RBI ने SBI, ICICI और HDFC बैंको को इस सूची में किया शामिल, तीनों बैंकों को लेकर कही बड़ी बात
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक SBI और निजी क्षेत्र के दो सबसे बड़े बैंक HDFC और ICICI को (D-SIBs) की श्रेणी के लिए चुना है। तीनों ही बैंक के किसी भी तरह से फेल होने पर सरकार इनकी मदद करेगी।
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने देश के तीन बड़े बैंकों को एक खास कैटेगरी में शामिल किया है। इनमें सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बैंक SBI और निजी क्षेत्र के दो बड़े बैंक ICICI और HDFC बैंक शामिल है। आपको बता दें कि तीनों बैंकों को घरेलू बैंकों के तौर पर चुना गया है।
इन शर्तों के साथ तीनों बैंकों को इस श्रेणी में शामिल किया गया
जानकारी के लिए बता दें कि (D-SIB) की लिस्ट में शामिल होने के लिए बैंकों को कुछ शर्तों को पूरा करना होता है। SBI,ICICI और HDFC को इन बैंकों को जिस बकेट में क्लासीफाई किया गया है। इनमें कैपिटल कंजर्वेशन बफर के साथ इक्विटी टियर 1 को बरकरार रखना जरूरी है।
SBI,HDFC,ICICI बैंक किस बकेट में शामिल
बता दें कि ICICI बैंक बकेट 1 में शामिल है। इसमें बैंक को 0.20 फीसदी का CET1 बफर रखना होगा। HDFC बैंक बकेट 2 में शामिल है। इसे 0.40 फीसदी कॉमन इक्विटी टीयर 1 में रखना होगा। वहीं देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI बकेट 4 में शामिल है। इसे 0.80 फीसदी एडिशनल कॉमन इक्विटी टीयर 1 में रखना होगा।
क्या होता है D-SIB ?
आपको बता दें कि (D-SIB) ऐसे बैंकों को कहा जाता है। जो बिग टू फेल (TBTF) की श्रेणी में आते हैं। ऐसे बैंकों के फेल होने का देश के आर्थिक हालात पर बड़ा असर पड़ सकता है। इस कंडीशन पर RBI इन बैंकों को अपनी तरफ से मदद करती है। इससे पहले साल 2023 में इन तीनों बैंकों को इस श्रेणी में शामिल किया गया था। इस श्रेणी (D-SIB) को आरबीआई ने साल 2014 में बनाया था। SBI पहली बार साल 2015 में और ICICI बैंक साल 2016 में शामिल हुआ था। वही HDFC बैंक साल 2017 में इस सूची में शामिल किया गया था। जानकारी के लिए बता दें कि RBI द्वारा SBI और HDFC बैंक के लिए अधिक (D-SIB) सरचार्ज 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा।