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Daughter Property Rights: पिता की प्रॉपर्टी में क्या होता है बेटी और बेटे का बराबर का हक्क, आइए जानें

Daughter Property Rights: संपति के विभाजन को लेकर कई अलग अलग कानून बनाए गए है। जिसमे पिता की पैतृक संपत्ति में बेटे बेटियों का कितना अधिकार होता है ये सब लिखा होता है।
Daughter Property Rights: पिता की प्रॉपर्टी में क्या होता है बेटी और बेटे का बराबर का हक्क, आइए जानें
Photo by:  Pexels

Daughter Property Rights: कई परिवार में संपत्ति को लेकर अक्सर विवाद, लड़ाई झगड़े देखने को मिलते है।कई केस में तो मामला इतना बढ़ जाता है की कोर्ट तक पहुंच जाता है। बहुत से लोगों को तो इतना तक पता नहीं होता की भारत में संपति विभाजन को लेकर भी कई कानून बनाए गए है।ज्यादातर विवाद यहीं होते है, बेटे बेटियों में अक्सर बटवारे को लेकर झगड़ा होता रहता है।  वहीं आपको बता दे , संपति के विभाजन को लेकर कई अलग अलग कानून बनाए गए है। जिसमे पिता की पैतृक संपत्ति में बेटे बेटियों का कितना अधिकार होता है ये सब लिखा होता है।अकसर बहुत लोगों को ये लगता है की बेटो में मुकाबले बेटियों का संपति में कम हिस्सा होता है।चलिए आपको बताते है कितना होता है उनका अधिकार 

पिता की संपति में होता है बेटा और बेटी का बराबर का अधिकार 

साल 1956  में भारत में हिन्दू सेक्शन एक्ट बनाया गया था।जिसके तहत संपत्ति के विभाजन से लेकर संपत्ति पर अधिकार के दावों को लेकर कानून बनाए गए है।  पहले कानून के मुताबिक पैतृक संपत्ति पर सिर्फ बेटे का अधिकार होता था।  लेकिन साल 2005 में इस कानून में हुए थे चेंज , फिर इसके बाद जितना बेटे का हक्क है पिता की संपत्ति में उतना ही बेटी का भी हक्क होता है। साल 2005  में हिन्दू सेक्शन में हुए बदलाव के तहत चाहे बेटी की शादी हो या न हो या बेटी तलाकशुदा हो तब भी पिता की संपत्ति में बेटी का उतना ही हक होगा जितना बेटे का हक्क होगा।  

पिता की कमाई गयी संपत्ति पर नहीं कोई हक 

आपको बता दे।हिन्दू सेक्शन 1956 एक्ट में साल 2005  के बदलावों के तहत बेटी को सिर्फ पिता के संपत्ति से हक्क मिलेगा।  यानी वो संपत्ति जो पिता  के दर पीढ़ी चलती आ रही रही। लेकिन जो संपत्ति पिता की अपनी कमाई से बनाई गई है उनमे से लड़की का कोई हक नहीं होता।  न ही इस प्रकार की संपत्ति पर किसी का दावा मान्य होता है। वहीं आपको बता दे , सिर्फ बेटी ही नहीं पिता की संपत्ति में जब तक पिता जिन्दा है तब तक तो बेटे का भी कोई हक्क नहीं होता।    

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