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दिल्ली एनसीआर में दम घुट हवा ने बिगाड़ी हालत, सुप्रीम कोर्ट ने लागू किया ग्रैप-4

Delhi Pollution: दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सोमवार को रात 9 बजे 399 पर पहुंच गया और 10 बजे 400 के पार पहुंच गया।
दिल्ली एनसीआर में दम घुट हवा ने बिगाड़ी हालत, सुप्रीम कोर्ट ने लागू किया ग्रैप-4
Photo by:  Google

Delhi Pollution: दिल्ली में सोमवार रात वायु गुणवत्ता बिगड़ने के कारण पूरे दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 प्रतिबंध फिर से लागू कर दिया गया है। दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सोमवार को रात 9 बजे 399 पर पहुंच गया और 10 बजे 400 के पार पहुंच गया। वायु गुणवत्ता 'गंभीर+' श्रेणी में पहुंच गई, जिसके चलते आपातकालीन बैठक में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण को फिर से लागू करने का फैसला लिया गया।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ....

चौथे चरण के उपायों को फिर से लागू किया जाना चाहिए - सुप्रीम कोर्ट 

सीएक्यूएम ने एक बयान जारी कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अनुसरण करते हुए उप-समिति ग्रैप के तहत अनुसूची के चौथे चरण को तत्काल प्रभाव से लागू करती है, जिसे 13 दिसंबर को व्यापक रूप से संशोधित और जारी किया गया था। सीएक्यूएम की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला दिया गया है, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि यदि आयोग को एक्यूआई 350 के स्तर को पार करता हुआ मिलता है, तो तीसरे चरण उपायों को लागू किया जाना चाहिए और अगर एक्यूआई 400 को पार करता है, तो चौथे चरण के उपायों को फिर से लागू किया जाना चाहिए। इससे पहले पूरे एनसीआर में ग्रैप 3 की पाबंदियां लगाई गई थी, क्योंकि एक्यूआई 350 के स्तर को पार कर गया था।

तीसरा चरण एक्यूआई 401 से 450 रहने पर लागू किया जाता है - सुप्रीम कोर्ट 

 वायु गुणवत्ता के मापदंडों में और भी गिरावट दर्ज की गई है, जो दिल्ली में मिश्रण परत की ऊंचाई में भारी कमी और शून्य-हवा की स्थिति के चलते हुई। इसके परिणामस्वरूप, ग्रैप पर उप-समिति दिल्ली में वायु गुणवत्ता की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही थी। उप-समिति ने यह नोट किया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक स्तर लगभग 400 के आंकड़े को छूने वाला था, यानी 9 बजे 399 था और 10 बजे 401 पर रिकॉर्ड किया गया, जो 400 के आंकड़े को पार कर गया। बता दें कि ग्रैप में कुल चार चरण आते हैं। पहला चरण तब लागू होता है, जब एक्यूआई 201 से 300 के बीच रहता है। इसके बाद दूसरा चरण एक्यूआई 301 से 400 के बीच रहने पर लागू होता है, जबकि तीसरा चरण एक्यूआई 401 से 450 रहने पर लागू किया जाता है। वहीं, चौथे चरण में एक्यूआई के 450 से अधिक होने पर इसे अमल में लाया जाता है।

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