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केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव : पूर्व MLA मनोज रावत को कांग्रेस ने उतारा मैदान पर, क्या होगा रिजल्ट ?

उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपुचनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने मनोज रावत को उम्मीदवार बनाया है। केदारनाथ विधानसभा सीट भाजपा विधायक शैला रानी रावत के निधन के कारण रिक्त हुई थी। भाजपा ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है।
केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव : पूर्व MLA मनोज रावत को कांग्रेस ने उतारा मैदान पर, क्या होगा रिजल्ट ?
केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव उत्तराखंड में सियासी हलचल का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। भाजपा विधायक शैला रानी रावत के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी, जिस पर अब चुनाव होने जा रहे हैं। कांग्रेस ने इस सीट पर अपने पुराने नेता मनोज रावत को उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि भाजपा ने अभी अपने प्रत्याशी का नाम नहीं बताया है। इस चुनाव का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि हाल ही में हुए बद्रीनाथ और मंगलौर के उपचुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। अब 20 नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव का नतीजा, दोनों प्रमुख पार्टियों के लिए एक प्रकार से परीक्षा साबित हो सकता है।

केदारनाथ उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी में जोश है। बद्रीनाथ और मंगलौर की जीत के बाद पार्टी का मनोबल बढ़ा हुआ है, और अब उनकी नजर केदारनाथ पर है। कांग्रेस के उम्मीदवार मनोज रावत इससे पहले भी केदारनाथ से चुनाव लड़ चुके हैं और क्षेत्र में उनकी पहचान भी मजबूत है। इस जीत के लिए कांग्रेस ने अपना पूरा जोर लगा रखा है ताकि उनकी जीत की लहर को जारी रखा जा सके।

भाजपा के लिए यह सीट बरकरार रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के उपचुनाव परिणामों में कांग्रेस ने लगातार जीत दर्ज कर यह संदेश दिया है कि विपक्ष में रहते हुए भी उनकी पकड़ मजबूत हो रही है। 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में अब तक चार उपचुनाव हो चुके हैं, जिनमें भाजपा और कांग्रेस दोनों ने दो-दो सीटें जीती हैं। ऐसे में यह उपचुनाव यह साबित करेगा कि जनता के बीच दोनों पार्टियों का समर्थन कैसा है।

केदारनाथ उपचुनाव का मतदान 20 नवंबर को होगा, और मतों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी। यह चुनाव न केवल दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि प्रदेश की जनता के लिए भी, जो अपने प्रतिनिधि का चयन करने का अवसर प्राप्त करेगी। कुल मिलाकर, केदारनाथ उपचुनाव राज्य की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है और इसके नतीजे यह संकेत देंगे कि उत्तराखंड की जनता का झुकाव किस ओर है।

Input - IANS 
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