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Floods Loss Compensation: अगर बारिश -बाढ़ में बह जाएं दूकान या घर, तो मिलेगा इस तरीके से मुआवजा

Floods Loss Compensation: मानसून की वजह से लोग स्कूल ,ऑफिस नहीं जा पा रहे है। दिल्ली , महाराष्ट्र , और भारत का सबसे तूफानी राज्य गुजरात में मानसून ने अलग से तबाही मचाई हुई है। बाढ़ की वजह से गुजरात में कई लोगो की मौत तक की खबर आ चुकी है।
Floods Loss Compensation: अगर बारिश -बाढ़ में बह जाएं दूकान या घर, तो मिलेगा इस तरीके से मुआवजा
Photo by:  Google

Floods Loss Compensation: भारत में इन दिनों मानसून ने कोहराम मचा रखा है।जहां देखों वहा पानी का सैलाब शहरों को डुबाता चला जा रहा है।आम इंसान का जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चूका है। मानसून की वजह से लोग स्कूल ,ऑफिस नहीं जा पा रहे है। दिल्ली , महाराष्ट्र , और भारत का सबसे तूफानी राज्य गुजरात में मानसून ने अलग से तबाही मचाई हुई है। बाढ़ की वजह से गुजरात में कई लोगो की मौत तक की खबर आ चुकी है।

वही केरल का भी हाल गुजरात जैसा ही है , केरल में भारी भारिश की वजह से भू - भूस्खलन हो गया है। जिसकी वजह से लाखों लोगो का जनजीवन प्रभावित हुआ है। तो वही हिमाचल प्रदेश के मनाली शहर में भी बादल फटने से कई लोगो को बहुत परेशानी झेलनी पड़ी है। वही इस बारिश की वजह से कई लोगो को काफी नुक्सान हुआ है।आइए जानते है कैसे करें इस नुक्सान की भरपाई , और कौन करेगा ?

इन लोगो की होती है जिम्मेदारी (Floods Loss Compensation)

जब किसी राज्य में कोई भी आपदा जैसे बारिश या बाढ़ आता है या किसी प्रकार की कोई आपदा आती है तो बहुत नुक्सान  झेलना पड़ता है।तो ऐसी सिचुएशन में जिले में प्राशाहन पर पूरे जिले में होने वाले नुक्सान का आकलन की जिम्मेदारी बनती है।  जिला कलेक्टर पदाधिकरियों के साथ मिलकर पूरे जिले में हुए नुक्सान का आकलन करता है और फायर रिपोर्ट तैयार करता है।इस रिपोर्ट को वह राज्य सरकार को भेजता है। इसके बाद रिपोर्ट को जांचने के बाद राज्य सरकार मुआवजे का ऐलान करती है। 

नगर पालिका या पंचायत में दें सुचना (Floods Loss Compensation)

भारी बारिश या बाढ़ के चलते आपके घर को या दुकान को नुक्सान होता है तो इसके लिए आपको अपने क्षेत्र के नगरपालिका में , नगर परिषद् में या फिर पंचायत में सूचना देनी होती है।  वही इसके बाद नगर परिषद् या नगर पालिका या पंचायत के सम्बंधित अधिकारियों द्वारा आपकी शिकायत जिला कार्यालय में कलेक्टर तक पहुंचाई जाती है।कलेक्टर उससे राज्य सरकार तक पहुँचता है।  

इतना मिलता है मुआवजा (Floods Loss Compensation)

जब किसी इलाके में बारिश या बाढ़ की वजह से नुक्सान होता है।तो अधिकारी उस जगह का सर्वे करती है।इसके साथ उस नुक्सान की फोटो खींचती है और बाढ़ की वीडियो भी बनाते है।  वही जब सारी रिपोर्ट राज्य की सरकार तक पहुँचती है। फिर इसके बाद राज्य सरकार अपने राहत कोष से जिन परिवारों का नुकसान होता है , उनको मुआवजा देती है।  

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