Death Compensation: मुंबई में बारिश की वजह से नाली में गिरकर हुई महिला की मौत, इस मामले में किसको मिलेगी सजा और कितना मिलेगा मुआवजा, जानिए सबकुछ
Death Compensation: मानसून जब तक मानसून था तब तक सही था लेकिन मानसून ने जब से अपना विक्राल रूप दिखाया है , तब से हर जगह तबाही देखने को मिल रही है।कई राज्यों में झमाझम बारिश से लोग काफी परेशान है। मुंबई में भी इस समय बारिश के चलते लोगो का जन जीवन अस्त व्यस्त हो रखा है। कई जगहों पर पानी का जलभराव हो रखा है। बारिश के जलभराव से मुंबई के अँधेरी इलाके में एक 45 वर्ष की महिला की नाले में गिरकर मौत हो गयी है। वहीं इस मामले में मुंबई पुलिस ने नगरपालिका के ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आइए जानते है क्या ऐसी मौत पर सरकार की तरफ से मिलता है मुआवजा......
बीएमसी और ठेकेदार पर हुआ केस दर्ज (Death Compensation)
मुंबई में भारी बारिश के चलते हर जगह जलभराव ने लोगो को घर में रहने पर मजबूर कर दिया है। मुंबई के अँधेरी इलाके में जलभराव के कारण 45 साल की महिला विमल गायकवाड़ नाली में गिर गयी। जिसके के बाद बीएमसी की और से उन्हें बचने का प्रयास किया गया है। करीब 1 घंटे के ढूंढ़ने के बाद भी महिला को नाली से निकाला गया।उसके बाद भी महिला को अस्पताल में लें जाया गया जहा डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं मुंबई ने फिलहाल इस मामले में बीएमसी और बीएमसी के ठेकेदार पर केस दर्ज किया है। इस तरह के मामले में क्या है सजा का प्रावधान
लापरवाही के मौत से मिलती है सजा (Death Compensation)
अगर किसी की लापरवाही की वजह से मौत हो जाती है तो उस इंसान को गिर इरादन हत्या का दोषी माना जाता है। वहीं ऐसे मामलो में बीएनएस की धारा 104 - 1 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। जिसमे इस एक्ट के तहत 7 साल की जेल की सजा हो सकती है।इसके साथ ही इसमें जुर्माना का भी प्रावधान होता है। मुंबई के अँधेरी में हुई महिला की मौत को लेकर बीएमसी और ठेकेदार पर केस दर्ज किया गया है। वहीं महिला के पति ने भी बीएमसी की लापरवाही का आरोप लगाया है।
सरकार की तरफ से मिलता है मुआवजा (Death Compensation)
देश के अलग अलग राज्यों में आपदाओं के तहत मौत होने पर मुआवजा देने का अलग अलग प्रावधान है। मुंबई में भारी भारिश के चलते नाले के स्तर जमीन के स्तर पर आ गया था। जिस वजह से नाले में गिरकर महिला कि मौत हो गयी है। वहीं बारिश से होने वाली मौत को प्राकर्तिक श्रेड़ी में माना जाता है। इसके तहत मुंबई सरकार 4 लाख तक का मुआवजा देती है।