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संभल जा रहे राहुल-प्रियंका को लेना पड़ा यू-टर्न, यूपी पुलिस ने बॉर्डर से ही लौटा दिया

संभल जा रहें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सासंद प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने यूपी बॉर्डर से ही दिल्ली वापस भेज दिया। राहुल की सारे प्रस्ताव को ठुकराते हुए उनके काफिले को यूपी पुलिस प्रशासन ने वापस दिल्ली लौटा दिया।
संभल जा रहे राहुल-प्रियंका को लेना पड़ा यू-टर्न, यूपी पुलिस ने बॉर्डर से ही लौटा दिया
संभल विवाद लगातार राजनीतिक रूप लेता जा रहा है। इसी बीच आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सासंद प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने संभल जाने से रोक दिया। पुलिस ने दोनों को दिल्ली बॉर्डर से वापस लौटा दिया। दिल्लू-यूपी के बीच गाजीपुर सीमा पर राहुल-प्रियंका अपने कार्यकर्ताओं के साथ सुबह साढ़े दस बजे ह पहुंच गए थे। और दो घंटे तक सभी वहीं डटे रहें। मौके पर प्रियंका और राहुल दोनों की ही पुलिस से कई राउंड की बातचीत भी हुई। लेकिन पुलिस नहीं मानी और उन्हें वापस लौटना पड़ा। राहुल ने पहले अपने साथ चार लोगों को ले जाने की इजाज़त मांगी थी इसके बाद वो अकेले जाने को भी तैयार थे लेकिव ये शर्त भी पुलिस प्रशासन ने ठुकरा दिया। जिसके बाद कांग्रेसी काफिले को मेरठ एक्सप्रेसवे पर थोड़ी ही दूर पर बने इंदिरापुरम अंडरपास से घुमाकर दिल्ली लौटना पड़ा। मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। कई किलोमीटर लंबा जाम भी लग गया। जिससे आम लोगों को आवागमन में परेशानियां उठानी पड़ी

राहुल गांधी ने अपने X handle पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, "पुलिस ने हमें संभल जाने से रोक दिया। विपक्ष के नेता होने के नाते यह मेरा अधिकार और कर्तव्य है कि मैं वहां जाऊं। फिर भी मुझे रोका गया। मैं अकेला जाने को भी तैयार हूं, लेकिन वे इसके लिए भी नहीं माने। यह संविधान के ख़िलाफ़ है। भाजपा क्यों डरी हुई है - अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए पुलिस को आगे क्यों कर रही है? सच्चाई और भाईचारे के संदेश को क्यों दबा रही है?"

वहीं प्रियंका गांधी ने अपने X handle पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, "भाजपा न्याय की आवाज से डरती है। भाजपा इंसानियत और मोहब्बत से डरती है। भाजपा भाईचारे और एकता से डरती है। भाजपा अपने 'नफरत के बाजार' को बचाने के लिए 'मोहब्बत के हर सन्देश' को बैरिकेड कर देना चाहती है। लेकिन न तो मोहब्बत का सन्देश रुकेगा, न ही सच्चाई की आवाज दबेगी।"

बता दें कि विवाद संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर हो रहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि एक मंदिर को तोड़कर इस मस्जिद को बनाया गया था  हिंदू पक्ष मस्जिद को हरिहर मंदिर बता रहा है। इस तरह के दावे कई धार्मिक स्थानों पर किया गया है। मुस्लिम पक्ष का मानना है कि ये धार्मिक स्वरूप को बदलने की कोशिश है। किसी धार्मिक स्थान के धार्मिक स्वरूप को बदलने से 1991 का प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट रोकता है। संभल की जिला अदालत में एक याचिका दायर की गई। इसमें दलील दी गई है कि संभल की शाही जामा मस्जिद एक हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाई गई है। संभल की जिला एवं सत्र अदालत के सिविल जज (सीनियर डिविजन) आदित्य सिंह ने 19 नवंबर को वकील हरिशंकर जैन और अन्य की ओर से दायर याचिका को स्वीकार कर लिया। इन याचिकाओं में मस्जिद में प्रवेश करने की इजाजत मांगी गई है। याचिका दायर किए जाने के कुछ घंटे बाद ही अदालत ने सर्वे के लिए अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करने का आदेश दिया।  उसी दिन मंदिर का पहला सर्वे भी कर लिया गया। चंदौसी कोर्ट के आदेश के बाद ASI की टीम 24 दिसंबर को शाही जामा मस्जिद का दौरा करने पहुंची। इसी दौरान मुस्लिम पक्ष ने विरोध शुरू कर दिया। पुलिस और स्थानीय लोगों की झड़प हपई। पत्थरबाजी की गई, चप्पलें फेंकी गई यहां तक की गोलीबारी भी हई। पुलिस ने बचाव में आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इस झड़प में 5 लोगों की मौत हो गई और पुलिसकर्मियों के साथ साथ कई स्थानीय लोग घायल है। जिनका इलाज चल रहा है।
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