उत्तराखंड को इन तीन सालों में क्या मिला ये है पूरा ब्योरी

इसके अलावा इन तीन सालों में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी UCC, भू-कानून, दंगा निरोधक कानून और नक़ल विरोधी कानून को लागू कर उत्तराखंड के लोगों को नई दिशा दी गई। इनमें से सबसे बड़ी बात ये कि उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य बना, जहां UCC सफलतापूर्वक लागू हुआ। ये किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं था। इन कानूनों के लागू होने में कई रुकावटें आईं, लेकिन राज्य के सभी लोगों को एक समान हक दिलवाना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक रहा और इसके लागू होने से समानता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलने की दिशा में राज्य ने तेज़ी से कदम आगे बढ़ाए। भू-कानून में किए गए संशोधनों से राज्य में बाहरी लोगों ने जो अवैध कब्जा पहाड़ी लोगों की ज़मीनों पर कर रखा था, उसपर रोक लगाई गई, और पहाड़ पर रहने वालों को उनका हक वापस मिल सका। वहीं, दंगा निरोधक कानून से राज्य में हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर जोर दिया गया ताकि किसी भी राज्य संपत्ति का नुकसान न होने पाए, और जो ये करने की हिमाकत भी करे, तो उसे ऐसी सजा मिले कि उसकी सात पुश्तें याद रखें। नक़ल विरोधी कानून से बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले माफियाओं पर लगाम लगाई जा सके और सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता हो।
इसके अलावा जिहादियों की कमर तोड़ने का काम भी सरकार की तरफ से इन तीन सालों में जारी रहा। थूक जिहाद हो या लव जिहाद फैलाने वालों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की गई। इसी के साथ अवैध मज़ारों और मदरसों के खिलाफ अभियान ने राज्य के लोगों की लैंड जिहाद की समस्या को भी खत्म करने का काम शुरू किया।
अब से सभी कार्य किए गए, लेकिन इन्हें आगे भी जारी रखने पर जोर दिया जाएगा, ये भी सीएम धामी ने कहा है, ताकि देवभूमि के लोगों को जो नया जीवन मिला और देश के एक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने की दिशा में एक नया कदम आगे बढ़ाया गया, वो ऐसे ही जारी रहे।