AAP की फाइल लिस्ट में ये बड़े नाम, 20 से ज्यादा का पत्ता साफ़
BJP से आए चेहरों पर दांव
आम आदमी की फाइनल लिस्ट में रमेश पहलवान का नाम भी है. रमेश पहलवान को कस्तूरबा नगर से टिकट मिला है. वे जिस दिन BJP छोड़कर AAP में शामिल हुए उसी के एक घंटे बाद उन्हें टिकट मिल गया. ऐसे में उनको टिकट मिलना पहले से तय माना जा रहा था. या फिर टिकट की डील होने के बाद ही उन्होंने AAP को हामी भरी होगी.
इससे पहले की दो लिस्ट में BJP से आए ब्रह्म सिंह तंवर, बीबी त्यागी, और अनिल झा का नाम था.
कांग्रेस से आए नेताओं को टिकट
विरोधी खेमे से आए नेताओं को केजरीवाल ने निराश नहीं किया. कांग्रेस से AAP में आने वाले जुबैर चौधरी, वीर सिंह धींगान और सुमेश शौकीन कांग्रेस को भी टिकट मिला.
इस बार इनका पत्ता साफ
आम आदमी पार्टी ने इस बार नए चेहरों पर दांव लगाया है. अपने मौजूदा विधायकों में से 20 का टिकट काटकर पार्टी ने बोल्ड स्टेप लिया है. हालांकि इनमें तीन विधायक ऐसे हैं जिनके बेटों और पत्नी को टिकट मिला है.
- नरेश बालियान की पत्नी पूजा बालियान को उत्तम नगर से टिकट मिला है.
- इसके बग्गा के बेटे विकास बग्गा को कृष्णा नगर से टिकट मिला है.
- प्रह्लाद साहनी के बेटे पूरनदीप साहनी को चांदनी चौक से टिकट मिला है.
अब सवाल ये है कि आम आदमी पार्टी इतनी जल्दबाजी में क्यों है. क्या पार्टी को कोई डर है. क्योंकि दूसरे खेमे की बात करें तो अभी तक कांग्रेस ने ही अपनी पहली लिस्ट ही जारी की है. जिसमें भी 21 नाम हैं. वहीं, बीजेपी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले. लेकिन दूसरी तरफ ये केजरीवाल का मास्टर स्ट्रोक भी माना जा रहा है. पार्टी ये संदेश देना चाहती है कि प्रत्याशियों को लेकर उसमें कोई पशोपेश नहीं. कोई कन्फ्यूजन नहीं. कोई चिकचिक नहीं. पार्टी फुल कॉन्फिडेंस में है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि फाइनल लिस्ट के बाद केजरीवाल ने X पर पोस्ट में कहा कि,
आम आदमी पार्टी पूरे आत्मविश्वास और पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ रही है. BJP गायब है. उनके पास ना CM चेहरा है. ना टीम है, ना प्लानिंग है और ना ही दिल्ली के लिए कोई विजन.
AAP एक एक कदम स्टेप बाई स्टेप रख रही है. एक के बाद एक प्रत्याशियों की चारों लिस्ट जारी की. चारों लिस्ट में ज्यादा दिनों का गैप भी नहीं था. यानी तैयारी बहुत पहले से ही चल रही थी.
वहीं, प्रत्याशियों का नाम अभी से फाइनल करने के पीछे एक वजह ये भी मानी जा रही है कि सभी प्रत्याशी अपने अपने क्षेत्र में तैयारी शुरू कर दें. सियासी मैदान में पूरी ताकत के साथ उतरे. जनता का मन अभी से टटोलें और पार्टी से शिकवे शिकायत मिटा सकें. जनता तक AAP की छवि और विजन को पेश कर सकें. हालांकि ये लड़ाई AAP के लिए इतनी भी आसान नहीं होने वाली.
नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल VS संदीप दीक्षित ?
नई दिल्ली सीट राजधानी की दशा दिशा तय करती है. इस सीट पर जो जीता वहीं दिल्ली का सिकंदर. केजरीवाल खुद इसी सीट पर चुनाव लड़ते आए हैं. इस बार उनके सामने कांग्रेस से संदीप दीक्षित हैं. जिनकी मां शीला दीक्षित इसी सीट से ३ बार विधायक रहीं और 3 बार दिल्ली की सत्ता संभाली. वहीं, बीजेपी से प्रत्याशियों को लेकर कोई हलचल नहीं दिख रही. ऐसे में देखने होगा केजरीवाल का ये प्री-प्लान कितना काम करता है.