Mayawati के फैसले से खुश हो जाएंगे Yogi Adityanath, चुनाव बाद होगा बड़ा खेल
बसपा प्रमुख मायावती की पार्टी बसपा के गठबंधन को लेकर खूब माहौल बना था। कभी nda से तो कभी इंडिया गठबंधन से, हालांकि, अब मायावती अकेले ही लोकसभा का चुनाव लड़ रही है। लेकिन चुनाव बाद क्या ? उसके बाद क्या बड़ा सियासी खेल होगा ? मायावती किसी पार्टी के साथ गठबंधन करेंगी ? क्या योगी के साथ जाएंगी ?
बसपा प्रमुख मायावती की पार्टी बसपा के गठबंधन को लेकर खूब माहौल बना था। कभी nda से तो कभी इंडिया गठबंधन से, हालांकि, अब मायावती अकेले ही लोकसभा का चुनाव लड़ रही है। लेकिन चुनाव बाद क्या ? उसके बाद क्या बड़ा सियासी खेल होगा ? मायावती किसी पार्टी के साथ गठबंधन करेंगी ? क्या योगी के साथ जाएंगी ? चलिए आपको भी बताते है पूरी खबर के बारे में।
दरअसल, अभी फ़िलहाल बसपा प्रमुख मायावती ने लोकसभा चुनाव का ज़िम्मा अपने भतीजे आकाश आनंद को दे रखा है। वो जगह-जगह रैली कर रहे है। बसपा का मोर्चा उन्होंने ही संभाल रखा है। इसी बीच आकाश आनंद ने इंडियन एक्सप्रेस को इंटरव्यू में इस मुद्दे पर खुल के बात की की चुनाव के बाद बसपा का स्टैंड क्या होगा ? मायावती किसके साथ जाएंगी ?
किसका समर्थन करेगी बसपा?
सबसे पहले आकाश आनंद से यही सवाल होता है की इस बार बसपा चुनावी मैदान में अकेले क्यों है ? इसके जवाब में आकाश आनंद कहते है "इंडिया गठबंधन और एनडीए दोनों के पिछले ट्रैक रिकॉर्ड नौकरियों, विकास आदि जैसे मुद्दों पर बेहतर नहीं रहे हैं। ऐसे में बसपा उनके साथ गठबंधन नहीं कर सकती थी।"
वही, जब उनसे ये पूछा गया की चुनाव के बाद क्या गठबंधन होगा, इसके जवाब में आकाश आनंद ने कहा "यह फैसला हम चुनाव परिणाम सामने आने के बाद ही लेंगे कि गठबंधन की स्थिति आती है तो हमें किसके साथ जाना है" आगे उन्होंने कहा "मायावती इस बात को लेकर पूरी तरह क्लियर हैं कि बसपा परिणाम के बाद गठबंधन के लिए तैयार रहेगी और यह हालात तय करेंगे कि क्या होना है।"
यानी ये तो क्लियर हो गया है की चुनाव के बाद गठबंधन तो होगा। लेकिन सवाल है की आखिर किससे ? इसको लेकर भी कयास लगाए जा रहे है।
चुनाव बाद किस योगी के साथ जाएंगी मायावती?
आकाश आनंद के बाद ऐसे कयास लग रहे है। इसी इंटरव्यू के दौरान आकाश आनंद से बसपा को बीजेपी की बी टीम कहे जाने को लेकर सवाल हुआ जिसपर उन्होंने कहा था "हम भी कह सकते हैं कि बसपा का उम्मीदवार मजबूत था लेकिन सपा-कांग्रेस ने हमारा वोट काटने के लिए उम्मीदवार खड़ा कर दिया। ऐसा हुआ भी है और 2014 में जब बसपा ने यूपी में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा था, तो सपा और कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार उतारे थे। हमने अपना वोट शेयर बरकरार रखा लेकिन कोई भी सीट नहीं जीत सके क्योंकि उन्होंने हमारे उम्मीदवारों के वोट काट लिए। अगर इस नजरिए से देखें तो सपा और कांग्रेस ही वोट काटती हैं"
आकाश आनंद ने जिस तरह से सपा और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधा है उससे ये तो साफ़ लग रहा है की बसपा इनसे चिढ़ी हुई है। और दूसरा पॉइंट ये भी है की इस बार भी उत्तरा प्रदेश में योगी लहर है ही है, बीजेपी को लोकसभा चुनाव में अच्छी खासी सीट मिल सकती है, ऐसे में बसपा ज़ाहिर सी बात है जीती हुई पार्टी के साथ ही जाएगी। तो हो सकता है मायावती योगी के साथ चली जाए और बीजेपी से गठबंधन कर ले। और अगर ऐसा हुआ तो सीएम योगी खुश ही होंगे की बसपा की राजनितिक ताकत के बारे में हर कोई जानता है। मायावती के साथ मिलकर बीजेपी और मज़बूत हो जाएगी। और विपक्ष का वोट भी काट पाएगी। हालांकि, ये तो आने वाले वक़्त में पता चलेगा।
बात बसपा की करे तो अभी लोकसभा चुनाव को लेकर बसपा ने उत्तर प्रदेश के लिए तीन प्रत्याशियों की 6वीं लिस्ट जारी कर दी है। और लगातार बसपा प्रचार कर रही है, मायावती भी प्रचार के लिए उतर चुकी है।