BJP की रणनीति: मेयर पद पर कब्जे की तैयारी, आप के लिए नई चुनौतियाँ

Delhi MCD Election: दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव 2025 के करीब आते ही दिल्ली की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इस बार चुनावी मैदान में मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच मुकाबला है। दोनों पार्टियां मेयर की कुर्सी पर अपनी पकड़ बनाना चाहती हैं। यह चुनाव दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों के लिए हो रहा है, और यह शहर के प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक होगा। हालांकि, पिछले कुछ समय से आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत करती हुई नजर आई है, भाजपा इस बार फिर से दिल्ली के मेयर पद पर कब्जा जमाने की रणनीति बना रही है।
अप्रैल में होने वाले मेयर चुनाव को लेकर भाजपा पूरी ताकत झोंक रही है
अप्रैल में होने वाले मेयर चुनाव को लेकर भाजपा पूरी ताकत झोंक रही है। भाजपा के पास इस समय 131 वोट हैं जबकि बहुमत का आंकड़ा 132-133 है। दूसरी ओर, आप के पास 122 वोट हैं और वह तभी बहुमत तक पहुंच सकती है यदि कांग्रेस और एक निर्दलीय पार्षद उसका समर्थन करें। 2022 के नगर निगम चुनाव में आप ने भाजपा के 15 साल लंबे शासन को खत्म करते हुए बहुमत हासिल किया था। इसके बाद फरवरी 2023 में शेली ओबेरॉय आप की पहली मेयर बनीं और नवंबर 2024 में महेश खीची दूसरे मेयर बने। हालांकि, पार्टी अपने चुनावी वादों पर खरा नहीं उतर पाई है। लैंडफिल हटाने, ठेके के कर्मचारियों को नियमित करने और पार्किंग समस्या के समाधान जैसे प्रमुख वादे अब तक अधूरे हैं।
2025 के विधानसभा चुनाव में आप को करारी हार मिली और उसकी सीटें 62 से घटकर 22 रह गईं
2025 के विधानसभा चुनाव में आप को करारी हार मिली और उसकी सीटें 62 से घटकर 22 रह गईं। इससे उसकी राजनीतिक स्थिति कमजोर हुई है। भाजपा अब एमसीडी में फिर से वापसी के लिए आश्वस्त नजर आ रही है। फिलहाल एमसीडी में 250 वार्ड हैं, जिनमें से 12 सीटें खाली हैं। इनमें 11 पार्षद विधायक बन चुके हैं (भाजपा 7, आप 4) और एक पार्षद कमलजीत सेहरावत ने लोकसभा चुनाव जीत लिया है। इन सीटों पर इलेक्शन मेयर चुनाव के बाद होंगे। मौजूदा समय में एमसीडी में कुल 238 पार्षद हैं। इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नामित 14 विधायक और 10 सांसद (7 लोकसभा, 3 राज्यसभा) मेयर चुनाव में मतदान करेंगे। वर्तमान संख्या के अनुसार, आप के पास 116 पार्षद हैं, जबकि भाजपा के पास 113 हैं।
कांग्रेस के पास 8 और एक निर्दलीय पार्षद हैं। 2022 के चुनाव के बाद आप के पास 134 पार्षद थे, जो अब घटकर 116 रह गए हैं। यह गिरावट, आंतरिक कलह (जैसे स्वाति मालीवाल का विरोध) और कांग्रेस के साथ मतभेदों के चलते हुई है। इसके चलते भाजपा के लिए मेयर की कुर्सी तक पहुंच आसान हो सकती है।