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Death For Falling In Pit: अगर सड़क पर बने गड्ढो की वजह से हो जाती है किसी व्यक्ति की मौत, तो सरकार होती है जिम्मेदार

Death For Falling In Pit: कई बार देखा गया है की सड़को पर गड्ढो की वजह से बहुत से लोग हादसे का शिकार हो जाते है , कई बार तो लोग अपनी जान तक गवा देते है। ज्यादातर मानसून में ऐसा होता है ,बरसात में इस तरह के केस बहुत ही ज्यादा देखने को मिलते है।
Death For Falling In Pit: अगर सड़क पर बने गड्ढो की वजह से हो जाती है किसी व्यक्ति की मौत, तो सरकार होती है जिम्मेदार
Photo by:  Google

Death For Falling In Pit: आज के समय में दुर्घटना बहुत ही ज्यादा देखने को मिल रहा है।सड़क पर चलते वक्त अक्सर लोगों को एहतियात बरतनी चाहिए , नहीं तो एक्सीडेंट होते देरी नहीं लगता है। वही कई बार देखा गया है की सड़को पर गड्ढो की वजह से बहुत से लोग हादसे का शिकार हो जाते है , कई बार तो लोग अपनी जान तक गवा देते है। ज्यादातर मानसून में ऐसा होता है ,बरसात में इस तरह के केस बहुत ही ज्यादा देखने को मिलते है। अभी हाल ही में मुंबई में एक महिला की मेनहोल में गिरकर मौत हो गयी थी। 

कई बार देखा गया है की सड़क पर निर्माण कार्य हो रहा होता है और इसके साथ बड़े बड़े गड्ढे बड़ा दिए गए होते है। और कई बार तो ऐसा होता है ऐसी सड़को की हालत यानी आधा अधूरा काम छोड़ कर कई कई दिनों तक काम करने वाले गायब रहते है। इसके लोए अलग से सुरक्षा का कोई इंतजाम भी नहीं होता है।

आम जनता को भी थक्क हार कर उसी गड्ढो में से गुजर कर जाना पड़ता है। जिस वजह से कई बार देखने को मिला है की लोग उन गड्ढो में गिर जाते है , और कई बात तो हादसा इतना खतरनाक होता है की व्यक्ति की मौत तक हो जाती है। ऐसे मे गड्ढे में गिरने की जिम्मेदारी किसकी बनती है , क्या इसमें मिलता है मुआवजा , आइये जानते है इस खबर को विस्तार से..... 

पूरी तरह से सरकार की होती है जिम्मेदारी (Death For Falling In Pit)

सड़को समेत कई तरह की जिमेदारी पूरी तरह से सरकार की होती है।भारत के सविधान के अनुछेद 21 में लिखा हुआ है की सभी भारतीय नागरिक को जीवन और स्वछता का अधिकार प्राप्त है।जीवन में अधिकार का मतलब है की सम्मान से जीने का अधिकार है और इस अधिकार का सरकार को रक्षा करने का अधिकार है।

सड़कों की पूरी जिम्मेदारी सरकार की सिविक बॉडी के अंतर्गत आती है।  ऐसे में अगर सड़क पर गड्ढा होता है तो इसकी भी जिमेदारी भी सड़क सिविक बॉडी की ही बनती है।  वही अगर किसी की उस गड्ढे में गिरकर मौत हो जाती है तो इसकी भी जिमेदारी सिविक बॉडी की ही होती है।  यानी एक तरह से साफतौर पर कहा जा है है की किसी भी व्यक्ति की मौत होती है गड्ढे में गिरकर तो इसकी जिम्मेदारी सरकार ही होगी।

केस तक हो सकता है दर्ज (Death For Falling In Pit)

अगर किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या जैसे - सड़कों पर गड्ढे ,सड़को का खुदा होना या मैन हॉल का ढक्का न होना। यह सब सिविक बॉडी की लापरवाही मानी जाती है। अगर कही सड़को पर कोई कंस्ट्रक्शन का काम किया जा रहा है वहा गड्ढा है या सड़के खुदी हुई है। और सड़क पर बने गड्ढे पर गिरकर किसी की मौत हो जाती है  तो फिर सिर्फ एक बॉडी पर लापरवाही से हुई मौत के तहत केस दायर किया जा सकता है। हाल ही में मुंबई में मुंबई में एक महिला बारिश की वजह से मैन हॉल में गिर गयी जिसकी वजह से उसकी मौत हो गयी। वही इस केस में वहा के नगर निगम और ठेकेदार से लापरवाही से मौत का केस दर्ज हुआ है।

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