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आज शुरू हुआ झारखंड की नवगठित छठी विधानसभा का पहला सत्र, हेमंत सोरेन और अन्य सदस्यों ने ली शपथ

डुमरी सीट से पहली बार विधानसभा सदस्य के रूप में चुने गए जेएलकेएम (झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा) के जयराम महतो ने सदन में प्रवेश करने से पहले चौखट पर माथा टेका। वह नंगे पांव सदन में पहुंचे हैं।
आज शुरू हुआ झारखंड की नवगठित छठी विधानसभा का पहला सत्र, हेमंत सोरेन और अन्य सदस्यों ने ली शपथ
झारखंड की नवगठित छठी विधानसभा का पहला सत्र सोमवार को दिन के 11.15 बजे शुरू हुआ। प्रोटेम स्पीकर प्रो. स्टीफन मरांडी ने कार्यवाही प्रारंभ होने के साथ नई विधानसभा के गठन को लेकर राज्यपाल का संदेश पढ़ा। उन्होंने झारखंड के वीर शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सपनों के अनुरूप विकसित झारखंड बनाने में सभी सदस्य सहयोग करेंगे, इसकी कामना करता हूं। प्रोटेम स्पीकर ने विधानसभा के स्थायी अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया से भी सदस्यों को अवगत कराया। 

इसके बाद नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई। सबसे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचित सदस्य के रूप में शपथ दिलाई गई। इसके बाद छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के सदस्य के तौर पर राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और चाईबासा सीट से निर्वाचित परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ ने शपथ ली।

घाटशिला के नवनिर्वाचित विधायक के तौर पर स्कूली शिक्षा विभाग के मंत्री रामदास सोरेन ने संथाली भाषा, गिरिडीह विधानसभा सीट के विधायक के रूप में नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने खोरठा, जामताड़ा के विधायक के रूप में स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बांग्ला और मधुपुर के विधायक के रूप में जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन ने उर्दू में शपथ ली।

कृषि एवं पशुपालन विभाग की मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने मांडर सीट के विधायक के रूप में शपथ लेते हुए दायें हाथ में संविधान की पुस्तक ले रखी थी। कई विधायकों ने झारखंड की क्षेत्रीय भाषाओं में शपथ ली।

जयराम महतो ने सदन में प्रवेश करने से पहले चौखट पर माथा टेका


डुमरी सीट से पहली बार विधानसभा सदस्य के रूप में चुने गए जेएलकेएम (झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा) के जयराम महतो ने सदन में प्रवेश करने से पहले चौखट पर माथा टेका। वह नंगे पांव सदन में पहुंचे हैं।

छठी विधानसभा पिछली विधानसभाओं की तुलना में कई मायनों में अलग है। इस बार सदन में सदस्यों की संख्या 82 की बजाय 81 है। इसकी वजह यह है कि विधानसभा में 82वें विधायक के रूप में एंग्लो इंडियन समुदाय के किसी व्यक्ति को मनोनीत करने की संवैधानिक व्यवस्था अब समाप्त हो गई है।   

यह पहली विधानसभा है, जब सत्ता पक्ष के सदस्य संख्या बल में पिछली सभी विधानसभाओं से ज्यादा हैं। इस बार सदन में 21 यानी एक चौथाई विधायक ऐसे हैं, जो पिछली विधानसभा का हिस्सा नहीं थे। विधानसभा में चार पार्टियों का एकल प्रतिनिधित्व होगा। जदयू, लोजपा (आर), आजसू पार्टी और जेएलकेम के एक-एक विधायक जीतकर सदन में पहुंचे हैं।

81 सदस्यीय सदन में इस बार झामुमो के 34, भाजपा के 21, कांग्रेस के 16, राजद के 4 और सीपीआई एमएल के दो विधायक पहुंचे हैं। इस बार सदन में एक भी निर्दलीय विधायक नहीं है।

Input: IANS
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