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क्या संभल विवाद के पीछे पाकिस्तान है? घटनास्थल से मिले 9 एमएम कारतूस और खोखे बता रहे दास्तां

संभल विवाद में गोलीबारी की भी खबर आई थी। घटनास्थल से खोखे भी बरामद हुए है। लेकिन ये खोखे पाकिस्तान मेड है। तो क्या इस विवाद के पीछे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान है?
क्या संभल विवाद के पीछे पाकिस्तान है? घटनास्थल से मिले 9 एमएम कारतूस और खोखे बता रहे दास्तां
संभल विवाद जिसे लेकर मामला गरमाया हुआ है, राजनीति गर्मायी हुई है उसी संभल हिंसा को लेकर पुलिस ने चौकाने वाले खुलासे किए है। जांच के दौरान घटनास्थल से फॉरेंसिक और LIU की टीमों को पाकिस्तान ऑडिंनेंस फैक्ट्री मेड 9 एमएम के दो कारतूस और एक कारतूस मिसफायर मिला है। इसके अलावा दूसरा खोखा बरामद किया गया है। 12 बोर और 32 बोर के दो-दो खोखे भी घटनास्थल से बरामद हुए हैं। घटनास्थल पर ASP और CO के साथ फॉरेंसिक टीम LIU की टीमों ने गहन जांच करने के बाद इस बात का खुलासा किया है। यह मामला कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कोट गर्बी स्थित टंकी रोड का है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, हिंसा के स्थल से पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बने 9 एमएम के दो कारतूस बरामद होने की सूचना दी है।  

पाकिस्तान निर्मित कारतूसों का पाया जाना मामले को और भी ज्यादा गंभीर बना रहा है। पुलिस और फोरेंसिक टीम द्वारा जांच जारी है। बरामद गोलियों और खोखों की पुष्टि के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। संभल हिंसा के इस मामले में पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द इसमें शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

बता दें कि विवाद संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर हो रहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि एक मंदिर को तोड़कर इस मस्जिद को बनाया गया था  हिंदू पक्ष मस्जिद को हरिहर मंदिर बता रहा है। इस तरह के दावे कई धार्मिक स्थानों पर किया गया है। मुस्लिम पक्ष का मानना है कि ये धार्मिक स्वरूप को बदलने की कोशिश है। किसी धार्मिक स्थान के धार्मिक स्वरूप को बदलने से 1991 का प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट रोकता है। संभल की जिला अदालत में एक याचिका दायर की गई। इसमें दलील दी गई है कि संभल की शाही जामा मस्जिद एक हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाई गई है। संभल की जिला एवं सत्र अदालत के सिविल जज (सीनियर डिविजन) आदित्य सिंह ने 19 नवंबर को वकील हरिशंकर जैन और अन्य की ओर से दायर याचिका को स्वीकार कर लिया। इन याचिकाओं में मस्जिद में प्रवेश करने की इजाजत मांगी गई है। याचिका दायर किए जाने के कुछ घंटे बाद ही अदालत ने सर्वे के लिए अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करने का आदेश दिया।  उसी दिन मंदिर का पहला सर्वे भी कर लिया गया। 

चंदौसी कोर्ट के आदेश के बाद ASI की टीम 24 दिसंबर को शाही जामा मस्जिद का दौरा करने पहुंची। इसी दौरान मुस्लिम पक्ष ने विरोध शुरू कर दिया। पुलिस और स्थानीय लोगों की झड़प हपई। पत्थरबाजी की गई, चप्पलें फेंकी गई यहां तक की गोलीबारी भी हई। पुलिस ने बचाव में आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इस झड़प में 5 लोगों की मौत हो गई और पुलिसकर्मियों के साथ साथ कई स्थानीय लोग घायल है। जिनका इलाज चल रहा है।
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