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Heat Stroke Compensation: अगर गर्मी में लू लगने से होती है मौत तो सरकार देती है 3 लाख रूपये

Heat Stock Compenstaion: इसके लिए भारत सरकार ने बड़ा ऐलान किया है की अगर कोई भी व्यक्ति की मौत गर्मी या लू लगने की वजह से होती है तो उसको सरकार की तरफ से मुआवजा मिलता है।
Heat Stroke Compensation: अगर गर्मी में लू लगने से होती है मौत तो सरकार देती है 3 लाख रूपये
Heat Stock Compensation: भारत में गर्मी ने तोड़ दिए कई सालों का रिकॉर्ड।तापमान 50 के पार पहुंच चूका है। तापमान बढ़ने की वजह से आजकल लोगो की बहुत मौत होने की खबर आ रही है। इसके लिए भारत सरकार ने बड़ा ऐलान किया है की अगर कोई भी व्यक्ति की मौत गर्मी या लू लगने की वजह से होती है तो उसको सरकार की तरफ से मुआवजा मिलता है। आपको बता दे, मृत व्यक्ति का पोस्टमार्टम करवाना अनिवार्य है।बिना पोस्टमार्टम के मुआवजा नहीं दिया जाएगा। आइए जानते है किसको मिलता है ये मुआवजा 

साल 2015  में बना था कानून 


साल 2015  में भारत सरकार ने हीट वेव यानी लू  से होने वाली मौतों की रोकथाम रोकने के लिए कानून बनाया था। इस कानून को सरकार ने प्राकर्तिक आपदा को लेकर दर्ज किया था। इस एक्ट में सरकार ने हिदायत दी की अगर कोई व्यक्ति की लू की वजह से मौत होती है तो उस राज्य की सरकार पीड़िता को मुआवजे की राशि देगी। सरकार द्वारा बनाये गए कानून के अंतर्गत अगर किसी की मौत होती है तो ३ लाख का मुआवजा दिया जाएगा। इस मुआवजे की राशि के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्ये सरकार द्वारा फण्ड मुहैया करवाया जाता है ।

कैसे मिलता है मुआवजा ?


पहले इस तरह के केस में कोई मुआवजा नहीं था। लेकिन मोदी सरकार के आते ही 2014  में हीट वेव से मरने वालो के लिए मुआवजा बनाया गया। इस तरह की मौतों को प्राकर्तिक आपदाओं की श्रेड़ी में जोड़ा गया है । मुआवजे के लिए पीड़िता को प्राकर्तिक आपदा की श्रेड़ी के लिए आवेदन करना  होगा। पहले इसकी जाँच प्रखंड उच्च अधिकारी द्वारा की जाती है। इसके बाद तहसीलदार , नायाब तहसीलदार रिपोर्ट आगे सरकार को भेजती है।  इसके बाद मुआवजा पीड़िता को दिया जाता है।अगर कोई पीड़िता पोस्टमार्टम के लिए मना करता है तो उसको मुआवजा का एक पैसा भी नहीं मिलेगा।    
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