क्या सच में वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक कराना होगा ? क्या है इसका प्रोसेस, फायदे और नुकसान! विस्तार से समझिए पूरी रिपोर्ट
अगर यह नियम लागू होता है। तो वोटर आईडी को आधार से लिंक करने के लिए नए मतदाता को फॉर्म 6 और पुराने मतदाताओं को B6 भरना होगा। इसके लिए आपके पास दो विकल्प होंगे। पहला यह कि आप अपना आधार नंबर दे दे। दूसरा यह कह सकते हैं कि कि मेरे पास आधार कार्ड नहीं है।

बीते 18 मार्च को दिल्ली में चुनाव आयोग,गृह मंत्रालय,UIDAI और IT मंत्रालय विभाग की कई बड़े अधिकारियों ने बैठक की।
इस बैठक में सहमति बनी की वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराया जाएगा। खबरों के मुताबिक इलेक्शन कमीशन आफ इंडिया का इसके पीछे का जो मकसद है। वह फर्जी वोटर पर लगाम लगाना और वोटिंग में पूरी तरीके से पारदर्शिता लाना। चुनाव आयोग ने कांग्रेस द्वारा 18 मार्च को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात स्वीकार की है कि राहुल गांधी के द्वारा लोकसभा में फर्जी वोटर्स का मुद्दा सही है। इलेक्शन कमीशन ने यह भी कहा है कि एक वोटर के पास कई वोटर आईडी कार्ड होते हैं। इससे वोट में धांधली होती है और अगर यह नियम लागू किया गया। तो इससे यह धांधली रुक सकती है। तो चलिए जानते हैं कि वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने से क्या फायदे-नुकसान होंगे। आखिर क्या है इसका पूरा प्रोसेस और क्या विपक्ष इस नियम को लागू करने में सहमति देगा ? अगर आपने लिंक नहीं कराया तो क्या इससे आपको नुकसान होगा ?
66.23 करोड़ से ज्यादा वोटरों की जानकारी इलेक्शन कमीशन के पास
इलेक्शन कमीशन ने साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि मतदाताओं को अपना आधार कार्ड देना जरूरी नहीं है। इनमें करीब 66 करोड़ 23 लाख वोटर्स ने अपनी मर्जी से आधार नंबर जमा करवाए हैं। उस दौरान सरकार ने यह भी कहा कि जो लोग आधार कार्ड को मतदाता सूची से नहीं जोड़ते। उनका नाम मतदाता सूची से नहीं काटा जाएगा। वहीं एक और रिपोर्ट में बताया गया है कि जो वोटर अपना आधार नहीं देगा। उसे 6B फॉर्म में बताना होगा। उम्मीद है कि यह बदलाव बिहार इलेक्शन से पहले आएगा। इसको लेकर तैयारियां जोर से चल रही है।
वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने के लिए क्या करना होगा ?
अगर यह नियम लागू होता है। तो वोटर आईडी को आधार से लिंक करने के लिए नए मतदाता को फॉर्म 6 पुराने मतदाताओं को B6 भरना होगा। इसके लिए आपके पास दो विकल्प होंगे। पहला यह कि आप अपना आधार नंबर दे दे। दूसरा यह कह सकते हैं कि कि मेरे पास आधार कार्ड नहीं है। जिसके पास आधार कार्ड नहीं है। वह कोई दूसरा डॉक्यूमेंट दे सकता है। जैसे पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासबुक या पासपोर्ट। अब जानते हैं स्टेप टू स्टेप इसका पूरा प्रोसेस
1 - आपको वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने के लिए 3 डॉक्यूमेंटस की आवश्यकता पड़ेगी। इनमें वोटर आईडी कार्ड,आधार कार्ड,ईमेल आईडी और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर।
2 - वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने के लिए सबसे पहले आपको इलेक्शन कमीशन की ऑफिशल वेबसाइट eci.gov.in पर जाना होगा। यहां पर आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा।
3 - आपका रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद आपको एक यूजर आईडी और पासवर्ड मिल जाएगा।
4 - आपको यूजर आईडी और पासवर्ड के साथ दोबारा से ऑफिशियल वेबसाइट के होम पेज पर जाना होगा और वहां लॉगिन करना होगा।
5 - यहां डैशबोर्ड में एक पेज खुलेगा। आपको माय प्रोफाइल पर क्लिक करना है।
6 - आप पुराने मतदाता हैं। तो फॉर्म 6 और नए मतदाता हैं। तो फॉर्म 6B ढूंढे।
7 - आपके सामने जैसे ही फॉर्म खुलेगा। सबसे पहले वोटर आईडी कार्ड की डिटेल्स भरे।
8 - उसके बाद आप आधार कार्ड की डिटेल्स सबमिट करें।
9 - प्रोसेस पूरा होने के बाद आपको एक रिसिप्ट मिलेगी। जिसे आपको अपने पास सुरक्षित सेव करके रख लेना है।
वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने पर आपको क्या फायदा मिलेगा ?
आपको बता दें कि अगर आप वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करते हैं। तो आपको 4 बड़े फायदे मिल सकते हैं।
1 - मतदाता यानी वोटर ID आसानी से आधार कार्ड के जरिए रजिस्ट्रेशन या अपडेट कर सकेंगे। इससे बिना किसी प्रक्रिया या और कोई दूसरा फॉर्म भरने से आपको निजात मिल जाएगी। इससे आपका पता बदल जाएगा और नया ID कार्ड बन जाएगा।
2 - मतदाता केंद्र पर किसी भी तरह का ID वेरिफिकेशन आसान और तेज हो जाएगा। आपको लंबी कतारों में लगकर अपने नंबर का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
3 - हर चुनाव में विपक्ष फर्जी वोटिंग का मुद्दा उठाती है। कई जगहों पर यह सच भी साबित होता है। ऐसे में वोटर आईडी आधार कार्ड से लिंक होने के बाद फर्जी वोटिंग की जो आशंका है। वह कम हो जाएगी।
4 - मतदाता सूची में अगर किसी तरह की कोई गड़बड़ी है। जैसे नाम या पता गलत होना। तो आधार से लिंक रहने पर यह आसानी से ठीक हो जाएगा। क्योंकि सारी डिटेल्स एक ही जगह इकट्ठा रहेगी।
क्या वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक ना करने पर कोई नुकसान होगा ?
बता दें कि अगर आप वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराते हैं। तो इससे आपको किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा। वोट देना हर एक भारतीय का अधिकार है। इससे आप निश्चिंत रहें कि अगर आप वोटर आईडी कार्ड को आधार लिंक नही कराते हैं। तो कोई नुकसान होगा।
क्या विपक्षी दल वोटर आईडी को आधार से लिंक कराने पर राजी होगा ?
विपक्षी नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि "कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक लगातार मतदाता सूचियों के मुद्दे को उठाता रहा है। इसमें असामान्य रूप से मतदाताओं को जोड़ना, हटाना या डुप्लीकेट वोटर आईडी के मुद्दे शामिल हैं। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि आधार से डुप्लीकेट वोटर नंबर की समस्या हल हो सकती है। लेकिन एक समस्या यह भी है कि वंचित और गरीब लोगों की लिंकिंग प्रोसेस में l मुश्किल हो सकती है।
कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने लगाए थे आरोप
कांग्रेस और इंडिया गठबंधन का आरोप है कि लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान सिर्फ 5 महीनों में 39 लाख नए वोटर्स जोड़े गए। जबकि पिछले 5 साल में सिर्फ 32 लाख नए वोटर्स जोड़े गए।
इलेक्शन कमीशन पर है बड़ा दबाव 2015 में इस पर लग चुका है रोक
इलेक्शन कमीशन पर डुप्लीकेट वोटर्स को रोकना बड़ा चैलेंजिंग काम है। उस पर पहले से ही मतदाता सूची में अप्रत्याशित नाम जोड़ने और हटाने को लेकर दबाव है। यही वजह है कि वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने का फैसला लिया गया है। जो प्रक्रिया आज 2025 में चल रही है। ऐसा ही कुछ साल 2015 में भी शुरू की जा चुकी है। लेकिन उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश पर रोक लगा दिया था। हालांकि साल 2021 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन की इजाजत मिल गई थी। इसके बाद से चुनाव आयोग ने मतदाताओं के आधार कार्ड का डेटाबेस इकट्ठा करना शुरू कर दिया था। लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक दोनों डेटाबेस को लिंक नहीं किया है।