Advertisement

कभी 10,000 करोड़ की थी संपत्ति, अब आज़म खान के परिवार ने 10 हज़ार रुपए हर्जाने के लिए जज से मांगी मोहलत

सपा नेता व पूर्व मंत्री आजम खान के परिवार ने कोर्ट में 10,000 हज़ार रुपए के हर्जाने को जमा करने के लिए समय मांगा है। 2 पैन कार्ड रखने के मामले में आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान का मामला रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट ने इस राशि को जमा करने के लिए 18 सितंबर तक का समय दिया है।
कभी 10,000 करोड़ की थी संपत्ति, अब आज़म खान के परिवार ने 10 हज़ार रुपए हर्जाने के लिए जज से मांगी मोहलत

कहते हैं कि वक्त का कोई भरोसा नहीं कब वो पलटी मार बैठे और समय कब कहां से कहां पहुंचा दे। ये कोई नहीं जानता। इस दुनिया में कभी भी कुछ भी किसी के साथ हो सकता है। इसलिए गुमान और अहंकार नहीं करना चाहिए। ज़रा सोचिए कि जिसके पास एक समय में 10 हज़ार करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति थी। आज उसके पास 10,000 रुपए भी नहीं है। ये हाल उसका है जो कभी सपा सरकार का राइट हैंड हुआ करता था। जिसके इशारे पर मुख्यमंत्री चला करते थे। लेकिन वक्त का पहिया ऐसा घूमा कि आज वो कोर्ट के हर्जाने में 10000 हज़ार भी नहीं जमा कर पा रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं, कि इस छोटे से अमाउंट के लिए परिवार की तरफ से समय मांगा गया है। 

आज़म खान के परिवार ने 10,000 हज़ार रूपए का हर्जाना भरने के लिए मांगा समय ! 

दरअसल, ये पूरा मामला समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सपा सरकार में मंत्री रहे आज़म खान के बेटे अब्दुल्लाह से जुड़ा है। बता दें कि आज़म खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान डबल पैन कार्ड रखने के मामले में बुरे फंसे हैं। आज़म खान पक्ष पर अदालत ने 10,000 हज़ार रुपए का हर्जाना लगाया है। जिस पर आज़म खान के परिवार ने इस हर्जाना राशि की व्यवस्था करने के लिए कोर्ट से समय मांगा है। 

कोर्ट ने हर्जाना राशि जमा करने के लिए 18 सितंबर तक का समय दिया !

इस मामले पर अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि, अब्दुल्लाह आजम खान के डबल पैन कार्ड से जुड़ा मामला माननीय विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए कोर्ट रामपुर में विचाराधीन है। उसमें गवाहों की गवाही हो गई है। हाल ही में बचाव पक्ष के द्वारा जिरह करने हेतु रिकॉल करने का प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसे  अदालत ने इसी महीने की 9 तारीख को निरस्त कर दिया था। आजम खान परिवार द्वारा दिए गया प्रार्थना पत्र केवल न्यायालय में विलंब के लिए दिया गया है। जिसमें बचाव पक्ष की तरफ से एक प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि 10 हज़ार रुपए का इंतज़ाम नहीं हो पाया है। पैसों के इंतजाम के लिए समय दिया जाए। जिस पर कोर्ट ने 18 सितंबर तक इस हर्जाने राशि को जमा करने का समय दिया गया है। अभियोजन अधिकारी ने ये भी बताया कि बचाव पक्ष की तरफ से 2 हफ्ते का समय मांगा गया था। लेकिन पत्रावली अंतिम अवसर पर है गवाही पूरी हो चुकी है। इसलिए 18 सितंबर तक का समय दिया गया है। बता दें कि पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान पर बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और 2 पैन कार्ड रखने का आरोप लगाया था।

कभी आज़म खान की पूरे यूपी में तूती बोला करती थी

एक जमाने में उत्तर-प्रदेश में आज़म खान की तूती बोला करती थी। आजम खान के इशारे पर पूर्व स्वर्गीय मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव व वर्तमान में सपा मुखिया अखिलेश यादव तक काम करते थे। आजम खान को सपा का सबसे वरिष्ठ नेता कहा जाता था। सपा सरकार में उनका कद ऐसा था कि वो सरकार का राइट हैंड बनकर रहते थे। सरकार की किसी भी फैसले में उनकी राय जरूर ली जाती थी। आजम खान रामपुर से सांसद रहे हैं और समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। वहीं रामपुर विधानसभा क्षेत्र से नौ बार विधान सभा पहुंचे हैं। लेकिन साल 2017 में योगी सरकार के बनते ही उनके बुरे दौर शुरू हो गए । एक जमाने में जिसके पास 10 हज़ार करोड़ से ज़्यादा की नेटवर्थ थी। आज उसके पास कोर्ट में हर्जाना भरने का 10,000 रुपए भी नहीं है। 

Advertisement

Related articles

Advertisement