एक अधिकारी ने BJP जिलाध्यक्ष की तो हेकड़ी ही निकाल दी
मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है तो आजकल कार्यकर्ता भी अधिकारी को फ़ोन लगाकर हिदायत देने में कमी नहीं रख रहे। एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर घूम रहा है। इसे सुनेंगे तो पता चलेगा कि, मैं क्यों कह रहा था कि सत्ता का नशा बहुत ख़राब होता है।
इसीलिए कहते हैं, नशा बुरी आदत है। और नशा अगर सत्ता का हो तो और भी बुरी आदत है। क्योंकि जब सिर पर ये सवार होता है तो नियम-कानून तो टूटते ही हैं। आँखों से दिखना और दिमाग़ से सोचना बंद हो जाता है कि सामने बोल कौन रहा है। क्योंकि सत्ता का नशा इंसान की आँखों पर पट्टी सबसे पहले चढ़ाता है।
मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है तो आजकल कार्यकर्ता भी अधिकारी को फ़ोन लगाकर हिदायत देने में कमी नहीं रख रहे। एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर घूम रहा है। इसे सुनेंगे तो पता चलेगा कि, मैं क्यों कह रहा था कि सत्ता का नशा बहुत ख़राब होता है।
RTO अधिकारी- हैलो
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- कमल प्रताप सिंह बोल रहा था
RTO अधिकारी- कहां से
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- शहडोल से
RTO अधिकारी- बताइए ?
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- ये भूसे की गाड़ी का चालान होता है क्या ?
RTO अधिकारी- जी, बिल्कुल होता है। क्यों नहीं होता
इसके बाद कथित बीजेपी नेता कहता है कि मैं शहडोल का बीजेपी जिला अध्यक्ष बोल रहा हूं। इस पर अधिकारी का जो जवाब है, वो वायरल है। अधिकारी भी ठसक के साथ जवाब देता है। इसी के बाद कथित नेता जी आपा खोने लगते हैं।
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- मैं कलेक्टर साहब को फ़ोन लाइन पर लेता हूँ
RTO अधिकारी- बिल्कुल लीजिए, हमारे पास फ़ोन आ जाएगा कलेक्टर साहब का
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- अरे भांजा ज़िलाध्यक्ष बोल रहा हूँ
RTO अधिकारी- आप जो भी बोल रहे हैं
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- बात किससे कर रहे हो तुम
RTO अधिकारी- किससे कर रहा हूँ
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- RTO हो गए तो तमाशा हो गए तुम
RTO अधिकारी- आप ज़िलाध्यक्ष बन गए तो क्या राष्ट्रपति बन गए क्या ज़िलाध्यक्ष बनकर
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- नहीं, नहीं किसान की गाड़ी को रोककर
RTO अधिकारी- सुनिए मेरी बात, ये हमारा काम है। कलेक्टर साहब का आदेश है। बदतमीज़ी से तो बात करना ही नहीं। आप ज़िलाध्यक्ष हैं, ये बाद में देखा जाएगा आप कौन हैं।
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- अरे, कहां पर हो तुम ?
RTO अधिकारी- मैं जहां पर भी हूँ, पूछ लीजिए ड्राइवर को आ जाइए। यहाँ आना है आ जाइए
कहानी यहीं नहीं रुकती है। तथाकथित बीजेपी जिलाध्यक्ष को बात सीधे दिल पर लग जाती है। सामने से बोल रहा शख़्स बस इतना बता रहा है कि, जो भी गाड़ी पकड़ी गई है। उसमें ज़रूरत से ज़्यादा भूसा रखा हुआ है। जिसे देखकर ही कोई कह देगा कि ये ओवर साइज़ है। लेकिन नेता जी इतनी जल्दी मानते कहां हैं। बात आगे बढ़ी तो..कहानी में थोड़ी ट्विस्ट आ गई। अब तक सत्ताधारी दल के नेता जी ने इसे स्वाभिमान का विषय बना लिया था।
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- तुम किसान की गाड़ी रोकते हो ?
RTO अधिकारी- किसान की गाड़ी नहीं, किस स्थिति में गाड़ी खड़ी है देखिए। ओवर साइज़ है, ओवर हाइट है।
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- अरे ओवर हाइट…
RTO अधिकारी- अरे, ज़िलाध्यक्ष हैं, आप ज़िलाध्यक्ष हैं न। आइए आपको बताता हूँ कि क्या ज़िलाध्यक्ष हैं आप।
ये कहानी थोड़ी और लंबी होती है। दोनों तरफ़ से गरम शब्द के बाण चल रहे होते हैं। आगे नेता जी ने सामने खड़े शख़्स से पूछ लिया। तुम्हारा पद क्या है। जवाब मिला, तुम्हें क्यों बताएँ। साथ ही नेता जी को एक छोटा सा संदेश भी दे दिया। कम शब्दों में बड़ी बात..
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- तुम्हारा नाम क्या है यार
RTO अधिकारी- रविंद्र सिंह नाम है, रविंद्र
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- तुम किस पोस्ट पर हो यार
RTO अधिकारी- मैं बता दूँगा यहाँ पर, तुम अधिकारी नहीं हो मेरे पोस्ट पूछने वाले
बीजेपी ज़िलाध्यक्ष- अरे, तुम किस पोस्ट पर हो ?
RTO अधिकारी- तुम यहाँ पर आ जाओ, सब पोस्ट बता दूँगा तुम्हें। तुम ज़िलाध्यक्ष हो ना। तुम्हारी जिलाध्यक्षी निकालता हूँ यहाँ पर। तुम धमकी दे रहे हो न।
चुकि मामला वायरल है तो नेताजी थोड़ा बच रहे हैं। ख़ुद को इससे अलग कर रहे हैं। ख़बर है कि उन्होंने साफ़ साफ़ कह दिया है कि उन्हें पता ही नहीं कि आवाज़ किसकी है। लेकिन जिसकी भी है, उसे इस बात का अंदाज़ा है कि बीजेपी के ज़िलाध्यक्ष होना कितनी बड़ी बात है कि वो अधिकारी को भी धमकाने से बाज नहीं आते है। दूसरी तरफ़, एनएमएफ न्यूज़ इस वायरल ऑडियो क्लिप की सच्चाई की कोई पुष्टि नहीं करता।