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सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली में लोगों को मास्क बांटे और प्रदूषण के प्रति किया जागरूक

मास्क बांटने के बाद मनोज तिवारी ने पत्रकारों से इस संबंध में बातचीत भी की। उन्होंने कहा, “मौजूदा समय में दिल्ली में प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। आलम यह है कि लोगों का सांस लेना दूभर हो चुका है। लोग अपनी जिंदगी को खतरे में डालने पर विवश हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं।"
सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली में लोगों को मास्क बांटे और प्रदूषण के प्रति किया जागरूक

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के नए उपाध्यक्ष कुलजीत चहल ने दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके में लोगों को मास्क बांटे। इस दौरान दोनों नेता आम लोगों को प्रदूषण के प्रति जागरूक करते हुए भी दिखे।

मास्क बांटने के बाद मनोज तिवारी ने पत्रकारों से इस संबंध में बातचीत भी की। उन्होंने कहा, मौजूदा समय में दिल्ली में प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। आलम यह है कि लोगों का सांस लेना दूभर हो चुका है। लोग अपनी जिंदगी को खतरे में डालने पर विवश हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं। हम 3 करोड़ लोगों के बीच मास्क नहीं बांट सकते लेकिन उन्हें जागरूक कर सकते हैं। इससे लोगों के बीच में यह संदेश जाएगा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। इसी को देखते हुए मनोज तिवारी लोगों के बीच मास्क बांट रहे हैं।

दिल्ली सरकार को लोगों के हितों से कोई लेना देना नहीं है” - मनोज तिवारी

उन्होंने कहा, मैं मीडिया को धन्यवाद करना चाहूंगा, जो लगातार इस समस्या को चैनलों में दिखा रहे हैं। यह तो हमारा दुर्भाग्य है कि हम 2016 से यहां पर मास्क बांट रहे हैं। आप में से कई लोग इसमें शामिल भी होते रहे हैं। लेकिन, इसके बाद भी 2016 से लेकर 2024 तक की स्थिति एक समान ही है। लेकिन, हम क्या कर सकते हैं। हम सिर्फ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। लेकिन, हमारी कोशिश रहनी चाहिए कि ऐसी स्थिति ही पैदा ना हो।

उन्होंने कहा,यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि दिल्ली सरकार ने लोगों के बीच में मौत परोसी है। दिल्ली सरकार को लोगों के हितों से कोई लेना देना नहीं है। आज दिल्ली की जनता जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर है।

उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार की लापरवाही का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि आज तक प्रदूषण को लेकर एक भी बैठक नहीं की गई है। यह लोग आसानी से केंद्र सरकार पर आरोप लगा देते हैं। हम बीते दिनों महाराष्ट्र चुनाव प्रचार के लिए गए थे, तो हमारा पटाखों से स्वागत किया गया। लेकिन, दिल्ली में तो फुलझड़ी भी नहीं फोड़ी गई। इसके बावजूद भी ऐसे हालात बने हुए हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।

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