा है और यहां पर 288 विधानसभा सीटें हैं। प्रदेश में कई सीटें हैं। यहां से जो शिवसेना के उम्मीदवार हैं, वो जीत दर्ज करने वाले हैं। भाजपा द्वारा यह कहने पर कि शिवसेना किसी की निजी प्रॉपर्टी नहीं है। इस पर संजय राउत ने कहा कि हम भी बार-बार यही बोलते रहे हैं कि ये शिंदे की प्रॉपर्टी नहीं है। यह अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी की प्रॉपर्टी नहीं थी कि उन्होंने बाला साहब की प्रॉपर्टी शिंदे को दे दी और शरद पवार की प्रॉपर्टी को अजित पवार को दे दी। इसका उनको क्या अधिकार है। हमको पता है कि यह प्रॉपर्टी बाला साहब ठाकरे और शरद पवार साहब की है। बालासाहब ने विरासत में इसको खुद उद्धव ठाकरे को दी।