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उत्तर प्रदेश में कस्टोडियल डेथ पर अखिलेश यादव ने दिया बयान, सरकार को सुनाई खरी - खोटी !

लखनऊ में हुए हाल ही में कस्टोडियल डेथ पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस मामले में बयान देते हुए, सरकार पर भी उंगली उठाई है।
उत्तर प्रदेश में कस्टोडियल डेथ पर अखिलेश यादव ने दिया बयान, सरकार को सुनाई खरी - खोटी !
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हाल ही में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत का मामला सामने आया है। चिनहट थाने में हुई इस घटना ने प्रदेश में पुलिस के व्यवहार और कस्टोडियल डेथ (हिरासत में मौत) पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मृतक युवक मोहित पांडे के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने थाने में उसके साथ मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और राज्य में पुलिस के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की।

मामला लखनऊ के चिनहट थाने का है, जहां पुलिस ने शुक्रवार को बच्चों के झगड़े के बाद मोहित पांडे और उसके भाई शोभाराम को हिरासत में लिया था। अगले दिन, शनिवार को जब पुलिस उन्हें कोर्ट ले जाने की तैयारी कर रही थी, उस दौरान मोहित की तबीयत बिगड़ गई। उसे तत्काल लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मोहित के परिवार का आरोप है कि थाने में पुलिसकर्मियों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की, जिसके कारण उसकी जान चली गई। परिवार का यह भी कहना है कि शनिवार को जब वे थाने पहुंचे तो उन्हें मोहित से मिलने नहीं दिया गया और बाद में सूचना मिली कि उसे अस्पताल ले जाया गया है, जहां उसकी मृत्यु हो गई।

परिजनों का आरोप और शिकायत -

मृतक की मां तपेश्वरी देवी ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि उनके बेटे को पुलिस ने बिना किसी ठोस कारण के हिरासत में लिया और उसकी पिटाई की, जिससे उसकी जान चली गई। उन्होंने अपने बयान में कहा कि पुलिस ने मोहित को ऐसा मारा कि वह अस्पताल पहुंचते ही दम तोड़ गया। घटना के बाद परिजनों में भारी आक्रोश है, और उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में तपेश्वरी देवी की शिकायत पर थाना प्रभारी अश्विनी कुमार चतुर्वेदी समेत तीन अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया -

घटना के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यूपी में थाने "अत्याचार गृह" बनते जा रहे हैं। अखिलेश का आरोप है कि राज्य सरकार पुलिस को नियंत्रण में रखने के बजाए उसका दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा, "सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है, लेकिन कस्टोडियल डेथ के मामलों में यूपी का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है।" उन्होंने राज्य में इस तरह की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। अखिलेश यादव का यह भी कहना है कि पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए और सरकार को उनकी आर्थिक सहायता करनी चाहिए।

मामले की जांच और पुलिस का बयान -

घटना के बाद पुलिस विभाग ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषी पाए जाने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। चिनहट थाने के प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मियों पर लगे आरोपों की जांच के लिए विशेष टीम बनाई गई है। पुलिस का कहना है कि उन्हें इस मामले की हर पहलू से जांच करनी होगी ताकि सच सामने आ सके। हालांकि, घटना के बाद पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठे हैं और लोगों का गुस्सा भी देखा जा रहा है।

कस्टोडियल डेथ और पुलिस की छवि -

उत्तर प्रदेश में कस्टोडियल डेथ के मामले पहले भी कई बार सुर्खियों में रहे हैं। हाल के वर्षों में विवेक तिवारी हत्याकांड समेत कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें पुलिस पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगा है। ऐसी घटनाओं से जनता का पुलिस पर से भरोसा कम होता जा रहा है और पुलिस की छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। कस्टोडियल डेथ का मामला कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाता है।

लखनऊ की इस घटना ने राज्य में पुलिस की भूमिका और जनता की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता के लिए पुलिस की भूमिका रक्षक के तौर पर होती है, लेकिन जब वही पुलिस थानों में नागरिकों के अधिकारों का हनन करती है, तो समाज पर इसका गहरा असर पड़ता है। मोहित पांडे के परिवार ने अपने बेटे की मौत पर न्याय की मांग की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है। सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए यह जरूरी है कि ऐसे मामलों में निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा मिले। कस्टोडियल डेथ की घटनाओं पर अंकुश लगाना और मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार और पुलिस प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
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