झारखंड में कांग्रेस-JMM में फ़ाइनल हुआ सीट शेयरिंग का फार्मुला, जानिए किसके हिस्से आ रही कितनी सीट
झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे कर लिया तो अब सत्ताधारी इंडिया ब्लॉक भी सीटों का बंटवारा कर चुनावी मैदान में ताल ठोकने की पूरी तैयारी कर चुकी है।
झारखंड में विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ तमाम राजनीतिक दल अपनी चुनावी तैयारी को अब अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। इस विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी इंडिया गठबंधन और विपक्षी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। ऐसे में इन दोनों गठबंधन में आप सीट शेयरिंग को लेकर लंबे समय से चल रही खींचतान अब खत्म होती दिखाई दे रही है। राज्य की 81 विधानसभा सीटों के लिए बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे कर लिया तो अब सत्ताधारी इंडिया ब्लॉक भी सीटों का बंटवारा कर चुनावी मैदान में ताल ठोकने की पूरी तैयारी कर चुकी है। सीट बंटवारे के तहत 81 विधानसभा सीटों में से झामुमो और कांग्रेस 70 सीटों पर और बाकी की 11 सीटों पर आरजेडी सीपीआई एमएल और अन्य सहयोगी दल अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतरेंगे।
दरअसल, झारखंड में विधानसभा के चुनाव दो चरण में होने वाले हैं पहले चरण के लिए 43 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। किसी को देखते हुए आप एनडीए के बाद इंडिया ब्लॉक भी सीट शेयरिंग पर चल रहे मंथन को खत्म कर दिया है और सीटों का बंटवारा कर दिया है। राजद प्रमुख लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव भी दो दिनों के झारखंड का दौरा कर चुके हैं इसके बाद कांग्रेस नेता लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शनिवार को रांची पहुंचे। सीट शेयरिंग को हो लेकर हुई मीटिंग के बाद अब तस्वीर साफ हो गई है और जानकारी जो निकल के सामने आ रही है उसके मुताबिक झामुमो और कांग्रेस 70 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतरेगी। वही बाकी की बच्ची 11 सीटों पर आरजेडी सीपीआई एमएल और अन्य सहयोगी दल चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे। वहीं इससे पहले एनडीए ने भी सीटों का बंटवारा कर लिया है। एनडीए ने प्रदेश की 81 सीटों में से बीजेपी 68, आजसू 10 और दो जेडीयू और चिराग पासवान के लोजपा को एक सेट की हिस्सेदारी मिली है। आपको बताते चलें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दावा किया है कि राज्य की सत्ता में फिर से इंडिया ब्लॉक की वापसी होगी। उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार ने राज्य में जो विकास कार्य की योजनाओं को चलाया है उसे जनता ने अपनाया है। उनकी सरकार ने आदिवासियों गरीबों और वंचितों सभी के लिए काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि झामुमो केवल एक पार्टी नहीं बल्कि एक बड़े पेड़ की तरह है। जिसके नीचे झारखंड के लगभग तीन करोड़ लोग शांति और सद्भाव के साथ अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
क्यों फ़ंस रहा था सीट शेयरिंग पर पेंच
बात अगर पिछले विधानसभा चुनाव की करें तो झामुमो, कांग्रेस और राजद ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था जिसमें झामुमो ने 43 ,कांग्रेस 31 और राजद ने 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। उस वक्त सीपीआई एमएल इस गठबंधन का हिस्सा नहीं थी। वर्तमान विधानसभा चुनाव में मसाला इसी बात पर अटक रहा था कि हर पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव में जितनी सीट उनके हिस्से में आई थी वह उसमें कमी नहीं करना चाहती हैं। यही वजह है कि इस बार सीट शेयरिंग से पहले झामुमो 43 सीटों पर दावेदारी कर रही है तो आरजेडी 7 सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर की सीपीआई एमएल इस गठबंधन में कैसे एडजस्ट होगी। क्योंकि कांग्रेस ने भी पिछली विधानसभा चुनाव की तरह 31 सीट डिमांड रखी है। इस बीच अब 70 सीट को कांग्रेस और झामुमो पर आपस में बटेंगे, जबकि 11 सीट पर आरजेडी समेत अन्य सहयोगी दल चुनाव लेंगे। हालाँकि सीट की संख्या तो तय हो गई है लेकिन अब ये देखना होगा कि किसके खाते में कितनी सीट जाती है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग के मुताबिक झारखंड में दो चरण में मतदान होंगे। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। तब यह तस्वीर साफ होगी कि तमाम राजनीतिक दल जिस तरह से गठबंधन में सीट शेयरिंग से लेकर जनता के बीच तमाम बातें रख रहे है। उसका जनता पर क्या असर पड़ता है और जनता का आशीर्वाद किसे मिलता है।