शरद पवार ने महायुति पर बोला बड़ा हमला, कहा-'जनादेश का हो रहा अपमान'
महायुति में शामिल दलों के बीच हुई तमाम बैठकों के बावजूद मुख्यमंत्री का फैसला होने में लगातार हो रही देरी के बाद विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने महायुती पर निशाना साधने शुरू कर दिया है। शनिवार को एनसीपी के प्रमुख शरद पवार में महायुति पर जनादेश का सम्मान न करने का आरोप लगाया है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में जनादेश का सम्मान नहीं हो रहा है जो अच्छी बात नहीं है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके है। राज्य में महायुति प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है लेकिन नतीजे के 8 दिन का समय बीत जाने के बावजूद यह तस्वीर साफ नहीं हो पाई है कि राज्य का नया मुख्यमंत्री कौन होगा। महायुति में शामिल दलों के बीच हुई तमाम बैठकों के बावजूद मुख्यमंत्री का फैसला होने में लगातार हो रही देरी के बाद विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने महायुती पर निशाना साधने शुरू कर दिया है। शनिवार को एनसीपी के प्रमुख शरद पवार में महायुति पर जनादेश का सम्मान न करने का आरोप लगाया है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में जनादेश का सम्मान नहीं हो रहा है जो अच्छी बात नहीं है।
जनता को करना होगा आंदोलन: शरद पवार
एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए महाराष्ट्र की मौजूदा स्थिति पर अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 'दिलचस्प बात यह है कि इतना स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी अभी तक सरकार नहीं बन पाई है। इसका मतलब साफ है कि जनता द्वारा दिया गया बहुमत महायुति के लिए कोई मायने नहीं रखता। जो कुछ भी चल रहा है वह राज्य के लिए अच्छा नहीं है।पहली बार ऐसा हुआ है कि देश में हाल फिलहाल में जो चुनाव हुए हैं उसे लोगों में काफी बेचैनी है, लोगों में निराशा है। इसके आगे शरद पवार ने यह भी आरोप लगाया कि 'महाराष्ट्र चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग और पैसे का गलत इस्तेमाल किया गया है। जिसके चलते यहां के लोगों में बेचैनी है।' उन्होंने बताया कि इसी मुद्दे पर पूरी जनता को एक जन आंदोलन तैयार करना होगा। ऐसा लगता है कि देश में संसदीय लोकतंत्र प्रणाली नष्ट हो जाएगी। उन्होंने संसद को लेकर भी अपनी बातें रखें पवार ने कहा कि 'विपक्ष जब संसद में इस मुद्दे को उठना है तो उन्हें बोलने नहीं दिया जाता। हर दिन सुबह 11:00 विपक्षी नेता संसद अपनी बात रखने के लिए आते हैं और कहते हैं कि उन्हें अपने मुद्दे पर बोलने का मौका दिया जाए लेकिन सत्ता पक्ष की तरफ से उनकी बात को नहीं माना जाता है। इसलिए अब जनता को खुद आगे आना होगा और इन सब बातों को लेकर एक बड़ा आंदोलन करना चाहिए। शरद पवार ने आगे कहा कि ' सत्ता जिनके हाथों में है उन्हें इस बारे में कोई चिंता नहीं है। यह पूरे देश का प्रश्न है, संसद में विपक्ष के मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पा रही है और इसका स्पष्ट अर्थ यह है कि संसदीय लोकतंत्र का ठीक से पालन नहीं हो पा रहा है। अगर चीज इसी तरीके से चलेंगे तो यह ठीक नहीं है। इसके लिए अब जनता को खुद आगे आना होगा और एक जागरूकता अभियान चलाते हुए एक बड़ा आंदोलन भी करता पड़ेगा। शरद पवार ने यह भी बताया कि पुणे में EVM के खिलाफ बाबा आढाव जो आंदोलन शुरू किए हैं ठीक उसी प्रकार का एक जन आंदोलन होना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो इसका परिणाम आज नहीं तो कल जनता के पक्ष में जरूर सामने आएगा।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को सभी 288 विधानसभा सीटों पर मतदान किए गए थे जिनके नतीजा 23 नवंबर को सामने है। चुनावी परिणाम में सत्ताधारी महायुती गठबंधन को 230 सीटों पर प्रचंड जीत मिली वहीं विपक्षी महाविकास अघाड़ी सिर्फ 48 सीटों पर सिमट गया। महायुति में शामिल भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा 132, शिवसेना को 57 और अजीत पवार गुट की एनसीपी ने 41 सीट जीतने में कामयाबी हासिल की है । वहीं दूसरी तरफ अगर विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन के नतीजे के आंकड़ों पर नजर डाले तो उद्धव ठाकरे वोट की शिवसेना यूबीटी को 20 सीट, कांग्रेस को 16, शरद पवार की पार्टी को 10 और समाजवादी पार्टी को 2 सीट मिली है जबकि 10 सीटों पर अन्य छोटे दल और निर्दल प्रत्याशियों की जीत हुई है। इस चुनावी नतीजे के बाद अब नई सरकार बनाने के लिए महायुति में शामिल तीनों दलों के नेताओं के बैठक लगातार जारी है अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री की तस्वीर कब साफ होती है।