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साइबर फ्रॉड रोकने के लिए NPCI का बड़ा फैसला! 1 अप्रैल से Inactive मोबाइल नंबरों पर काम नहीं करेगा UPI

दरअसल, लंबे समय से बंद पड़े नंबर या इस्तेमाल न होने वाले नंबरों को कंपनियां कुछ महीनो बाद किसी दूसरे यूजर को प्रोवाइड कर देती हैं। ऐसे में नंबरों का पुराने कस्टमर के बैंक खातों से जुड़े होने पर फ्रॉड का खतरा रहता है। NPCI ने सभी यूपीआई प्लेटफार्म यानी गूगल पे,फोन पे,पेटीएम को गाइडलाइंस दी है कि ऐसे नंबरों की पहचान कर वहां से हटाएं। लंबे समय तक Inactive मोबाइल नंबर आपके बैंक खाते से भी हट सकते हैं।
साइबर फ्रॉड रोकने के लिए NPCI का बड़ा फैसला! 1 अप्रैल से Inactive मोबाइल नंबरों पर काम नहीं करेगा UPI
आप भी UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस इस्तेमाल करते हैं। तो आपके बैंक से जुड़ा मोबाइल नंबर जो लंबे समय से  इनएक्टिव है। उस नंबर से आपका UPI 1 अप्रैल से काम करना बंद कर देगा। ऐसे में आपको पेमेंट करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सरकार ने 1 अप्रैल से UPI पेमेंट के नियमों में कई बड़े बदलाव किए हैं। तो चलिए जानते हैं कि सरकार ने किन वजहों से इस नियम में बड़ा बदलाव किया ? इसके अलावा इस परेशानी से निजात पाने के लिए आपको क्या कुछ करना है ? 

1 अप्रैल से UPI से जुड़ा नया नियम होगा लागू 

आपको बता दें कि आपके बैंक से जुड़ा हुआ वो मोबाइल नंबर जो लंबे समय से इनएक्टिInactive है या फिर जो बाद में एक्टिव कराया गया है। ऐसे नंबरों को UPI से हटा दिया जाएगा। ऐसे में उन सभी UPI यूजर्स को परेशानी हो सकती है। जिनके मोबाइल नंबर पहले से बंद हैं। इसके अलावा कोई पुराना नंबर लिंक्ड है। तो UPI को रेगुलेट करने वाली संस्था (NPCI) ने बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को ऐसे मोबाइल नंबरों को डीलिंक कराने का निर्देश दिया है। इसके अलावा NPCI ने पुल ट्रांजैक्शन को भी बंद करने को कहा है। 

साइबर फ्रॉड रोकने के लिए लागू हुआ ये नियम 

NPCI ने देश में बढ़ रहे साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए ये नया नियम लागू किया है। इससे अनऑथराइज्ड ट्रांजैक्शन पर रोक लगेगी। दरअसल, लंबे समय से बंद पड़े नंबर या इस्तेमाल न होने वाले नंबरों को कंपनियां कुछ महीनो बाद किसी दूसरे यूजर को प्रोवाइड कर देती हैं। ऐसे में नंबरों का पुराने कस्टमर के बैंक हाथों से जुड़े होने पर फ्रॉड का खतरा रहता है। NPCI ने सभी यूपीआई प्लेटफार्म यानी गूगल पे,फोन पे,पेटीएम को गाइडलाइंस दी है कि ऐसे नंबरों की पहचान कर वहां से हटाएं। लंबे समय तक इनएक्टिव मोबाइल नंबर आपके बैंक खाते से भी हट सकते हैं। हालांकि सर्विस को बंद करने से पहले लोगों को अलर्ट मैसेज भेजा जाएगा।  चेतावनी के बाद भी अगर कोई यूजर गंभीरता से नहीं लेता है। तो फिर उस नंबर को ऑटोमेटिक UPI सिस्टम से हटा दिया जाएगा। 

क्या है पुल ट्रांजैक्शन जिसको हटाने की चल रही तैयारी

जानकारी के लिए बता दें कि जब भी कोई UPI APP पर मर्चेंट या व्यक्ति पेमेंट के लिए रिक्वेस्ट भेजता है। तो इसे "पुल ट्रांजैक्शन" कहते हैं। इसमें जिसके द्वारा रिक्वेस्ट भेजी जाती है। उसके द्वारा पहले से ही राशि दिखती है। पैसा भेजने वाले को सिर्फ अपना यूपीआई पिन डालकर पेमेंट करना होता है। इसके लिए एक नोटिफिकेशन भी दिखता है। इस पुल ट्रांजैक्शन की वजह से सबसे ज्यादा ठगी हो रही है। यही वजह है कि NPCI इसे हटाने की तैयारी कर रही है। हालांकि ऑफीशियली तौर पर इसको लेकर कोई भी जानकारी नहीं आई है। 

इस परेशानी को सॉल्व करने के लिए क्या कुछ करे 
अगर आपका भी कोई मोबाइल नंबर Inactive है या लंबे समय से उसका इस्तेमाल नहीं किया है। अगर वह मोबाइल नंबर आपके बैंक से जुड़ा है। तो उस मोबाइल नंबर को अपने बैंक खाते से हटा ले। वरना आपको भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। 
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