गर्मी बढ़ने से पहले ही दिल्ली में पॉवर कट से लोग बेहाल, केजरीवाल ने बीजेपी को घेरा !

अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कुछ आंकड़े साझा किए. उन्होंने लिखा, "कल दिल्ली में पीक डिमांड 5462 मेगावाट थी. केवल इतने में ही कल रात पूरी दिल्ली में कई जगहों पर कई-कई घंटे बिजली नहीं आई. पिछले साल पीक डिमांड लगभग 8500 मेगावाट पहुँच गई थी. फिर भी हमारी सरकार के दौरान दिल्ली में कहीं बिजली नहीं गई."
उन्होंने आगे लिखा, "आने वाले हफ्तों में जब दिल्ली में गर्मी और बढ़ेगी और बिजली की डिमांड भी बढ़ेगी, तो क्या होगा? पिछले दस साल में हमने दिल्ली के बिजली सिस्टम को बड़ी मुश्किल से ठीक किया था. कहते हैं किसी भी चीज़ को ठीक करने में बरसों लग जाते हैं, लेकिन उसे ख़राब दो दिनों में ही कर दिया जाता है."
अब सवाल है कि क्या वाकई में बीजेपी सरकार में व्यवस्था खराब हो रही है और क्या केजरीवाल जो आंकड़े दे रहे हैं वो सही हैं? इन आंकड़ों की पुष्टि कुछ अधिकारियों ने की है. अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को बिजली की डिमांड 5090 मेगावाट पहुंच गई थी, जो इस सीजन की सबसे ज्यादा थी.
लेकिन टेंशन की बात ये है कि इस बार की गर्मी को देखते हुए पीक लोड 9000 मेगावाट तक पहुंच सकता है, जो 2024 में 8656 मेगावाट था. अब सवाल ये उठता है कि क्या दिल्ली की बीजेपी सरकार इस समस्या का समाधान कर सकती है और क्या तैयारी की जा रही है?
सरकार, बीएसईएस डिस्कॉम — बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड — दक्षिण, पश्चिम, पूर्व और मध्य दिल्ली में 50 लाख से अधिक उपभोक्ताओं और 2 करोड़ निवासियों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की तैयारी कर रही है.
लेकिन यहां सवाल यह भी है कि जब दिल्ली की जनसंख्या 3 करोड़ के पार है, तो अगर इन तैयारियों से सिर्फ 2 करोड़ लोगों को निर्बाध बिजली मिलेगी, तो बाकी 1 करोड़ का क्या होगा?गर्मियों की शुरुआत में ही दिल्ली में हाहाकार मच गया है. अब देखना यह होगा कि दिल्ली की मौजूदा सरकार इस हाहाकार से कैसे पार पाती है.