शराब घोटाले को लेकर मिला सबूत ? बढ़ेंगी Arvind Kejriwal की मुश्किलें ! 4 जून तक फैसला सुरक्षित
केजरीवाल के खिलाफ एक और सबूत
खैर, इतना सब कुछ हो जाने के बावजूद भी सोचिए अंतरिम जमानत पर बाहर आए अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) ईमानदारी वाला राग ही अलाप रहे हैं। अब केजरीवाल भले ही घोटाले की बात माने या ना माने लेकिन ED यानि प्रवर्तन निदेशालय लगातार सबूत इकट्ठा करने में लगा हुआ है। ख़बर है कि ED ने 28 मई को दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है। ED की तरफ से कहा है कि केजरीवाल शराब नीति मामले में जो मनी लॉन्ड्रिंग हुई उसमें इनडायरेक्ट नहीं बल्कि डायरेक्टली जुड़े हुए हैं।
ED की तरफ़ से ये भी कहा गया है कि इस पूरे मामले में अरविंद केजरीवाल ही मुख्य साज़िशकर्ता और सरग़ना भी है। सोचिए कितनी हैरानी की बात है ना ये ।आंदोलन कर, जनलोकपाल की बात कर, आम आदम की बात कर केजरीवाल सत्ता में आए लेकिन 10 साल के अंदर अंदर उनपर ऐसे आरोप लग गए जिनके ख़िलाफ़ वो एक सबूत नहीं दे पा रहे।जिनको लेकर वो सफ़ाई नहीं दे पा रहे।
वैसे, आपको बता दें कि इस आरोप पत्र के दाखिल होने के बाद और दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की कोर्ट ने अपना फ़ैसला 4 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। यानि एक तरफ़ जहां 4 जून को नतीजे आ रहे होंगे।कौन सत्ता में क़ाबिज़ हो रहा है ये साफ़ हो रहा होगा तो वहीं दूसरी तरफ़ केजरीवाल पर फ़ैसला सुना और पढ़ा जा रहा होगा। अब ED ने केजरीवाल के डायरेक्ट Involvement की बात क्यों कही है ये भी जान लीजिए।
ईडी ने बताया है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार आरोपित वकील विनोद चौहान के साथ केजरीवाल की डायरेक्ट बातचीत थी और इसके सबूत भी हैं। ये वही विनोद चौहान है जिसे लेकर ED ने कहा था कि वो इस केस में ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से कमाए गए पैसों को हैंडल कर रहा था।इतना ही नहीं गोवा चुनावों के दौरान AAP को हवाला के ज़रिए रक़म पहुँचाने का आरोप भी इन्हीं जनाब के ऊपर है।
कोर्ट में इस मामले पर बहस हुआ जिसके बाद 4 जून तक फ़ैसला सुरक्षित रख लिया गया है, देखना दिलचस्प रहेगा कोर्ट केजरीवाल को लेकर अब क्या फ़ैसला सुनाती है।