Nainital में जमीन खरीदने वाले बाहरी लोगों पर बड़ा एक्शन, शुरू हो गई जमीन जब्ती की कार्रवाई
दरअसल देवभूमि उत्तराखंड में बाहरी लोगों को भी जमीन खरीदने की इजाजत तो है, लेकिन नियम कानूनों के तहत ही जमीन खरीद सकते हैं। अगर जमीन खरीदने में नियमों की जरा भी अनदेखी की, तो फिर सरकार सबक सिखाने में जरा भी देर नहीं लगाएगी, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है नैनीताल जिले के कैंचीधाम तहसील इलाके में हो रहा तगड़ा एक्शन, जहां 6 बाहरी लोगों की 210 नाली यानि करीब 50 हजार 400 वर्ग गज जमीन को जब्त कर लिया गया। एसडीएम वीसी पंत की ओर से गठित की गई टीम ने जांच में पाया कि 6 लोगों ने जमीन खरीदने में नियम कानून को ताक पर रखने की कोशिश की, जिसकी वजह से...
6 बाहरी लोगों की जमीन पर एक्शन
- चौरसा में पीयूष सिंघानिया की 50 नाली जमीन पर हुई कार्रवाई
- कूल में महस्पति पवार की 100 नाली जमीन पर हुई कार्रवाई
- छिमी में एक और प्यूडा में 3 लोगों की 60 नाली जमीन पर कार्रवाई
इन 6 बाहरी लोगों ने नैनीताल में जमीन तो खरीद लिया, लेकिन खतौनी में इनकी जमीन का ब्यौरा ही नहीं मिला, जिसकी वजह से अब इन लोगों की करीब 50 हजार 400 वर्ग गज जमीन को जब्त कर इसे राज्य सरकार को सौंपने की तैयारी हो रही है। तो वहीं एसडीएम वीसी पंत ने जब्ती की इस कार्रवाई को लेकर कहा कि तहसील क्षेत्र के चौरासा में पीयूष सिंघानिया की 50 नाली जमीन और कूल में महास्पति पवार की 100 नाली जमीन के मामले में राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है, इसके अलावा, चिम्मी और प्यूडा में तीन व्यक्तियों की 60 नाली जमीन के मामले हैं, जो राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं।
इससे पहले यूपी के प्रतापगढ़ के विधायक राजा भइया की पत्नी के खिलाफ भी सरकार सख्त एक्शन ले चुकी है। उनकी पत्नी भावना सिंह ने सिल्टोना इलाके में 27.5 नाली यानि 6600 वर्ग गज जमीन खरीदी थी, लेकिन अब उनकी जमीन भी राज्य सरकार को सौंप दी गई है, जिससे उत्तराखंड में जमीन खरीदने वाले बाहरी लोगों में जबरदस्त खलबली मची हुई है। तो वहीं धामी सरकार के इस एक्शन की उत्तराखंड क्रांति दल की राज्य महासचिव मीनाक्षी घिल्डियाल ने स्वागत किया है। उन्होंने सरकार के एक्शन पर कहा कि उत्तराखंड में भूमि कानूनों का उल्लंघन करने वाले हर व्यक्ति के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के एक समान आनुपातिक नियम लागू किया जाना चाहिए।
सरकार के इस एक्शन से जहां देवभूमि में जमीन खरीदने वाले बाहरी लोगों में हड़कंप मचा हुआ है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के इस कदम को असीमित भूमि खरीदने और भूमि बैंक बनाने से रोकने के उद्देश्य से जोड़ कर देखा जा रहा है, क्योंकि सरकार का साफ कहना है कि भूमि का इस्तेमाल उसके इच्छित उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए, नहीं तो इसे वापस ले लिया जाएगा। यानि जमीन अगर बागवानी के लिए खरीदी गई और उसमें कहीं होटल तो नहीं चल रहा है, इसी तरह से जिस काम के लिए जमीन खरीदी गई है, अगर वो काम नहीं हो रहा है तो सरकार जमीन मालिकों के खिलाफ तगड़ा एक्शन ले रही है। और सूत्रों के मुताबिक नैनीताल जिले में ऐसी करीब 150 जमीनें हैं जिनमें कोई ना कोई तकनीकी कमी बताई गई है, जिनके खिलाफ एक्शन हो सकता है।