दो पूर्व CM के बेटों से भिड़ेंगे पूर्व सीएम केजरीवाल, नई दिल्ली सीट पर दिलचस्प हुआ मुकाबला
तो इस सीट पर त्रिकोणीय मुक़ाबले ने दिल्ली चुनाव को सबसे दिलचस्प बना दिया है। हालाँकि अभी बीजेपी ने अपनी एक भी लिस्ट जारी नहीं की है, लेकिन प्रवेश वर्मा ने ये बात ख़ुद क्लियर कर दी है कि वो ही बीजेपी के टिकट पर नई दिल्ली से चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि प्रवेश वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। यानी कि दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे की टक्कर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से होने जा रही है। कहा जाता है कि नई दिल्ली की सीट से जो भी जीतता है वही सिकंदर कहलाता है, क्योंकि सत्ता का रास्ता इसी सीट की जीत से पाया जाता है। ये हम नहीं कह रहे, बल्कि चुनावी आँकड़े बता रहे हैं। नई दिल्ली सीट के पिछले नतीजों पर नज़र डालें तो:
नई दिल्ली सीट का चुनावी इतिहास
- 1993 में जब दिल्ली में पहली बार चुनाव हुए तो नई दिल्ली सीट से बीजेपी से कीर्ति आज़ाद विधायक बने। और बीजेपी ने 49 सीटें जीतकर सरकार बनाई।
- 1998, 2003 और 2008 में नई दिल्ली सीट से शीला दीक्षित बड़े अंतर से चुनाव जीतीं और दिल्ली की 3 बार मुख्यमंत्री बनीं।
- 2013 के विधानसभा चुनाव में जब पहली बार केजरीवाल की आम आदमी पार्टी चुनावी समर में उतरी और ख़ुद अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित के ख़िलाफ़ नई दिल्ली से ताल ठोकी। चुनावी नतीजे घोषित हुए तो हर कोई हैरान हो गया। क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से शीला दीक्षित को 25,864 वोटों से शिकस्त देकर सत्ता से उखाड़ फेंका और ख़ुद मुख्यमंत्री बने।
- उसके बाद
- 2015 में अरविंद ने फिर से इस सीट से चुनाव लड़ा और बीजेपी की नुपुर शर्मा को 31,583 वोटों से हराकर शानदार जीत हासिल की, फिर मुख्यमंत्री बने।
- 2020 में भी केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से जीत हासिल की, बीजेपी के सुनील यादव को 21,697 वोटों से हराया और फिर मुख्यमंत्री बने।
यानि कि केजरीवाल तीन बार नई दिल्ली से जीतकर मुख्यमंत्री बन चुके हैं, और चौथी बार क़िस्मत अजमाने इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे संदीप दीक्षित और प्रवेश वर्मा में से कौन बाज़ी मारता है। कौन नई दिल्ली की सीट जीतकर सिकंदर कहलाता है।