धामी सरकार ने पेश किया 101175 करोड़ का GYAN आधारित बजट

इस थीम पर शायद ही देश में पहले कोई बजट बनाया गया हो। धामी सरकार में वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने एक लाख एक हजार 175 करोड़ का बजट पेश किया। इस बजट के माध्यम से उत्तराखंड को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने की बात कही गई है। उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस बजट में कुछ नई पहल भी की गई है, जैसे इसमें रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना, प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, होमगार्ड कल्याण कोष का गठन, पुलिस कर्मियों के प्रोत्साहन के लिए रिवॉल्विंग फंड की स्थापना जैसी कई नई पहल शामिल हैं। उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने का जो संकल्प है, वह विकल्प रहित है।
इस बजट पर अगर गौर करें तो सबसे ज्यादा शिक्षा, खेल, और युवा कल्याण को 6,417 करोड़ 48 लाख 6 हजार रुपए दिया गया है। विभागों को हिसाब से अगर देखें तो:
- राजस्व एवं सामान्य प्रशासन के लिए 710 करोड़ 96 लाख 6 हजार रुपए का बजट
- पुलिस एवं जेल के लिए 20 करोड़ 23 लाख 85 हजार रुपए का बजट
- शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण के लिए 6,417 करोड़ 48 लाख 6 हजार रुपए का बजट
- चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के लिए 1,954 करोड़ 65 लाख 38 हजार का बजट
- सूचना विभाग के लिए 450 करोड़ रुपए का बजट
- कल्याण योजनाओं के लिए 1,459 करोड़ 19 लाख 41 हजार रुपए का बजट
- कृषि एवं अनुसंधान के लिए 248 करोड़ 24 लाख 59 हजार रुपए का बजट
- ऊर्जा के लिए 158 करोड़ 70 हजार रुपए का बजट
- पर्यटन के लिए 236 करोड़ 68 लाख 2 हजार रुपए का बजट
इसके अलावा धामी सरकार ने भू-कानून पर भी खासा जोर दिया है, क्योंकि बाहरी व्यक्तियों ने देवभूमि की डेमोग्राफी को जिस तरीके से बदल कर रखा है, उससे उत्तराखंड के लोगों में अलग चिंता है।
इसके अलावा गरीबों को भी खास ध्यान में रखते हुए बजट में:
- फ्री गैस सिलेंडर के लिए 54 करोड़ रुपए का बजट
- खाद्यान योजना के लिए 20 करोड़ रुपए का बजट
- पीएम आवास योजना ग्रामीण के लिए 390 करोड़ रुपए का बजट
- राज्य आंदोलनकारियों के कल्याण और कॉर्पस फंड के लिए 44 करोड़ रुपए का बजट
- विभिन्न विभागों की योजनाओं में सब्सिडी के लिए 679 करोड़ का बजट
इस बजट को लेकर कहा ये भी जा रहा है कि इस बजट को बढ़ाने का कारण ये भी है कि उत्तराखंड का बजट इस बार 2,585 करोड़ के सरप्लस में रहा है, मतलब बजट को पूरा करने के लिए या लोगों के उत्थान के लिए राज्य को कर्जा नहीं लेना पड़ेगा, क्योंकि मौजूदा वक्त में देश में कई ऐसे राज्य हैं जो कर्ज लेकर अपनी सरकारों को चला रहे हैं। ये ठीक वैसा ही है जैसे कहा जाता है नेक नीयत मंजिल आसान। तो धामी सरकार ने जिस नई थीम पर ये बजट पेश किया है, उस पर क्या है आपकी राय, हमें कमेंट कर जरूर बताएं।