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संभल जैसे दंगो में पुलिस बिना वारंट के कर सकती है किसी को भी गिफ्तार,जाने क्या है नियम

Sambhal Violence: पुलिस अब इस हिंसा की घटना में शामिल लोगो की पहचान कर रही है। इस तरह की घटनाओ में पुलिस को ज्यादा पावर दे दी जाती है। वही कई लोगो के मन में ये भी सवाल आता है की दंगो और हिंसा की घटनाओं में पुलिस किसी को भी बिना वारंट के उसको घर से उठा सकती है।
संभल जैसे दंगो में पुलिस बिना वारंट के कर सकती है किसी को भी गिफ्तार,जाने क्या है नियम
Photo by:  Google

Sambhal Violence: संभल में इन दिनों हालात बेहद ही नाजुक है। भीड़ ने पुलिस पर न सिर्फ पथराव किए पुलिस के वाहनों को भी जलाया है।  इतना ही नहीं इस हिंसा की घटना में चार लोगो की मौत भी हो चुकी है। पुलिस अब इस हिंसा की घटना में शामिल लोगो की पहचान कर रही है। इस तरह की घटनाओ में पुलिस को ज्यादा पावर दे दी जाती है।  वही कई लोगो के मन में ये भी सवाल आता है की दंगो और हिंसा की घटनाओं में पुलिस किसी को भी बिना वारंट के उसको घर से उठा सकती है।आइये जानते है इसको लेकर क्या है नियम .....

पुलिस बिना किसी वारंट के कर सकती है गिरफ्तार 

भारतीय सविधान के तहत पुलिस के पास कुछ स्पेशल अधिकार होते है।  जिसका इस्तेमाल कर पुलिस किसी भी सिचुएशन में बिना किसी वारंट के किसी को भी गिरफ्तार कर सकते है।  भारतीय कानून के तहत पुलिस अधिकारी बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के और बिना वारंट के किसी व्यक्ति को तभी गिरफ्तार कर सकते है जब किसी का अपराध सेंगय अपराध की श्रेड़ी में आता है।  सेंगय अपराधों में पुलिस को बिना वारंट के ही किसी व्यक्ति को उसके घर से उठा सकती है।  हिंसा और दंगे अगर अपराध की श्रेड़ी में आते है तो ऐसे में पुलिस किसी दंगाई को और हिंसा के अपराध में शामिल किसी भी संदिध को बिना वारन्टी के कर सकती हो गिरफ्तार।  

इन नियमो को फॉलो करना है जरुरी 

भारत के कानून में पुलिस संज्ञेय अपराधों के लिए किसी को गिफ्तार करने के लिए वारंट की जरूरत नहीं होती है।भारतीय दंड सहिंता के मुताबिक बलात्कार , हत्या , चोरी दंगा ,जैसे अपराध संज्ञेय अपराधों की श्रेड़ी में आते है। हालांकि पुलिस इन मामलो में किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले FIR दर्ज करती है।  इसके लिए पुलिस को पहले कुछ जांच करनी जरुरी होती है। मामले की गंभीरता और सच्चाई पता लगाना भी पुलिस का पहला काम होता है।  ऐसे केस में गिरफ्तारी के 24 घंटो के अंदर ही पुलिस को गिरफ्तार व्यक्ति को अदालत में भी पेश करना होता है।   

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