SC ने रख दी अंतरिम जमानत पर ऐसी शर्तें, चकरा गया Arvind Kejriwal का सिर
शर्तों के साथ केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. केजरीवाल जेल से बाहर आने पर सीएम ऑफिस नहीं जा पाएंगे ना ही किसी फाइल पर साइन कर पाएंगे.
आखिरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 3 हफ्ते यानी एक 1 जून तक के लिए राहत मिल गई है। अंतरिम जमानत पर अब सीएम साहब जेल से बाहर आ जाएंगे। लेकिन अब सवाल यही है कि क्या ये वाइक में राहत है या फिर आफत आगे और बढ़ने वाली है। खैर बताएंगे आगे। लेकिन उससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ कैसे ईडी ने वो सबूत खोल दिए। जिससे 1 जून के बाद केजरीवाल की हालत टाइट होने वाली है। चलिए बताते हैं। सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि केजरीवाल बेशक 1 जून तक जेल से बाहर आ रहे हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल से सारे पर कतर दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में 3 बड़ी बाते कहीं:
- केजरीवाल शराब नीति केस पर बात नहीं कर सकेंगे
- केजरीवाल को सीएम ऑफिस या सचिवालय जाने की इजाजत नहीं होगी
- केजरीवाल कोई भी सरकारी फाइल साइन नहीं कर सकेंगे
- चुनाव प्रचार करने पर बैन नहीं, लेकिन केस पर कोई बात नहीं करेंगे
- किसी भी गवाह से बातचीत नहीं कर सकते, मामले को प्रभावित नहीं कर सकते
- केस से जुड़ी किसी भी अधिकारिक फाइल तक उनकी पहुंच नहीं होगी
- दो जून को सरेंडर करना होगा
तो जेल से बाहर आकर केजरीवाल शराब घोटाले को लेकर कोई भी बयानबाजी नहीं कर सकते। अगर ऐसा किया तो वक्त से पहले फिर से जेल जाना पड़ जाएगा। और फिर खेल ऐसा बिगड़ेगा की सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई नहीं कर पाएगा। खैर अभी तो शर्तें और लागू की जाएंगी। क्योंकि जमानत बॉन्ड राउज एवेन्यु कोर्ट से भरा जाएगा। और राउज एवेन्यू कोर्ट ही जमानत की शर्ते लागू करेगा… वहीं दूसरी तरफ
- केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी
- केजरीवाल की याचिका पर बहस अगले हफ्ते जारी रहेगी
- 20 मई से पहले यानी कोर्ट की छुट्टियों से पहले याचिका पर फैसला आ जाएगा
खैर अब ईडी केजरीवाल की आफत और बढ़ाने की तैयारी कर रही है केजरीवाल के खिलाफ जल्द चार्जशीट दाखिल की जाएगी। और इसमें ईडी केजरीवाल को शराब घोटाले का किनपिंग बना सकती है। क्योॆंकि ईडी बार बार बोल रही है कि शराब घोटाला किसी और की नहीं। बल्कि केजरीवाल की दिमाग की उपज है। चालाकी दिखाते हुए बचने के लिए उन्होने अपने पास कोई विभाग नहीं रखा। ऐसे में चंद दिनों की राहत। राहत नहीं है। ये इतनी बड़ी आफत है कि इसका अंदाजा आम आदमी पार्टी शायद ही लगा पाए। खैर जैसे ही केजरीवाल की अंतरिम जमानत का फैसला आया, आम आदमी पार्टी में जश्न मनने लगा। आप नेता अंतरिम जमानत को भी लोकतंत्र की जीत बताने लगे… सबसे पहले बीजेपी पर तंज कसने के लिए आतिशी मैदान में कूद पड़ी ।
खैर ये लोकतंत्र की जीत है या नहीं ये तो तब पता चलेगा जब केजरीवाल शराब घोटाले में बरी होंगे। अभी अंतरिम जमानत को लोकतत्र की जीत बताना तो बेवजह का माहैल बनाना है। क्योंकि केजरीवाल फिलहाल कुछ दिन के लिए बाहर आ रहे हैं। ना की बरी होकर या फिर जमानत पर। सिर्फ आतिशी ही नहीं। सौरभ भारद्वाज ने भी इस मुद्दे पर को लेकर बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया।
सौरभ भारद्वाज को भी यकीन नहीं रहा है कि कैसे केजरीवाल को जमानत मिल गई। क्योकि ये बात सच है कि PMLA के तहत वो भी इतने गंभीर आरोपो। सबूतों के साथ । उसमें अंतरिम जमानत मिलना वाकई चौंकाने वाला है। आम आदमी पार्टी केजरीवाल को जमानत मिलने पर चुनाव की जीत देख रही है। लेकिन बीजेपी ने साफ कर दिया है। कि कितना भी आम आदमी पार्टी माहौल बना ले… लेकिन सातों सीटों पर बीजेपी की ही जीत होगी।
खैर आरोप प्रत्यारोप का दौर तो शुरू हो ही गया है। लेकिन हालात बता रहे कि आने वाले दिनों में केजरीवाल पऱ आफत बढ़ सकती है। 1 जून से ईडी केजरीवाल पर सख्ती बढ़ा सकती है। क्योंकि अब उन्हें गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर राहत मिलने की उम्मीद भी कर हो गई है। क्योंकि ईडी चार्जशीट के साथ सारा खेल करेगी। आरोपियों से आमना सामना करवाएगी। यही काम हुआ तो केजरीवाल शायद सच उगल दें। आगे आगे देखिये शराब घोटाले में जल्द बड़ा खेल हो सकता है।