Maharashtra Election में हो गया खेल, ठाकरे पर भड़के अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने किया महायुति के समर्थन का ऐलान !
वोटिंग से ठीक पहले अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ऐसी पलटी मारी जिसे देख कर राहुल ठाकरे शरद पवार वाला गठबंधन महाविकास अघाड़ी भी सिर पीट लेगा क्योंकि उन्होंने मोदी, शिंदे और अजीत पवार वाले महायुति गठबंधन को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है !
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती एक ऐसे शंकराचार्य हैं। जिन पर मोदी विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं। यहां तक कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में तो उन्होंने वाराणसी सीट पर मोदी के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की कोशिश भी की थी। तो वहीं कुछ ही दिनों पहले महाराष्ट्र चुनाव के दौरान उद्धव ठाकरे का साथ देते हुए कहा था कि।"हिंदू धर्म में सबसे बड़ा पाप विश्वासघात को बताया गया है, उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है, हमलोगों के मन में इस बात की पीड़ा है, जब तक वो दोबारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नहीं बन जाते तब तक ये पीड़ा दूर नहीं होगी, विश्वासघात करने वाला हिंदू नहीं हो सकता, जो विश्वासघात सह ले वो हिंदू है, लोकसभा चुनाव से ये प्रमाणित भी हो गया है कि उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है "
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के इस बयान को खुद कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया था। लेकिन अब वोटिंग से ठीक पहले अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ऐसी पलटी मारी जिसे देख कर राहुल ठाकरे शरद पवार वाला गठबंधन महाविकास अघाड़ी भी सिर पीट लेगा। क्योंकि वोटिंग से ठीक पहले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मोदी शिंदे और अजीत पवार वाले महायुति गठबंधन को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
अविमुक्तेश्वरानंद ने क्यों मारी पलटी ?
दरअसल महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गाय को राज्य माता का दर्जा देते हुए ऐलान किया था कि देसी गायें हमारे किसानों के लिए वरदान हैं इसलिये हमने उन्हें राज्य माता का दर्जा देने का फैसला किया है।तो वहीं शिंदे सरकार के इस फैसले का समर्थन करने की बजाए दशहरा के भाषण में उद्धव ठाकरे ने इसका मजाक उड़ते हुए कहा कि। "यदि मराठी शास्त्रीय भाषा है और गाय राज्य माता तो क्या गाय के रंभाने को राज्य भाषा मान लिया जाए? केरला में गाय को काटने वालों के साथ जो जा कर खड़े हो सकते है उन्हें हिंदुओं कि भावनाओं की कितनी ही परवाह होगी "
गाय को राज्य माता का दर्जा दिये जाने के जिस फैसले का उद्धव ठाकरे ने इसका मजाक उड़ाया। शिंदे सरकार के उसी फैसले ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का दिल जीत लिया। इसीलिये उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव में महायुति को समर्थन देने का ऐलान करते हुए कहा कि हम ठाकरे और कांग्रेस वालों का समर्थन नहीं कर सकते अगर वो जीतेंगे तो गाय का राज्य माता का दर्जा वापस ले लेंगे।
कुछ ही दिनों पहले विश्वासघाती बोल कर इशारों ही इशारों में सीएम शिंदे पर निशाना साधने वाले अपने बयान पर भी सफाई देते हुए अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ये तो धारणा है। और धारणा तो बदलती रहती है।
इसी साल जुलाई में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जब मुंबई दौरे पर गये थे। तो इस दौरान उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री भी गये थे। और उनसे ये बात भी कही थी कि गाय का मुद्दा अपने इंडिया गठबंधन के साथियों के सामने उठाएं।लेकिन इसके बावजूद उद्धव ठाकरे ने गाय की बात नहीं की। क्योंकि ये बात शायद उद्धव ठाकरे भी जानते थे कि मुस्लिम वोटबैंक की वजह से कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी गाय के मसले पर उनका साथ नहीं देगी। इसीलिये उन्होंने शिंदे सरकार के गाय को राज्य माता का दर्जा दिये जाने के फैसले का समर्थन करने की बजाए सवाल उठा दिया। जिस पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भड़क गये।और उन्होंने इस चुनाव में बीजेपी नीत महायुति गठबंधन को समर्थन देने का ऐलान कर दिया।