भतीजे ने PM Modi पर बोली ऐसी बात, मायावती को नहीं हुई बर्दाश्त! कर दिया बर्खास्त
शायद मायावती को भी अहसास हो गया था कि बीएसपी को अब एक ऐसे नेता की जरूरत है। जो युवाओं को बसपा से जोड़ सके। इसीलिये मायावती ने साल 2023 के दिसंबर महीने में ही अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित करने के साथ ही नेशनल कोऑर्डिनेटर जैसी बड़ी जिम्मेदारी भी दे दी थी। लेकिन अब अचानक मायावती ने एक झटके में उनसे सारी जिम्मेदारी ही छीन ली..!
एक वक्त था जब बीएसपी का उत्तर प्रदेश में जबरदस्त भौकाल हुआ करता था। लेकिन साल 2014 में चली प्रचंड मोदी लहर में मायावती का हाथी इस कदर हवा में उड़ गया कि पूरे यूपी की अस्सी सीटों में से एक भी सीट पर बीएसपी को जीत नसीब नहीं हुई। तो वहीं साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के दम पर बीएसपी जीरों से दस सीटों तक तो पहुंच गई। लेकिन इसके बावजूद उनके सांसद एक एक कर पार्टी छोड़ते गये। जिससे शायद मायावती को भी अहसास हो गया था कि बीएसपी को अब एक ऐसे नेता की जरूरत है जो युवाओं को बसपा से जोड़ सके। इसीलिये मायावती ने साल 2023 के दिसंबर महीने में ही अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित करने के साथ ही नेशनल कोऑर्डिनेटर जैसी बड़ी जिम्मेदारी भी दे दी थी। लेकिन अब अचानक मायावती ने एक झटके में उनसे सारी जिम्मेदारी ही छीन ली ।
जिस बीएसपी पार्टी के लिए मायावती और काशीराम ने अपनी पूरी जिंदगी खपा दी। जिस बीएसपी पर दलित समाज आंख मूंद कर भरोसा करता था। जिस बीएसपी ने चार बार यूपी जैसे बड़े राज्य पर राज किया। उस बीएसपी की मुखिया मायावती ने अपने 29 साल के भतीजे आकाश आनंद को ये सोच कर अपना उत्तराधिकारी बनाया था कि। वो युवाओं को पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे। तो वहीं अपनी बुआ की इन उम्मीदों को पूरा करने के लिए आकाश आनंद ने भी पूरी ताकत झोंक दी थी। पहली बार चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने उतरे आकाश ताबड़तोड़ रैलियों के दौरान विरोधियों पर जबरदस्त हमलावर दिखे। उन्होंने बड़े ही आक्रामक अंदाज में शिक्षा, महंगाई, पेपर लीक और बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाकर युवाओं का दिल जीतने की पूरी कोशिश की। लेकिन एक गलती उन्हें इस कदर भारी पड़ गई कि एक झटके में मायावती ने उन्हें दी गई सारी जिम्मेदारी छीन ली। जिसके बाद ये सवाल उठने लगे कि:
मायावती ने क्यों लिया तगड़ा एक्शन?
भतीजे से क्यों छीन ली सभी जिम्मेदारी?
क्या मोदी पर हमला आकाश को पड़ा भारी?
बीएसपी के उभरते हुए युवा नेता पर जैसे ही मायावती ने तगड़ा एक्शन लिया। हर तरफ ऐसे सवालों की बौछार होने लगी। क्योंकि आकाश आनंद धुआंधार चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी पर कुछ ज्यादा ही आक्रामक होने लगे थे। जिसकी वजह से उनकी खूब तारीफ भी हो रही थी। लेकिन सीतापुर में दिया गया उनका एक भाषण शायद मायावती को पसंद नहीं आया जब एक चुनावी रैली के दौरान आकाश आनंद ने बीजेपी पर हमला बोलते बोलते यहां तक कह दिया था कि। बीजेपी आतंकियों की पार्टी है।
ये बात आकाश आनंद भी अच्छी तरह से जानते थे कि बीजेपी को आतंकियों की पार्टी बताकर उन्होंने बहुत बड़ी गलती कर दी है। इसीलिये मंच से ही उन्होंने कह दिया कि अगर इलेक्शन कमीशन को लगता है कि हमें बीजेपी को आतंकियों की पार्टी नहीं बोलना चाहिये था तो यहां आकर देखें जो हमने कहा वो गलत नहीं सच है।
मोदी सरकार पर हमला बोलते बोलते आकाश आनंद ने बीजेपी को आतंकियों की पार्टी बता दिया। जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया था। बस यही बात शायद मायावती को बर्दाश्त नहीं हुई। क्योंकि वो नहीं चाहती थीं कि मोदी और योगी सरकार से सीधे पंगा लेकर उनके सियासी भविष्य पर कोई खतरा आए। इसीलिये जब मामला दर्ज होना शुरू हुआ तो मायावती ने सबसे पहले आकाश आनंद की चुनावी रैलियों पर ही रोक लगा दी। और फिर सात मई को उन्हें दी गई सारी जिम्मेदारियां छीन ली। जिसका ऐलान उन्होंने सोशल मीडिया पर करते हुए लिखा:
"विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान और सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए कांशीराम जी और मैंने खुद भी अपनी पूरी जिन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है, इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, लेकिन पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है, जबकि इनके पिता आनन्द कुमार पार्टी और मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे, इसलिये बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में और बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।"
बीजेपी के खिलाफ चुनावी रैलियों में आकाश आनंद जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल करने लगे थे वो भाषा शायद मायावती को पसंद नहीं आई। क्योंकि वो खुद कभी भी विपक्षी पार्टियों के खिलाफ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करती हैं। इसीलिये उन्होंने अपने भतीजे को सभी पदों से एक झटके में हटा दिया। तो वहीं दूसरी तरफ इस बात की भी चर्चा जोरों पर हो रही है कि आकाश आनंद की रैलियों की बढ़ती डिमांड की वजह से बीएसपी के कई बड़े नेता घबराने लगे थे। क्योंकि धीरे धीरे मायावती की रैलियों से भी ज्यादा आकाश आनंद की रैलियों की डिमांड होने लगी थी। जिसकी वजह से मायावती ने आकाश आनंद के पर कतर दिये। बहरहाल मायावती के इस एक्शन पर आपका क्या कहना है अपनी राय हमें कमेंट कर जरूर बताएं।