हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी जामा मस्जिद? संभल शाही जामा मस्जिद विवाद पर क्या कहता है ऐतिहासिक साक्ष्य?
संभल के शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर शुरू हुए विवाद में ASI के द्वारा पूर्व में किए गए सर्वे और हिंदू पक्ष के दावे के मुताबिक भगवान विष्णु के मंदिर होने का उल्लेख है। 19 नवंबर को सर्वे टीम द्वारा पहला और 24 नवंबर को दूसरे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंची। सर्वे के विरोध में 4 लोगों की मौत और कई अन्य घायल हो गए हैं। कई सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए हैं।
यूपी के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर शुरू हुआ बवाल अब हिंसक रूप ले चुका है। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई है और कई अन्य घायल है। कई सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं। इनमें डिप्टी कलेक्टर अनुज चौधरी के पैर में चोट लगी है। करीब 2000 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने सर्वे करने आई टीम को रोकने की कोशिश की और उन पर हमला किया। सर्वे से नाराज भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। जिसके बाद बिगड़ते हालात को देखते हुए पुलिसकर्मियों को आंसू गैस और लाठी चार्ज करना पड़ा। इस मामले में कई महिलाओं को भी हिरासत में लिया गया है। 12वीं तक के सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं और इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस मामले में संभल के सांसद और विधायक के लड़के पर हिंसा भड़काने को लेकर एफआईआर दर्ज हुई है। जिले के एसपी ने सभी आरोपियों पर NSA के तहत कार्रवाई की बात कही है। हिंसा में कई वाहनों को भी फूंका गया है। इस हिंसा में कांस्टेबल के सिर और पैर पर चोट लगी है। फिलहाल आगजनी हिंसा वाली जगह पर कई सुरक्षाकर्मी तैनात हैं और माहौल कंट्रोल में है। ऐसे में जानना जरूरी है कि यह हिंसा कैसे शुरू हुई ? क्या सच में इस मस्जिद की जगह मंदिर था ? क्या मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाया गया था ? आखिर ऐतिहासिक दस्तावेजों में इस जगह को लेकर किस बात का उल्लेख है ?
शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने गई टीम पर भीड़ ने किया हमला
बता दें कि संभल की शाही जामा मस्जिद के पूर्व में हरिहर मंदिर होने की दायर याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सर्वे का आदेश दिया था। 19 नवंबर को सर्वे टीम द्वारा पहला सर्वे किया गया। 20 नवंबर को दूसरे सर्वे के लिए सर्वे टीम मस्जिद पहुंची। जानकारी के लिए बता दें कि दोनों पक्षों की मौजूदगी में यह सर्वे होना था। लेकिन सर्वे से पूर्व करीब 2000 लोगों की भीड़ ने सर्वे का विरोध जताना शुरू कर दिया। गुस्साई भीड़ ने पुलिस और सर्वे टीम पर हमला कर दिया। पुलिस टीम पर हमले के बाद माहौल गर्मा गया। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस छोड़ने पड़े। एक तरफ भीड़ पुलिस पर पथराव कर रही थी। तो दूसरी तरफ पुलिस ने सर्वे टीम को सुरक्षा प्रदान करते हुए सर्वे पूरा कर लिया। यह रिपोर्ट 29 नवंबर को कोर्ट में पेश की जाएगी। जहां दोनों पक्षों को भी सुना जाएगा।
क्या संभल की शाही जामा मस्जिद की जगह हरिहर मंदिर था?
संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर शुरू हुए विवाद पर हर किसी के मन में यह सवाल है कि क्या इस मस्जिद में पहले प्राचीन हरिहर मंदिर था ? क्या सच में मंदिर को ध्वस्त कर मस्जिद बनाया गया था ? टीवी चैनल आज तक ने इस दावे को लेकर ऐतिहासिक और पुरातात्विक पड़ताल की। जिसमें ASI की टीम द्वारा 1875 में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तत्कालीन अधिकारी ए.सी.एल. कार्लाइल (A. C. L. Carlleyle) द्वारा तैयार रिपोर्ट "Tours in the Central Doab and Gorakhpur 1874-1875 and 1875-1876" में संभल की जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की जानकारी दर्ज है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि मस्जिद के अंदर और बाहर हिंदू मंदिरों की तरह ही सब कुछ है। लेकिन बाद में प्लास्टर से छुपाने की कोशिश की गई है। इसके अलावा मस्जिद के खंभे से प्लास्टर के हटने पर लाल रंग की प्राचीन भी दिखाई दिए हैं। इससे जाहिर होता है कि यह डिजाइन हिंदू मंदिरों में इस्तेमाल होने वाले खंभे है।
ASI की कई रिपोर्ट में पूर्व में मंदिर होने का दावा
ASI की सर्वेक्षण में जामा मस्जिद में कई ऐसे संकेत मिले हैं। जिसमें दावा किया गया है कि इसमें मंदिर के अवशेष हैं। इसकी प्राचीनता हिंदू मंदिर होने का इशारा करती है। हालांकि इसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। 29 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई है। जो हाल ही में 19 और 24 नवंबर को हुए सर्वे की रिपोर्ट अदालत के सामने पेश की जाएगी। इसके अलावा मस्जिद में एक शिलालेख मौजूद है। जिसका निर्माण 933 हिजरी में मीर हिंदू बेग ने पूरा किया था। मीर हिंदू बेग बाबर का दरबारी था। इस दावे में बताया गया है कि मीर हिंदू ने इसे मंदिर से मस्जिद में तब्दील किया था। शिलालेख में यह प्रमाण है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था। मस्जिद के गुंबद जीर्णोद्वार हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान के शासनकाल में हुआ था। इसमें कई तरह के संरचना पाए गए हैं। जिसे बाद में ढक दिया गया है।
संभल की जामा मस्जिद पर हिंदू पक्ष ने क्या दावे किए
संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यह एक प्राचीन हिंदू मंदिर था। जिसे तोड़कर मस्जिद बनाया गया। इस दावे का उल्लेख भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ASI और ऐतिहासिक साक्ष्य के आधार पर बताया गया है। हिंदू पक्ष का यह भी दावा है कि भगवान विष्णु के मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाया गया था।
बाबरनामा में किस बात का उल्लेख
हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता हरिशंकर जैन ने अपनी याचिका में बाबरनामा का जिक्र किया है। इस बाबरनामा को खुद बाबर ने लिखा है। इसका अनुवाद ब्रिटिश ओरिएंटलिस्ट एनेट बेवरिज ने किया है। जिस पर पृष्ठ संख्या 687 पर लिखा है कि बाबर के आदेश पर उसके दरबारी मीर हिंदू ने संभल के हिंदू मंदिर को शाही जामा मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था। यह पूरा साक्ष्य शिलालेख से मेल खाता है। इस मस्जिद के निर्माण का उल्लेख 933 हिजरी वर्ष में है।