PM Kisan Yojana: किसानों की क़िस्त पर है हैकर्स की नजर, अब तक इतने पैसों की हो चुकि है लूट, सरकार ने जारी किया अलर्ट
PM Kisan Yojana: भारत एक कृषि प्रधान देश है।इसी के तहत सरकार किसान के लिए तरह तरह की योजना चलाती है।गरीब और जरुरतमंदो को ध्यान में रखते हुए सरकार योजना बनाती है।किसानों का सिर्फ खेती से गुजारा नहीं हो पता। कभी खेती में नुकसान की वजह से फसल बर्बाद हो जाते है तो उनको आर्थिक तंगी से झूझना पड़ता था। इन्ही सब को देखते हुए सरकार किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चलाती है।
इस योजना के तहत किसानो को आर्थिक लाभ की मदद दी जाती है।सालाना 6 हजार की राशि दी जाती है किसानों के खाते में हर चार महीने में 2 हजार की राशि क़िस्त के रूप में डीबीटी खाते में डाली जाती है। लेकिन किसानों की राशि पर अब हैकर्स की नजर पड़ गयी है।सिर्फ 1 मैसेज के द्वारा किसानो के अकाउंट से पैसे कट जाते है। ऐसे में किसानों को सावधान रहने की जरूरत है।आइए जानते है इस खबर को विस्तार में ........
ऐसे करते है हैक (PM Kisan Yojana)
किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत मिलने वाली राशि को लेकर इन दिन साइबर केस के मामले देखने को मिले है। किसान विभाग के पास सिर्फ एक केस नहीं कई केस आ चुके है, जिसमे किसान सम्मान निधि स्कीम के नाम से मैसेज आता है और जैसे ही आप लिंक पर क्लिक करते है तो अकाउंट से पैसे कट जाते है। ऐसे में किसान को सावधान रहने की सख्त जरूरत है
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते है की हैकर्स आपका फोन तभी हैक करता है, जब आप खुद से कोई गलती करें क्योकि किसी भी फ़ोन को हैक करने के लिए परमिशन की जरूरत होती है। इस परमिशन के कई तरह से यूजर के पास से भेजा जाता है। इसलिए यूजर को ध्यान रखने की जरूरत है।
हैकर्स अपनाते है सारे सोर्स (PM Kisan Yojana)
- हैकर्स आपके फ़ोन को हैक करने के लिए फेसबुक ,व्हाट्सप्प ,मैसेज या ईमेल के जरिए लिंक भी भेजा जाता है। अगर आप लिंक पर करते है तो तुरंत हैकर्स को उसका पेर्मिशन मिल जाता है। इसके अलावा फेस्टिवल सीजन में भारी डिस्काउंट , सरकारी योजना का लाभ या फिर घर में पैसे कमाने जैसे स्कीम का लालच देते है।
- इन फिशिंग वेबसाइट या ऐप को इस तरह डिज़ाइन किया जाता है। ये देखने में बिल्कुल असली लगता है। कई बार तो अच्छे खासे समझदार यूजर्स भी धोखा खा जाते है। लेकिन ये साइट्स फ्रॉड होती है। और इन पर डिटेल्स डालते ही लोग इसका शिकार हो जाते है।
- इन नकली वेबसाइट या लिंक की पहचान करने के लिए एक्सपर्ट बताते है , की किसी भी वेबसाइट पर अपनी जानकारी दर्ज करने से पहले जांच कर ले। हर जगह अपनी जानकारी न दे ,अगर आपको वेबसाइट को लेकर कोई संदेह है तो गूगल के सिक्योर ब्राउज़िंग पर जाकर फेक वेबसाइट की रिपोर्ट करें।
- फॉक्स ऐप के जरिए स्काम्मेरस स्मार्टफोन में मालवेर इनस्टॉल कर देते है। जिससे यूजर का डाटा (password , Email ,फ़ोन नंबर) चोरी कर लेते है। फिर इसका इस्तेमाल करके पैसे काट लेते है
- वहीं अगर आपको हैकिंग लिंक को पहचाने के लिए लिंक के आखिरी में (apk , ecx ,pif ,vbs ) जैसे कीवर्ड लिखे होते है।
- इसके अलावा ( Anydesk ,Teamviewer ,Airdrops ऐप जैसे कभी भी संदिग्ध लिंक के जरिए फ़ोन या लैपटॉप में इंस्टाल न करें।
इस तरह से वापस पाएं पैसे (PM Kisan Yojana)
वहीं अगर आपके साइबर ठगी से पैस काटते है तो उसे वापस लेने के लिए तुरंत नजदीकी साइबर सेल पुलिस से शिकायत दर्ज करे। इसके अलावा आप राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल या 1930 पर शिकायत दर्ज कर सकते है। अगर शिकायत 30 मिनट के भीतर होती है तो रिफंड होने की सम्भावना ज्यादा रहती है।
अगर साइबर ठग ने पैसो को ATM से नहीं निकला है तो तुरंत ही रिफंड हो सकता है। अगर आपने शिकायत दर्ज करने में देरी कर दी तो आपको रिफंड मिलने के चांस बेहद कम हो जाता है।