Saurabh की एक गलती से फिर फंसे Arvind Kejriwal, पकड़ी गई बड़ी चोरी, फंस गई CM की जमानत?
सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने ईडी की दलीलों पर सवाल उठाए, और कहा की केजरीवाल जेल में फाइलें साइन कर रहे हैं.
सुप्रीम में ईडी ने केजरीवाल का सारा खेल बिगाड़ दिया है। ना सिर्फ अंतरिम जमानत पर तलवार लटका दी है। बल्कि शराब घोटाले में तगड़े सबूत पेश कर संजय सिंह को भी फंसा दिया है। लेकिन इस बीच सौरभ भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर ऐसा दावा कर दिया। जिसने ना सिर्फ आम आदमी पार्टी। बल्कि केजरीवाल की धड़कनें भी बढ़ गई। सौरभ भारद्वाज ने दावे ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत को खतरे में डाल दिया है। दरअसल सौरभ भारद्वाज ने सुनवाई पर सवाल उठाते हुए कहा:
"शीर्ष वकील सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं. इन वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीएम किसी फाइल पर साइन नहीं करते हैं. जबकि कोई पोर्टफोलियो (मंत्रालय) न लेने के बाद भी वह कई फाइलों पर रोज साइन करते हैं. वह कैबिनेट की बैठक करते हैं. सभी फाइल जो उपराज्यपाल के पास जाती है वह सीएम के माध्यम से जाती है और सीएम को उनपर साइन करना होता है. कई और भी फाइल होती हैं जो सीएम के पास हस्ताक्षर के लिए जाती हैं."
अब समझिए सौरभ भारद्वाज रोना रोते हुए कह रहे हैं। सीएम सभी फाइलों पर साइन करते हैं। लेकिन हालही में जब हाईकोर्ट ने दिल्ली में MCD के बदहाल स्कूलों पर सुनवाई की थी। तो सौरभ भारद्वाज ने ही कहा था की सीएम तक सभी फाइलें पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। जिसकी वजह से कामकाज रुक रहे हैं। इस बात पर कोर्ट ने ही सौरभ भारद्वाज को ना सिर्फ फटकार लगाई थी। ये तक कहा था कि अगर कामकाम सीएम की वजह से प्रभावित हो रहे हैं। तो केजरीवाल के लिए राष्ट्रहित से ज्यादा अपना हित है। क्यों वो इस्तीफा नहीं देते। और अब वही सौरभ भारद्वाज कह रहे हैं। कि सीएम तो जेल में फाइलें साइन करते हैं। अगर सीएम जेल से फाइलें साइन कर रहे थे। तो क्यों दिल्ली के स्कूलों का कामकाज रुका। क्यों सौरभ भारद्वाज ही कोर्ट में रोना रो रहे थे। खैर आम आदमी पार्टी के नेता कितना झूठ बोलते हैं। ये समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। तो ईडी की तरफ से केजरीवाल का जमानत का भरपूर तरीके से विरोध किया गया।
जमानत के विरोध में ED ने क्या दलील दी?
-आपको राजनेताओं के लिए अलग कैटेगरी नहीं बनानी चाहिए ?
-देश में इस वक्त 5 हजार केस हैं जिनमें कई सांसद भी शामिल हैं।क्या इन सभी को जमानत पर रिहा कर दिया जाना चाहिए?
-अगर कोई किसान जिसका खेतीबाड़ी का सीजन चल रहा है,क्या वो किसी सांसद से कम महत्वपूर्ण है?
-जमानत पर रिहाई दी तो यह संदेश जाएगा कि केजरीवाल ने कुछ नहीं कियाा था, लेकिन उन्हें चुनाव से पहले गिरफ्तार कर लिया गया।
-अगर उन्होंने सहयोग किया होता और 9 समन नजरंदाज ना किए होते तो शायद गिरफ्तारी ना होती।
खैर इडी के विरोध पर कोर्ट ने साफ किया कि हम जमानत दे नहीं रहे बल्कि प्वाइंट पर विचार कर रहे हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा अगर अंतरिम जमानत के तौर पर केजरीवाल को राहत देते हैं तो आप मुख्यमंत्री के रूप में काम नहीं करेंगे। सवाल तो यही है कि केजरीवाल बार बार दावा कर रहे हैं कि वो जेल से भी मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं। जैसे ही अब सौरभ भारद्वाज ने भी दावा कर दिया. सवाल यही है कि बाहर आकर वो काम नहीं करेंगे। तो कौन फाइलों पर साइन करेगा। कैसे दिल्ली का कामकाज होगा। और क्यों दिखाने के लिए वो मुख्यमंत्री की कुर्सी हड़पे बैठे रहेंगे। खैर अब सौरभ भारद्वाज कोर्ट में केजरीवाल के वकील का ही बयान सुन लें। मनु सिंघवी ने तो छुटते ही सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर सहमती जताई। खबरों के मुताबिक केजरीवाल के वकील ने अंतरिम जमानत की शर्तों पर कहा : "हम किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे। शर्त है कि LG किसी भी काम को इस आधार पर ना रोकें कि फाइल पर साइन नहीं है। ऐसा कुछ नहीं बोलूंगा, जो नुकसान पहुंचाने वाला हो।"
खैर कोर्ट में इतना गिड़गिड़ाने के बाद भी केजरीवाल को राहत नहीं मिली है। बेंच सुनवाई पूरी करते ही फैसला सुनाने से पहले ही उठ गई। लेकिन अब सौरभ भारद्वाज बताएं की केजरीवाल कितना काम कर रहे हैं। कितनी फाइलों पर साइन कर रहे हैं। क्योंकि अब तो कोर्ट में उनके वकीलों ने ही शर्ते मानने के लिए कह दिया है। बावजूद उसके भी सौरभ भारद्वाज ने मौहल बनान शुरू कर दिया। ईडी के जवाब पर ही सवाल उठाने बैठ गए। ईडी ने तो कोर्ट में 100 करोड़ और केजरीवाल के गोवा चुनाव की बात कही है। बकायदा सुप्रीम कोर्ट को डायरी सौंपी हैं। तो उस 100 करोड़ के आरोपों पर क्यों सौरभ भारद्वाज ने सफाई पेश नहीं की। खैर करेंगे भी कैसे क्योंकि इसी सबूतों के साथ कोर्ट में खड़ी है। और इन्ही सबूतों की वजह से केजरीवाल की अंतरिम जमानत अटक गई। हागे हालात बता रहे हैं कि आप नेताओं की बयानबाजी और सवाल ही केजरीवाल को ले डूबने वाले हैं।