प्रेग्नेंट हुईं 35 कुंवारी महिलाएं! यूपी में मच गया हाहाकार, जानिए पूरी ख़बर
यूपी से एक बेहद चौंकाने वाली ख़बर सामने आई है। ख़बर ये है कि 35 कुंवारी लड़कियों को गर्भवती की कैटगरी में डाल दिया गया और उसके बाद तो जैसे पूरी यूपी में हड़कंप ही मच गया।
अभी कुछ महीने पहले की बात है।ममता बनर्जी वाले पश्चिम बंगाल से एक ख़बर आई थी की वहां की जेलों में महिला क़ैदी प्रेग्नेंट हो रही हैं। इस ख़बर पर NMF News ने आपके सामने पूरा विश्लेषण किया था जिसे आप सभी ने बहुत ज्यादा बार देखा था और जेल के हालातों पर गहरी चिंता व्यक्त की थी।
अचानक ऐसी ही एक ख़बर को देख उस वक् हर किसी के होश उड़ गये जब पता चला की यूपी में 35 कुंवारी लड़कियां अचानक गर्भवती हो गईं। ये लड़कियां गर्भवती हुईं या फिर इसके पीछे कोई गहरी साज़िश थी या फिर कोई मानवीय भूल ? क्या था इसके पीछे का सच ? यही पता लगाने के लिए NMF News की टीम पड़ताल में जुट गुई। जांच में जो सामने आया उससे कम से कम ये तो तसल्ली हुई कि घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन फिर इसका सच आपतक पहुंचाना भी हमारे लिए जरूरी हो गया।
सच देखिये ये है कि 35 कुंवारी लड़कियों के प्रेग्नेंट होनी के ख़बर तो आई। लेकिन ये सबकुछ हक़ीक़त में नहीं हुआ बल्कि पेपर्स में हुआ। दरअसल विभागीय स्तर पर लापरवाही अकसर देखी जाती रही है, आपके साथ भी कभी ना कभी ऐसा हुआ होगा कि आपका कोई अच्छा ख़ासा काम विभाग की लापरवाही की वजह से बिगड़ गया हो। खैर, अब इस मामले में क्या हुआ वो भी जान लीजिए। वाराणसी के रमना गांव में रहने वाली लगभग 35 कुंवारी लड़कियों के पास एक मैसेज आता है। इस मैसेज में उनका रजिस्ट्रेशन Pregnant महिला के तौर पर कर दिया गया।
मैसेज देखते ही लड़कियों और उनके परिवार के बीच हड़कंप मच गया। शिकायत दर्ज कराई गई तो विभाग ने मैसेज भी डिलीट कर दिया और ऐसी लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को नोटिस भी थमा दिया। लेकिन इतनी बड़ी गलती का पश्चाताप क्या इतने भर से हो पाएगा ? सोचिए विभागों में प्रशिक्षित लोगों की भर्ती होती है ये हाल तो तब है। खैर, इस मामले में वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने एक लीडिंग टैब्लाइड से बात करते हुए बताया " वाराणसी के रमना गांव से एक जानकारी प्राप्त हुई थी जहां कुछ लड़कियों का रजिस्ट्रेशन प्रेग्नेंट महिला के तौर पर कर दिया गया था। उनको इसकी सूचना मोबाइल मैसेज के ज़रिए दिवाली से पहले दी गई थी। विभाग की तरफ़ से जब इसकी जांच कराई गई तो पता चला कि आंगनबाड़ी महिला जो गर्भवती महिलाओं, बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान करने के साथ साथ BLO का भी काम करती हैं, उनसे ये गलती हुई। पूरा डेटा डिलीट कर दिया गया है। ये मानवीय भूल है और इस मामले में ज़िम्मेदार लोगों को नोटिस जारी कर दिया गया है"।
बहरहाल, अधिकारी इसे मानवीय भूल कहकर पल्ला तो झाड़ रहे हैं लेकिन 35 परिवारों की दिवाली इस मैसेज ने जिस तरह से ख़राब की है उसका अंदाज़ा आप लगा सकते हैं। सोचिये कुंवारी लड़कियों को गर्भवती कहकर उनका रजिस्ट्रेशन करा दिया जाए। ऐसे में उन परिवारों की स्थिति क्या रही होगी ?