Borrowing Money: अगर नहीं मिल रहा किसी को उधार दिया हुआ पैसा तो इस क़ानूनी कार्यवाई से ऐसे लें वापस
Borrowing Money: आपके साथ भी कई बार ऐसा हुआ होगा जब आपने खुद के पैसे मांगे हो और सामने वाला बहाने बनाकर पैसे देने से इंकार कर दे। पैसे देने वालो को पैसे मांगते मांगते शर्म तक आने लगती है फिर उसके बाद वो खुद ही सब भूल कर आगे बढ़ जाते है।
Borrowing Money: हमारे देश में ना ही उधार लेने वालो की कमी है और ना ही उधार देने वालो की कमी है। कुछ लोग मदद के तौर पर पैसे उधार दे देते है लेकिन उनको बाद में पैसे मिले ना मिले उनको खुद नहीं पता होता। आपके साथ भी कई बार ऐसा हुआ होगा जब आपने खुद के पैसे मांगे हो और सामने वाला बहाने बनाकर पैसे देने से इंकार कर दे। पैसे देने वालो को पैसे मांगते मांगते शर्म तक आने लगती है फिर उसके बाद वो खुद ही सब भूल कर आगे बढ़ जाते है।इसलिए ऐसे लोगो के हित में सरकार ने एक कानून बनाया है जिससे अपना कर आप उधर वाले आपसे वापस ले सकते है
वकील की सहायता से अपना पैसा ले सकते है
अगर कोई बार बार बोलने पर भी नहीं दे रहा पैसे तो सिर्फ और सिर्फ आपके पास लास्ट विकल्प बचा है और वो है क़ानूनी करवाई। आप अपने वकील से सलाह लेकर उधार लेने वाले इंसान पर बेधड़क केस कर सकते हो। वकील आपको आपके क़ानूनी अधिकारों के बारे में बताएंगे, जिसकी मदद से आप अपना उधार पैसा वापस ले सकेंगे।
ऐसे करें क़ानूनी कार्यवाई
आपको अदालत में क़ानूनी करवाई करने के लिए मुकदमा दायर करना होगा।इस मुकदमे में आपको ये स्पस्ट रूप में साबित करना होगा की उधार लेने वाले इंसान ने अभी तक पैसे वापस नहीं किए है। अगर आप मुकदमा जीत जाते है तो आपको उधार वाले पैसे मिल जायेंगे। फिर आप उधार लेने वाले व्यक्ति को लीगल नोटिस भेज सकते है। इस बात का आपको विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा की आपके पास उस उधार लेने वाले इंसान की कॉल रिकॉर्डिंग हो।
'सिविल केस' भी फाइल करें
इन सबके बाद भी अगर आपको आपका पैसा नहीं मिल रहा तो ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं। इसके लिए आपको सिविल केस फाइल कर दे। ये एक अच्छा विकल्प है , आपको अपने वकील की मदद से समरी रिकवरी सूट फाइल करना होगा।ऐसा करने पर आपको कोर्ट आपका उधार पैसा दिलाने में मदद करता है। फाइल करने के कुछ दिन बाद ही आपको आपका पैसा मिल जायेगा।
इन बातों का रखे ध्यान
आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आपसे कोई उधार मांगता है तो आप सिर्फ उतना उधार दे जितना आप उस उधार को ना मिलने का जोखिम उठा सके। कहीं आपने इतना ज्यादा पैसा दे दिया और उसकी वजह से आपको तंगी का सामना करना पड़ जायेगा। इसलिए आप सिर्फ उतना ही पैसा दे जितना आप उसको ना मिलने के बाद सहन कर सकें।